गोरखपुर: जिला पंचायत अध्‍यक्ष के चुनाव में बीजेपी प्रत्‍याशी साधना सिंह का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है. शनिवार को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक होने वाले नामांकन की प्रक्रिया के बीच बीजेपी और सपा समर्थकों के बीच जमकर बवाल हुआ. बीजेपी समर्थकों ने सपा प्रत्‍याशी को कलेक्‍ट्रेट के मुख्‍य द्वार से अंदर नहीं जाने दिया. इतना ही नहीं बल्कि सपा के पूर्व सदस्य की जमकर पिटाई कर दी. 3 बजे तक बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सपा प्रत्याशी को गेट के अंदर नहीं आने दिया. तीन बजे तक साधना सिंह का ही पर्चा दाखिल हो सका. अब साधना सिंह का निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित होना तय हो गया है. इस बीच बीजेपी समर्थकों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कोरोना प्रोटोकॉल की भी खूब धज्जियां उड़ाई.


गोरखपुर में शनिवार को कलेक्‍ट्रेट परिसर सुबह से ही छावनी में तब्‍दील रहा. इस बीच 11.30 बजे बीजेपी प्रत्‍याशी साधना सिंह जिलाधिकारी न्‍यायालय में नामांकन दाखिल करने पहुंची. इस बीच उन्‍होंने अपनी जीत का दावा भी किया. उनके समर्थन में कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे गोरखपुर के सांसद रविकिशन ने भी उनकी जीत का दावा करते हुए सपाइयों को स्‍कूल में पढ़ने और राजनीति न करने की सलाह दे दी. साधना सिंह ने उनके कलेक्‍ट्रेट परिसर में प्रवेश करते ही बीजेपी के सैकड़ों समर्थक भी कलेक्‍ट्रेट परिसर के अंदर आ गए. इस बीच सपा ने पूर्व घोषित प्रत्‍याशी आलोक कुमार गुप्‍ता के अपहरण का आरोप लगाते हुए जितेन्‍द्र यादव को प्रत्‍याशी घोषित कर दिया. सपाई शास्‍त्री चौक तक पहुंचे, तो उन्‍हें वहां पर रोक दिया गया. इसके बाद सपाईयों का गुस्‍सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. वार्ड नंबर 19 से जिला पंचायत सदस्‍य बीजेपी प्रत्‍याशी साधना सिंह के अलावा वार्ड नंबर 11 से संगीता नाम की प्रत्‍याशी ने पर्चा दाखिल किया. लेकिन, उसका पर्चा खारिज हो गया. यही वजह है कि साधना सिंह का निर्विरोध निवार्चन तय हो गया है.


सपाई शास्‍त्री चौक पर धरने पर बैठ गए


पहले सपाई शास्त्री चौक पर पहुंचे. यहां पुलिसकर्मियों की रोक टोक के बाद 1.30 बजे एडीएम सिटी राकेश श्रीवास्तव, एसपी सिटी सोनम कुमार और एसपी ट्रैफिक रामसेवक गौतम शास्त्री चौक से सपा प्रत्याशी समेत चार लोगों को लेकर कलेक्ट्रेट स्थित नामांकन कक्ष की तरफ बढ़े कि मुख्य गेट पर बीजेपी समर्थकों ने रोक लिया. साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य पारस यादव की जमकर पिटाई कर दी. डर के मारे सपा प्रत्याशी और उनके साथ मौजूद जिलाध्‍यक्ष नगीना प्रसाद साहनी और प्रस्‍तावक और समर्थक गेट के बाहर ही खड़े रहे. सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अरुण कुमार सिंह बीजेपी समर्थकों को गेट के पास से हटने के लिए समझाने में जुटे रहे. बीजेपी समर्थकों के हंगामें और अपशब्‍दों के प्रयोग के आगे आखिरकार सपा जिलाध्यक्ष नगीना साहनी अपने प्रत्याशी के साथ लौटना पड़ा. इसके बाद सपाई शास्‍त्री चौक पर धरने पर बैठ गए.


जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी साधना सिंह ने शनिवार को जिलाधिकारी कोर्ट में बनाए गए पर्चा दाखिला कक्ष में  11:45 पर पहुंच गईं. उन्‍होंने 12:45 पर पहले सेट  का पर्चा दाखिला किया. इसके बाद वे प्रस्तावकों के साथ बैठी रहीं. दूसरे, तीसरे और चौथे सेट का पर्चा 3 बजे तक दाखिल करती रहीं. वहीं उनके समर्थक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को गेट के अंदर  आने नहीं दिए. शासन-प्रशासन और आलाधिकारी भी मूकदर्शक बन कर साधना सिंह के समर्थकों को खानापूर्ति कर समझाते रहे.


समाजवादी पार्टी ने अंतिम समय में अपना प्रत्याशी बदल दिया


नाटकीय तरीके से समाजवादी पार्टी ने अंतिम समय में अपना प्रत्याशी बदल दिया. आलोक गुप्ता की जगह बड़हलगंज वार्ड नंबर 47 से जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र यादव को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया. जितेंद्र यादव शुक्रवार की शाम तक पर्चा न मिलने का आरोप लगा रहे थे. वहीं कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश न मिलने के कारण जितेंद्र यादव पर्चा दाखिल नहीं कर सके. ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी साधना सिंह निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय हो गया है. सपा के घोषित प्रत्याशी सपा ने वार्ड नंबर 46 के जिला पंचायत सदस्य आलोक कुमार गुप्ता को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था.


बीजेपी समर्थकों ने कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में कब्‍जा कर लिया. नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद बीजेपी समर्थित प्रत्याशी साधना सिंह ने कहा कि उनके सामने कोई चुनौती नहीं है. वह विकास करने के लिए आई हैं और विकास करेंगी. उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल के दौरान जो कार्य शेष रह गए थे, उसे पूरा किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि चुनौतियों से लड़ना हमारी आदत है, जो भी चुनौती आएगी, उसका मजबूती से सामना किया जाएगा. जनता से जो वादे किए गए हैं उसे पूरा करेंगे. जिले के हर क्षेत्र का विकास किया जाएगा. विकास के लिए सबको साथ लेकर चलेंगे.


सपा के घोषित प्रत्‍याशी आलोक कुमार गुप्‍ता के अपहरण का आरोप लगाया


वहीं समाजवादी पार्टी के जिलाध्‍यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने सपा के घोषित प्रत्‍याशी आलोक कुमार गुप्‍ता के अपहरण का आरोप लगाया. उन्‍होंने कहा कि पुलिस-प्रशासन सत्ता पक्ष के इशारे काम कर रहा है. उनके प्रत्‍याशी को नामांकन दाखिल करने के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया. उन्‍होंने कहा कि प्रजातंत्र के इतिहास में उन लोगों ने पहली बार देखा कि पुलिस-प्रशासन बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहा है. जबसे सपा ने आलोक गुप्‍ता को प्रत्‍याशी बनाया, तभी से जिला प्रशासन उन्‍हें फर्जी मुकदमें दर्ज करने की धमकी देने लगे. आज उनके परिवार के लोग जब नामांकन के लिए निकल रहे थे, उनके परिवार को रोक दिया.


नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि इसके अलावा दूसरे प्रत्‍याशी वार्ड नंबर 16 से धर्मेन्‍द्र यादव का पुलिस ने अपहरण कर लिया. युवा नेता जितेन्‍द्र यादव को अध्‍यक्ष के नामांकन के लिए लेकर आगे बढ़ने के लिए आए, तो गेट पर दो घंटे तक रोक दिया गया. जबकि बीजेपी के समर्थक और वांटेड अपराधी भी अधिकारियों के सामने ही अंदर मौजूद रहे हैं. यहां पर पत्रकारों को भी मारने का प्रयास किया गया. प्रशासन हाथ जोड़कर मौन बना रहा. प्रत्‍याशी जितेन्‍द्र यादव और हमारे साथी को बुरी तरह से पीटा. पार्टी नेतृत्‍व को अवगत करा दिया गया है. हम चुप नहीं बैठेंगे और शीर्ष नेतृत्‍व का जैसा निर्देश होगा, वैसा ही करेंगे. जनता विकास के लिए 2022 का इंतजार कर रही है.