Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर में प्रशासन का बुलडोजर सोमवार को एक बार फिर गरजा है. इस बार जेल में बंद गोरखपुर के टॉप-10 माफिया अजीत शाही के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया गया है. अजीत शाही के खिलाफ गैंगस्टर, हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी समेत अन्य धाराओं में तीन दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. नगर निगम की 25 डिसमिल जमीन पर अपनी मां और पत्नी का गलत तरीके से नाम चढ़वाकर पिछले 15 वर्षों काबिज था. जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई की गई.
पुलिस ने जब जेल में बंद अजीत शाही की बेनामी संपत्तियों को खंगालना शुरू किया, तो उसके छद्म नाम से नगर निगम की जमीन पर काबिज होने की जानकारी पुलिस को हुई. पुलिस के आलाधिकारियों ने जिलाधिकारी को इसकी जानकारी दी. इसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर जमीन पर अवैध निर्माण कर चलाए जा रहे मैरेज हाल को जमींदोज कर दिया गया.
नगर निगम की जमीन से हटाया कब्जा
गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर बेतियाहाता दक्षिणी में सोमवार को नगर निगम की 25 डिसमिल जमीन माफिया अजीत शाही के अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया. बीते माह रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस का दबाव बढ़ने के बाद अजीत शाही ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. वर्तमान में वो गोरखपुर जेल में बंद है. माफिया अजीत शाही ने 15 सालों से नगर निगम की जमीन पर अपनी मां, पत्नी के नाम से अवैध तरीके से कब्जा किया गया था. जिसे बुलडोजर से कब्जा मुक्त कराया गया.
मूलतः देवरिया जिले के भाटपार रानी के पकड़ी बाबू गांव का रहने वाला अजीत शाही नगर निगम की 10 से 15 करोड़ कीमत की जमीन पर कब्जा कर मैरेज हाल चला रहा था. नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा के नेतृत्व में जमीन को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई की गई. अजीत शाही के खिलाफ अजीत शाही और अजीत वीर विक्रम सिंह के छद्म नाम का प्रयोग करने, रंगदारी, धमकी, वसूली और बैंक फ्रॉड का मामला हाल ही में दर्ज हुआ है. इसके अलावा पूर्व में उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, गैंगस्टर समेत कई अन्य धाराओं में तीन दर्जन मुकदमे दर्ज हैं.
नगर पालिका के नाम से दर्ज थी जमीन
अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि आरोपी अजीत शाही ने नगर निगम की जमीन जो नगर पालिका के नाम दर्ज है उस पर कब्जा किया हुआ था. नगर निगम अपनी टीम को सक्रिय कर जमीन का पता लगा रहा है. जहां पर भी निगम की जमीन पर अवैध कब्जा भी मिलेगा, उसे खाली कराया जाएगा. वहीं एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, अजीत शाही गोरखपुर के टॉप 10 माफिया की सूची में शामिल है. उसे अजीत वीर विक्रम सिंह भी कहते हैं. प्रशासन ने आज कार्रवाई कर निगम की जमीन को कब्जा मुक्त कराते हुए उसके खिलाफ अभियोग भी पंजीकृत कराया है.
एसपी सिटी ने कहा, इस माफिया पर वर्तमान में चार मुकदमे रंगदारी मांगने, नाम बदलकर फर्जीवाड़ा का आरोप है. आरोपी पर लूट के माध्यम से विभिन्न ट्रकों को खींचकर उनसे वसूली करने के अलावा बैंक से फ्रॉड का मुकदमा दर्ज किया गया है. आर्थिक चोट पहुंचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन्होंने जो अपराध से संपत्ति अर्जित की है उसे कब्जा मुक्त कराया जाए. पुलिस उसका अन्य डाटा भी खंगाल रही है.
ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले बोले- '3 से 4 सीटों पर हम करेंगे बीजेपी से बात, 2024 के चुनाव में मिलेगी सफलता'