Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर में एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के तीमारदारों को अब दुश्वारियों और मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर अब वहां एक हजार बेड का रैन बसेरा बनने जा रहा है. जिससे गोरखपुर के अलावा आसपास के जिलों और बिहार-नेपाल से आने वाले मरीजों के तीमारदारों को होटल-गेस्ट हाउस और खुले में सोने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा.
बीते दिनों गोरखपुर एम्स में ब्लड और डायलिसिस यूनिट के शुभारंभ के अवसर पर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीमारदारों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए एम्स प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है.बड़े रैन बसेरे की दरकार है. सीएम ने एम्स के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में उद्योग लगा रही कई विदेशी कंपनियां लेख सीएसआर फंड का निवेश करना चाहती हैं. उन्होंने एम्स प्रशासन से कहा कि एक हजार बेड के रैन बसेरे का प्रस्ताव तैयार करें
'1 हजार बेड का रैन बसेरा होगा तैयार'
गोरखपुर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पाल और प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा रिटायर्ड आईएएस ने बताया कि प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कुछ ही दिनों में प्रस्ताव तैयार करने के बाद उसे प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा. यह प्रस्ताव हाइट्स और एलएनटी की मदद से तैयार कराया जाएगा. एम्स में इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों के तीमारदारों को एम्स में जल्द ही एक हजार बेड का रैन बसेरा तैयार होकर मिल जाएगा. इसे कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से तैयार किया जाएगा.
उद्घाटन के बाद लगातार विस्तार हो रहा एम्स का
गोरखपुर में एम्स का उद्घाटन होने के बाद से ही इसका लगातार विस्तार हो रहा है. एम्स में 750 बेड का अस्पताल है. यहां रोजाना करीब तीन हजार मरीज ओपीडी में इलाज करने आ रहे हैं. यह मरीज गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, देवीपाटन, बनारस मंडलों के अलावा पश्चिम बिहार के 10 जिले, नेपाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व झारखंड से आते हैं. एम्स में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों के साथ आए तीमारदारों को रात गुजारने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कंपा देने वाली ठंड में खुले में सोना उनके लिए मुश्किलों का सबब बन जाता है.