Gorakhpur News: हरियाणा के किसान रहे देहदानकर्ता बृजलाल सहारन दूसरे किसानों और पढ़े-लिखे लोगों के लिए नजीर बन गए हैं. क्योंकि उन्होने गंभीर बीमारी की दवाओं और रिसर्च के लिए मानव देह की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए खुद की देह दान करने का संकल्प ले लिया था. 6 फरवरी को डेरा सच्चा सौदा के भक्त 55 वर्षीय पिता बृजलाल के निधन के बाद उनका पार्थिव देह लेकर उनके बेटे जयकुमार AIIMS गोरखपुर पहुंचे. गुरुवार को एक और मानव देह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स गोरखपुर के एनाटोमी विभाग पहुंचा. यह शव हरियाणा के किसान बृजलाल सहारन का है. जो डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी भी थे. उन्होंने डेरा सच्चा सौदा आश्रम जिंसा द्वारा चलाए गए देहदान मुहिम के तहत 15 साल पहले देहदान का संकल्प प्रपत्र भरा था.


देहदानकर्ता बृजलाल सहारन का जन्म सन 1967 ईसवी में ग्राम कालुआना तहसील डबवाली सिरसा हरियाणा में हुआ था. वे पेशे से किसान थे. शव के साथ एम्स गोरखपुर आए उनके एकलौते पुत्र जय कुमार ने बताया कि पिताजी ने 6 फरवरी की शाम 4.20 पर अपने घर पर अंतिम सांस ली. इसकी सूचना 7 फरवरी को डेरा सच्चा सौदा आश्रम को दी गई. सभी रिश्तेदारों की उपस्थिति में औपचारिकता पूरी कर दिन में 12 बजे एम्बुलेंस से निकला. जहाँ 8 फरवरी की दोपहर एम्स गोरखपुर पहुंच गया. यहां एनाटोमी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर के. एस. रवि की मौजूदगी में शव सुपुर्द किया गया.


पुत्र जयकुमार भी करेंगे देहदान
देहदान कर्ता बृजलाल सहारन के एकमात्र पुत्र जय कुमार भी डेरा सच्चा सौदा के भक्त हैं. उन्होंने भी देहदान का संकल्प लिया है. 35 वर्षीय जय कुमार अभी पढाई कर रहे हैं, जबकि उनकी धर्मपत्नी सरकारी नौकरी करती हैं. जय कुमार ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा आश्रम में ऐसे सैकड़ों भक्त हैं, जिन्होंने देहदान का संकल्प ले रखा है. 


सीईओ के प्रोत्साहन से तीसरा शव पहुंचा एम्स 
एम्स के कार्यकारी निदेशक व सीईओ प्रो. गोपाल कृष्ण पाल के प्रोत्साहन का फल है कि 3 जनवरी को उनके कार्यभार संभालने के महज एक माह के भीतर तीसरा मानव शव एम्स पहुंच चुका है. अब तक एम्स को 29 शव मिल चुके हैं. जबकि 64 लोगों ने देहदान का संकल्प प्रपत्र भरा है.


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