Gorakhpur: BRD मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल का CM ने किया शिलान्यास, कहा- डॉक्टरों को हर मरीज पर करना चाहिए शोध
गोरखपुर में स्थित बीआरडी मेडिकल कालेज के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हॉस्टल का शिलान्यास किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि कोरोना के प्रबंधन से भारत सफल रहा है.
UP News: बीआरडी मेडिकल कालेज के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि कोरोना के प्रबंधन से भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि सही प्रबंधन के बल पर कोरोना जैसी महामारी पर भी सफलता पाई जा सकती है. सीएम ने कहा कि आज तक किसी ने भी इंसेफेलाइटिस को एक शोध के रूप में नहीं लिया. चिकित्सा शिक्षा के छात्र-छात्राओं को उनके घर जाकर उनके रहन-सहन और बीमारी के फैलने की वजह पर शोध और समाधान ढूंढना चाहिए.
सरकार नहीं होने देगी इंफ्रास्ट्रचर में कमी
सीएम ने स्टूडेंट्स लैब और लाइब्रेरी तक सीमित न रहें. निश्चित तौर पर इससे उन्हें मूल्यांकन में फायदा मिलेगा. हर मरीज और उसकी बीमारी चिकित्सक के लिए शोध होती है. इलाज से थोड़ा समय निकालकर चिकित्सक रिसर्च पेपर तैयार करें. उसे प्रकाशित कराएं. राज्य सरकार बेहतरीन हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर दे रही है. शोध करना चिकित्सकों की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि पुरातन छात्र और नए चिकित्सक मिलकर शोध पर काम करें. सरकार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं होने देगी.
छात्रावास का किया लोकार्पण
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के स्वर्ण जयंती समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वर्ण जयंती बाबा राघव दास तोरण द्वार और 200 बेड के छात्रावास का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कालेज में सन् 1978 से लेकर अब तक 50 हजार से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. इंसेफेलाइटिस से इतनी मौतों के बाद 1998 में जब वे यहां पर आए, तो एक बेड पर चार-चार बच्चे और भारी बदबू थी. तीसरे फ्लोर पर वार्ड में जाने पर मुंह पर तौलिया रखना पड़ता था. आज हमने इंसेफेलाइटिस से हो रही मौतों पर 95 फीसदी काबू कर लिया है. अमेरिका की आबादी भारत से एक चौथाई है. मौतों का आंकड़ा नहीं गिना जा सकता है. लेकिन अगर मौतों की बात करें, जिन देशों के पास भारत से बेहतर इंफ्रास्ट्रकचर रहे हैं, वहां पर कोविड से अधिक मौतें हुईं, लेकिन सही प्रबंधन और टीम वर्क से हमने समय पर महज 9 माह के भीतर ही वैक्सीन लाकर बेहतर प्रबंधन कर दुनिया की नजरों में नजीर बनकर सामने आए.
कोविड ने सिखाए बेहतर प्रबंधन के गुर
सीएम योगी ने कहा कि कोविड ने हमें बेहतर प्रबंधन के गुर सिखाए हैं. इसके साथ ही हमने निःशुल्क वैक्सीन के साथ निशुल्क राशन वितरण कर दुनिया के ऐसे इकलौते देश बन गए. किसी भी देश के नागरिकों को वहां की सरकार ने निशुल्क राशन का वितरण नहीं किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सकारात्मक सोच से ये सब संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि जापानी इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन जापान ने 1904 में बना ली थी. लेकिन उसे भारत पहुंचने में 100 साल लग गए. उन्होंने कहा कि 1998 में जब वे सांसद बने, तो बड़ी ही मुश्किल से यहां के हालात के बारे में अपनी बात संसद में रख पाए. आखिर वैक्सीन भारत में आने में 100 साल क्यों लगे. क्योंकि तब की सरकारों में इच्छाशक्ति की कमी रही है. कोविड-10 के प्रबंधन में पीएम मोदी हर चिकित्सा विशेषज्ञ से सीधे बात करते रहे हैं. यही वजह है कि हमने 9 माह में वैक्सीन लाई, बल्कि निःशुल्क देशवासियों को वैक्सीन उपलब्ध भी करा दी.
स्वर्ण जयंती समारोह के आयोजन में बीआरडी मेडिक्ल कालेज के जिन चिकित्सकों ने यहां से शिक्षा ली और इस समारोह के साक्षी बन रहे हैं, यहां के सभी शिक्षकों, स्टूडेंट्स जो बेहतरीन चिकित्सा को आगे बढ़ाने वाले चिकित्सकों को शुभकामनाएं देता हूँ. प्रथम बैच के चिकित्सकों जो यहां से निकले हैं, उनके अंदर जो जवानी दिखाई दे रही है, उसे देखकर बहुत प्रसन्न हूँ. मान्यता होती है कि मनुष्य 100 साल तक जी पाएगा. 50 साल तक पहुंचते उसे अहसास होता है कि वो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों और भागदौड़ में फंसा रहा है. भारत में इसलिए जीवन को 4 भागों में विभाजित किया जाता है. गृहस्थ आश्रम यानी परिवार में सीखना, वानप्रस्थ में समाज और चतुर्थ संन्यास मान लिया जाता है. बीआरडी 50 वर्ष वानप्रस्थ में प्रवेश कर रहा है.
