Flood in Gorakhpur: यूपी के गोरखपुर जिले में आई बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. प्रशासन लोगों की मदद के दावे तो कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है. गोरखपुर शहर और गांव में चल रही जुगाड़ की नाव प्रशासनिक अमले को मुंह चिढ़ा रही हैं. शहर के दक्षिणी छोर पर महिलाओं, पुरुष और बच्‍चों को थर्माकोल पर चौकी बांधकर जुगाड़ की नाव बनाकर जन जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है. वहीं कुछ जगहों पर ग्रामीणों को ट्यूब पर पटरा बांधकर जुगाड़ चला रहे हैं.


गौरतलब है कि गोरखपुर में बीते एक महीने से हो रही बारिश और नेपाल के पहाड़ों से राप्‍ती, रोहिन, घाघरा, आमी, गोर्रा और कुआनो नदियों के उफान से शहर और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शहर के निचले इलाकों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की भी दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीते तीन दिनों में राप्‍ती, रोहिन और घाघरा के जलस्‍तर में उतार आया है, लेकिन फिर भी खतरा बरकरार है. आमी और गोर्रा का कहर शहर के दक्षिणी ग्रामीण इलाके में बरप रहा है.


प्रशासन के दावे फेल
गोरखपुर प्रशासन लगातार राहत सामग्री, राशन किट और चिकित्‍सा सुविधा के साथ नाव लगाने के दावे कर रहा है, लेकिन ये दावे खोखले नजर आ रहे हैं. गोरखपुर शहर के दक्षिणी छोर पर निचला इलाका होने की वजह से लोगों के घरों में छह फीट तक बाढ़ का पानी आ गया है. अधिकतर लोगों को छत पर शरण लेनी पड़ी है. इसके अलावा बिजली और पीने के पानी की समस्‍या से लोग दो-चार हो रहे हैं.



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