UP Crime: गोरखपुर में CM योगी के नाम से संगठन बनाकर ठगी, बीजेपी कार्यकर्ताओं को लगाया चूना, दो गिरफ्तार
UP News: गोरखपुर पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी के नाम का दुरुपयोग करनेवाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. ठग बीजेपी में पद दिलाने का लालच देकर लोगों को चूना लगाने का काम करते थे.
UP Crime News: गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी के नाम पर ठगी का हैरान करनेवाला मामला सामने आया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को झांसा देकर ठगनेवाले दो जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अपर पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण कुमार बिश्नोई ने सोमवार को बताया धोखाधड़ी की वारदात 'योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया' नामक संस्था बनाकर की गई थी. जालसाजों ने कार्यकर्ताओं को बीजेपी में पद दिलाने का झांसा दिया था. आरोपियों की पहचान गाजियाबाद निवासी हर्ष चौहान उर्फ योगी हर्षनाथ और महराजगंज निवासी योगी केदारनाथ उर्फ केदारनाथ अग्रहरि के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने रविवार की शाम दोनों को धर दबोचा. उन्होंने अपने नाम के साथ 'योगी' लगाया है.
मुख्यमंत्री योगी के नाम पर ठगी
दावों को विश्वसनीयता देने के लिए पता गोरखनाथ मंदिर दर्शाया है. बिश्नोई ने बताया कि दोनों जालसाजों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जा रही है. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों का बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया है. आरोपियों ने ठगी को अंजाम देने के लिए 'योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया' नाम से एक 'एमएसएमई' कंपनी शुरू की. बिश्नोई के मुताबिक फर्जी कंपनी की शुरुआत 13 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने दावे को मजबूती प्रदान के लिए गोरखनाथ मंदिर का पता दर्ज कराया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के महंत हैं.
बीजेपी में पद दिलाने का झांसा
गोरखपुर आने पर मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में जनता से मुलाकात करते हैं. बिश्नोई ने बताया कि दोनों जालसाजों अपने नाम के साथ 'योगी' जोड़ लिया. देश भर से लोगों को 'योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया' का सदस्य बनाने के नाम पर 1100 रुपये प्रति वर्ष की उगाही होती थी. उगाही से दोनों ने कुछ दिनों में खासी रकम इकट्ठा कर ली. बीजेपी कानपुर की 'मंडल मंत्री' रंजना सिंह की शिकायत पर पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू की. ठगों ने रंजना को बीजेपी में उच्च पद दिलाने का वादा किया था.
ऐसे हुआ घटना का पर्दाफाश
असलियत का पता चलने पर रंजना ने गोरखपुर के कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में उन्होंने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप पर योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ने के लिए लिंक आया. लिंक पर क्लिक करने के बाद केदारनाथ ने फोन किया. उसने आधार कार्ड की एक कॉपी, एक फोटो और धन की मांग की. बिश्नोई ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 77 फर्जी नियुक्ति पत्र, 83 नकली लेटरहेड, आठ आवेदन पत्र, जनता दर्शन में शामिल होने के अनुरोध वाले पत्र, दो मोबाइल फोन और फर्जी आईडी बरामद हुए हैं. आम लोगों की समस्याओं से जुड़े पत्र भी पुलिस को मिले हैं. उन्होंने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वाले संगठन से जुड़े दो और लोगों के नाम सामने आए हैं. जांच के बाद दोनों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.