मुफ्त में राशन देने वाला इकलौता देश बना भारत
बीआरडी मेडिकल कालेज अब नई प्रतिस्पर्धा के लिए उभरा है. पुरातन और नवीन के संगम के साथ कुछ विशिष्ट को समाज को देना है. आज चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नयापन देखने को मिला है. कोविड जैसी महामारी में हमने बहुत कुछ सीखा है. कोरोना महामारी ने टीम वर्क, निर्णय, सावधानी रखकर बचाव के उठाया के साथ प्रबंधन सिखाकर हम बहुत कुछ कर सकते हैं. कोविड प्रबंधन में हमने दुनिया के सामने बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है. 135 अरब की आबादी में पीएम मोदी ने एक्सपर्ट से संवाद स्थापित किया. निःशुल्क वैक्सीन की व्यवस्था और मुफ्त राशन देने वाला एकलौता देश बना. भारत में इंसेफेलाइटिस वैक्सीन के जापान से इंडिया में पहुंचने में 100 साल लग गए. लेकिन अपने देश में कोविड की वैक्सीन 9 माह में आ गई.
क्या कहा सीएम ने?
सीएम ने कहा कि कोविड समय बीआरडी मेडिकल कालेज में कोई रिसर्च पेपर नहीं लिखा गया. हर मरीज खुद में एक शोध है. हमें बीआरडी मेडिकल कालेज के चिकित्सा शिक्षा को मरीज के कुशीनगर से आने वाले मरीज के घर जाकर उनके रहन-सहन और जीवन स्तर के बारे में अध्ययन कर उसमें बदलाव और रिसर्च पेपर तैयार करें. बाहर से आने वाले चिकित्सक अपने शोध पत्र यहाँ के स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराएं. राज्य सरकार को सारे रिसर्च पेपर उपलब्ध कराएं. 50 साल के अनुभव पर अच्छे आर्टिकल लिखिए. रिसर्च पेपर तैयार करें. राज्य सरकार आगे इस पर कार्य करेगी. नहीं तो हम दूसरे देशों से काफी पिछड़ जाएंगे. बीआरडी मेडिकल कालेज में रीजनल रिसर्च सेन्टर और सीआरसी है. इसे आगे बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा. चिकित्सक की विश्वसनीयता होनी चाहिए.
यहां पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आने वाले मरीजों के अलावा बिहार और नेपाल से मरीज डॉक्टर का नाम पूछकर आते हैं. होटल में रुक कर वे चिकित्सक को दिखाकर जाता है. ये उस चिकित्सक की विश्वसनीयता है. पूर्वांचल का एकमात्र पुराना मेडिकल कॉलेज है. यहां पर किसी भी तरह की इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं होने देंगे. गोरखपुर और आसपास के जिलों में मेडिकल कॉलेज खुल गया है. जब वे 1998 में यहां आए थे तो ऐसी तो दूर पंखे नहीं थे. इंसेफेलाइटिस का वार्ड 3 फ्लोर पर था. बदबू की वजह से मुंह पर गमछा रखना पड़ता था. कई लोगों को चक्कर आता था. आज तस्वीर बदल गई है. आज जो पुराने राघवंश यहां ओर आये हैं, वे देश दुनिया में चिकित्सा के क्षेत्र में क्या चल रहा है, वे यहां पर दिनभर रहें और यहां के स्टूडेंट्स से अनुभव साझा करें. पहले बैच और सिल्वर जुबली बैच के 32 और 25 पुरातन छात्रों को बधाई देता हूँ. आप सभी का अभिनंदन करता हूं.
क्या कहा डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने?
यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि वे बीआरडी मेडिकल कालेज के मुख्य अतिथि सीएम योगी आदित्यनाथ, विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह, सांसद रवि किशन, अन्य विधायकगण, महापौर, प्राचार्य, आयोजन समिति सभी स्टूडेंट का स्वागत करता हूं. गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कालेज पूर्वांचल में नेपाल और बिहार तक के मरीजों की 50 वर्षों में सेवा की है. 75 में मात्र 14 जिले में मेडिकल कालेज बचे हैं. सीएम योगी जी हर जिले में मेडिकल कालेज चाहते हैं. इंसेफेलाइटिस से हर रोज बच्चों की मौत होती रही है. आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने उसे यहां से लगभग जड़ आए खत्म कर दिया है. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में हमने अभूतपूर्व बदलाव हुए हैं. हर मेडिकल कालेज के साथ हर जिले में एक नर्सिंग कॉलेज में होगा. बीआरडी के चिकित्सकों से निवेदन करते हैं कि बहुत जरूरी हो तभी मरीजों को रेफ़र करें. इसकी शुरुआत करें.