Uttar Pradesh News: अफ्रीकी देश सूडान में गृहयुद्ध संकट (Sudan crisis) में फंसे भारतीयों की वतन वापसी की मुहिम 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत अब तक लगभग छह सौ लोगों का रेस्क्यू किया गया है. इनमें गोरखपुर-बस्ती मंडल (Gorakhpur-Basti) के भी 31 लोग शामिल हैं. बता दें कि, देवरिया के 12, कुशीनगर के 13, गोरखपुर के 5 और सिद्धार्थनगर के 1 लोग की वतन वापसी पर योगी सरकार ने पूरी देखभाल के साथ उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के निर्देश पर प्रदेश शासन के अधिकारी लगातार विदेश मंत्रालय की टीम के साथ संपर्क में हैं.


सीएम ने निर्देश दिया है कि, यूपी के जो भी नागरिक सूडान से लौट रहै हैं, उनको रिसीव करने के बाद उनके भोजन-नाश्ते की व्यवस्था करते हुए सुविधाजनक साधन से उनके घर तक पहुंचाया जाए. वहीं रेस्क्यू कर वाया जेद्दा दिल्ली लाए गए यूपी के नागरिकों को गुरुवार को एसी बसों से उनके घर तक पहुंचाया गया. गोरखपुर-बस्ती मंडल के 31 नागरिकों का दल एसी बस से गुरुवार दोपहर बाद सहजनवा पहुंचा. इनमें 5 लोग गोरखपुर जिले के, देवरिया के 12, कुशीनगर के 13 और 1 सिद्धार्थनगर जिले के रहने वाले थे. यहां पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया उसके बाद एक रेस्टोरेंट में खाना खिला कर फिर उनके गृह क्षेत्र लग्जरी गाड़ियों से भेजा गया.


जयकारों के बीच अफसरों ने की अगवानी
सूडान के मुश्किल हालात से निकलकर वतन वापसी करने वाले नागरिकों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. सहजनवा में बस से उतरते ही उन्होंने भारत माता की जय, वंदे मातरम, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, योगी बाबा जिंदाबाद, इंडियन एम्बेसी जिंदाबाद और यूपी प्रशासन जिंदाबाद के जयकारे लगाने लगे. इन नागरिकों का एडीएम वित्त और राजस्व राजेश सिंह, एसडीएम सहजनवा सुरेश कुमार राय, जिला आपदा प्रबंधक गौतम गुप्ता, नायाब तहसीलदार अमित कुमार सिंह, जिला सूचना अधिकारी प्रशांत श्रीवास्तव ने माला पहनाकर स्वागत किया. वहीं सूडान से लौटे नागरिकों ने कहा कि, वहां हाल ही में बिताए गए दिन बेहद खौफनाक रहे, लेकिन सरकार की पहल से सुरक्षित वतन वापसी और यहां इतनी आत्मीयता से देखभाल के साथ घर तक पहुंचाने की व्यवस्था से खौफ छू मंतर हो गया. मोदी सरकार ने जिस तरह हमें संकट से निकाला और योगी सरकार ने घर पहुंचने तक हर कदम पर ख्याल रखा, वह अभिभूत कर देने वाला है.


कुछ दिन और फंसे रहते तो भूख से मर जाते
मीडिया से बातचीत में गोरखपुर के हथियापरास निवासी जनार्दन त्रिपाठी, राजेंद्र नगर के मनीष गुप्ता, गगहा के देव नारायण, कुशीनगर के राघवेंद्र यादव, देवरिया के संतोष चौरसिया ने कहा कि, गृहयुद्ध के कारण सूडान में पिछले 15 दिनों से हालात बहुत खराब हो गया था. हमारी कमाई तो वहीं लूट ली गई. अगर हम कुछ दिन और फंसे रहते तो भूख से मर जाते. नागरिकों ने बताया कि उन्हें इंडियन एम्बेसी ने पोर्ट सूडान से नेवी, आर्मी और एयरफोर्स की मदद से जेद्दा भिजवाया. वहां से उन्हें हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया. यूपी भवन में भोजन व विश्राम कराने के बाद योगी सरकार ने उन्हें घर भेजने और रास्ते में खानपान की  व्यवस्था की.



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