UP News: 25-27 जुलाई तक बच्चों खिलाई जाएगी पेट के कीड़े मारने वाली दवा, CMO ने की ये अपील
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पेट के कीड़े मारने की दवा 25 से 27 जुलाई के बीच सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाएगी. सीएमओ ने बच्चों को स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भेजने की अपील की है.
UP News: आपका बच्चा सरकारी स्कूल (Govt School) या आंगनबाड़ी केंद्र (Anganbadi Center) में पंजीकृत है, तो उसे स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र जरूर भेजें. इन दोनों स्थानों पर पंजीकृत बच्चों को पेट के कीड़े मारने वाली दवा 25 जुलाई से 27 जुलाई के बीच भी खिलाई जाएगी. यह दवा बच्चे को कुपोषण (Malnutrition) , खून की कमी (Anemia) समेत कई प्रकार की दिक्कतों से बचाती है. 16 से 19 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों, ईंट भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों और घुमन्तू लोगों को भी यह दवा खानी है. यह दवाई एक से 19 वर्ष आयु वर्ग के सभी लोगों को खानी है. यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे (CMO Dr. Ashutosh Kumar Dubey) ने दी.
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन
गोरखपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने जिला महिला अस्पताल से बुधवार को अभियान का शुभारंभ किया. उन्होंने आधा दर्जन बच्चों और एक किशोर को जिला महिला अस्पताल में अपने हाथों यह दवा खिलाई. जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) का आयोजन हुआ और दवा का सेवन बच्चों और किशोरों को कराया गया. अब यह दवा मॉप अप राउंड के दौरान 25, 26 और 27 जुलाई को छूटे हुए लाभार्थियों को खिलाई जाएगी.
सीएमओ ने बताया कि यह दवा शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने खिलाएंगे और किसी भी स्थिति में परिजनों को दवा नहीं दी जाएगी. कृमि के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए यह दवा सबसे बेहतर उपाय है. जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि होते हैं उन्हें कई बार कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए और आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
दवा खिलाने से पहले की गई यह तैयारी
डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को ड्यू लिस्ट तैयार कर शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद के लिए दिशा-निर्देश था. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हाथ सेनेटाइज करके या साबुन पानी से धुलने के बाद ही दवा खिलाई गई. ऐसे लोग इस अभियान से दूर रखे गए जो कोविड संक्रमण संबंधित कार्य में लगे थे. अलवापुर बुलाकीपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्नेहलता ने बताया कि दवा खिलाने के संबंध में उन्हें प्रशिक्षण भी मिला है. केंद्र पर बच्चों और स्कूल न जाने वाले किशोरों को दवा खाने के लिए बुलाया गया था. उनके केंद्र पर कुल तीस बच्चों को दवा खिलाई गई. जो बच्चे दवा नहीं खा सके हैं, उन्हें सूचना देकर दवा खिलाने का प्रयास किया जा रहा है. जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह और शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने शत प्रतिशत लाभार्थियों को दवा खिलाने का निर्देश दिया है.
एनडीडी कार्यक्रम के दौरान चरगांवा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक स्कूल तिनकोनिया नंबर दो में पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय कुशवाहा, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार और बीपीएम गगन चतुर्वेदी के नेतृत्व में स्कूली बच्चों की रैली भी निकाली गई.
दवा खिलाने को लेकर परिजनों में दिखा उत्साह
जिला महिला अस्पताल में दवा का सेवन करने वाली साढ़े तीन वर्षीय कीरिता की नानी बबिता ने बताया कि उन्हें अस्पताल स्टॉफ से पता चला था कि कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी. उनके नातिन ने पहले भी दवा का सेवन किया है और दवा के सेवन से किसी प्रकार की कोई दिक्कत कभी नहीं हुई. उन्हें बताया गया है कि इस दवा का सेवन करने से कृमि के कारण दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख लगने जैसी समस्याओं से बचाव होगा. बच्चे की कुपोषण से भी रक्षा होगी. दवा का सेवन करने वाले 14 वर्षीय किशोर हर्षित यादव ने बताया कि दवा सुरक्षित है और पहले भी वह दवा खा चुके हैं.
इस अवसर पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ एनके श्रीवास्तव, एसीएमओ आरसीएच डॉ. नंद कुमार, डीसीएमओ डॉ. अनिल कुमार सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, वरिष्ठ स्वास्थ्यकर्मी नवीन गुप्ता, हेल्प डेस्क मैनेजर अमरनाथ जायसवाल और क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ कमलेश प्रमुख तौर पर मौजूद रहे.
दवा खाने के फायदे
• स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार
• रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
• एनीमिया नियंत्रण
• समुदाय में कृमि संक्रमण की व्यापकता में कमी
• सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार
• वयस्क होने पर काम करने की क्षमता और आय में बढ़ोत्तरी
ऐसे भी होता है कृमि से बचाव
• साफ और छोटा नाखून
• साफ पानी का सेवन
• आसपास साफ-सफाई
• ढ़ककर खाने का इस्तेमाल
• जूते पहनना
• खुले में शौच न करना
• खाने के पहले और शौच जाने के बाद हाथ अवश्य धुलें
• साफ पानी से फल और सब्जियां धोकर इस्तेमाल करें
20.40 लाख है लक्षित आबादी
डीसीपीएम ने बताया कि जिले में करीब 20.40 लाख लक्षित आबादी को यह दवा खिलानी है. दवा का वितरण किया जा चुका है और दवा खिलाने के बाद एएनएम के जरिये कंपाइल्ड रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
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