Gorakhpur: जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया, इस दिन से शुरू होगा खास अभियान, खिलाई जाएगी दवाई
Gorakhpur News: फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी लोगों को करना है. इसके लिए बड़े स्तर पर अभियान शुरू होगा.
Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर जनपद में लोगों को लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचने के लिए 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान शुरू किया जाएगा. इसके तहत दस अगस्त से दो सितम्बर तक तीन सदस्यों की टीम घर-घर जाकर लोगों को बचाव की दवा खिलाएगी.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए 14 अलग-अलग विभागों के मुखिया और अन्य स्टॉकहोल्डर को पत्र भेजा है और विशेष सहयोग करने को कहा है. लाइलाज बीमारी फाइलेरिया (हाथीपांव) से बचने के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार बचाव की दवा का सेवन जरूरी है.
फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने का अभियान
पत्र में बताया गया है कि फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी लोगों को करना है. एक से दो वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सिर्फ एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाती है, जबकि दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अलग अलग आयु वर्ग के अनुसार फाइलेरिया से बचाव की दो दवाएं निर्धारित मात्रा में खिलाई जाती हैं. दवा का सेवन भोजन या नाश्ते के बाद विभागीय टीम के सामने ही करना होगा.
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि इस बार जिले के शहरी क्षेत्र के चौदह प्लानिंग यूनिट में यह अभियान नहीं चलेगा, क्योंकि इन इकाइयों ने प्री टास (ट्रांसमिशन एसेसमेंट सर्वे) गतिविधि को पास कर लिया है. इन्हें छोड़ कर पूरे जिले में अभियान चलेगा. पहली बार अभियान की टीम में एक पुरुष सदस्य भी रखा जाएगा, जिससे हाथीपांव और हाइड्रोसील के नए पुरूष मरीजों की भी आसानी से पहचान की जा सके. प्रत्येक टीम को एक दिन में 25 घर का भ्रमण कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलानी होगी. जिले में इस समय हाथीपांव के 2872 मरीज और हाइड्रोसील के 420 मरीज हैं.
इन विभागों से मांगा गया सहयोग
पंचायती राज और नगरीय निकाय से जुड़े जनप्रतिनिधि और अधिकारी खुद फाइलेरिया रोधी दवा खाकर दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें. शिक्षक दवा का सेवन करने के साथ-साथ बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करें. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभियान से पहले ही बीमारी की भयावहता के बारे में लोगों से चर्चा करें और अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता के साथ सक्रिय भूमिका निभाते हुए दवा का सेवन करें.
वहीं आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूह के सदस्य बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करें और अपने घर के आसपास लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें. कोटेदार राशन वितरण के दौरान जागरूकता अभियान चलाएं और दवा खाने से इनकार करने वाले लोगों को प्रेरित कर दवा खिलवाएं.
इन जगहों पर चलेगा अभियान
योजना के तहत गोरखपुर के झरना टोला, नथमलपुर, मोहद्दीपुर, हुमायूंपुर, तुर्कमानपुर, छोटे काजीपुर और गोरखनाथ में ये अभियान चलेगा जबकि शहरी क्षेत्र के बसंतपुर, बेतियाहाता, सिविल लाइन, दीवान बाजार, जटेपुर, पुर्दिलपुर, शाहपुर, जाफरा बाजार, अंधियारी बाग, इस्लामचक, बिछिया, तारामंडल, शिवपुर सहबाजगंज और इलाहीबाग में एमडीए अभियान नहीं चलेगा.