UP News: यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) के रहने बॉक्सर गोविंद साहनी (Govind Shahni) ने जॉर्डन में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप (Aisan Boxing Champianship) में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. भारत लौटने पर उनका गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) के निर्देश पर संतकबीर नगर के सांसद प्रवीण निषाद (Praveen Nishad) समर्थकों के साथ निषाद समाज के लोग स्वागत के लिए उमड़ पड़े. इस दौरान गोविंद साहनी ने कहा कि उनका सपना भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतना है. इसके लिए वह कठिन परिश्रम कर रहे हैं.


किसान के बेटे हैं गोविंद साहनी
किसान के बेटे गोविंद साहनी ने कहा कि वह भारत के लिए कांस्य पदक लाकर काफी खुश हैं. उन्होंने जॉर्डन में चल रही एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 6 नवंबर को क्‍वॉर्टर फाइनल में कुवैत के बॉक्सर मंसूर खलीफा को बुरी तरह से मात दे दी. एक तरफा मुकाबले में उन्होंने नौ मिनट के खेल में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को तीन मिनट में ही नॉकआउट कर दिया. उन्होंने बताया कि सेमीफाइनल में वह 10 नवंबर को कजाकिस्तान के बॉक्सर से 4-1 से हार गए. लेकिन वह निराश नहीं है. वह भारत के लिए स्वर्ण पदक लाने का सपना जरूर पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार का सपोर्ट मिले, तो बॉक्सिंग में यूपी के युवा काफी कुछ कर सकते हैं.


28 देशों के प्रतिनिधियों ने लिया था हिस्सा


30 अक्टूबर से 13 नवंबर तक जॉर्डन में चल रहे एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोविंद साहनी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. इस चैंपियनशिप में 28 देशों के बॉक्सरों ने प्रतिभाग किया. गोविंद उत्तर प्रदेश के पहले बॉक्सर हैं, जो इस चैंपियनशिप में पहुंचे हैं. क्वॉर्टर फाइनल में उन्होंने कांस्य पदक जीता है. विजेता बने गोविंद साहनी ने बातचीत में बताया कि वह उत्तर प्रदेश के पहले बॉक्सर हैं, जो इस चैंपियनशिप में पहुंचे. गोरखपुर के बनकटवा के रहने वाले किसान संतलाल साहनी और गायत्री देवी के चार बेटों में तीसरे नंबर के 25 वर्षीय गोविंद साहनी पिछले 14 साल से बॉक्सिंग कर रहे हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा गोरखपुर में हुई है. उन्होंने मारवाड़ इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण किया है. वह बताते हैं कि उनके बड़े भाई सुनील साहनी कराटे प्‍लेयर रहे हैं. उनको देखकर ही उनका खेल के प्रति रुझान हुआ. लेकिन उन्होंने बॉक्सिंग को करियर के रूप में चुना. वे लगातार रीजनल स्टेडियम गोरखपुर में प्रैक्टिस करते रहे.



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