सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया कन्या पूजन, पैर धोने के बाद लगाया तिलक, कही बड़ी बात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन किया. इस दौरान सीएम योगी ने कन्याओं के पैर धोने के बाद उन्हें प्रसाद भी खिलाया.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने रविवार को शरदीय नवरात्र के अंतिम दिन पारंपरिक कन्या पूजन किया और इसे सतानत धर्म में मातृशक्ति का सम्मान करने वाली परंपरा का प्रतीक बताया. कन्या पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों की सुख-समद्धि की कामना की.
सीएम योगी ने किया कन्या पूजन सीएम योगी ने कहा कि ''कन्या पूजन सनातन धर्म की मातृशक्ति का सम्मान करने की परंपरा का प्रतीक है. इससे बेटियों में सनातन धर्म की आस्था का पता चलता है.'' रविवार की सुबह योगी आदित्यनाथ ने कन्याओं के पैर धोने के बाद तिलक लगाकर उनका पूजन किया, इस दौरान सीएम ने उन्हें प्रसाद भी खिलाया.
मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूपधारिणीम् नवदुर्गात्मिकां साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम्।।जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि। पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।। नवरात्रि के शुभ अवसर पर आज विधि-विधान से कन्या-पूजन का पुनीत कार्य संपन्न हुआ। कन्या देवियों को नमन! pic.twitter.com/bwvP2FKOAH
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 25, 2020
महंत अवैद्यनाथ का लिया आशीर्वाद कन्या पूजन के बाद बाद योगी ने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा स्थली पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया और फिर गौशाला में गायों को भोजन खिलाया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्यौहार उत्साह और खुशी लाता है, लेकिन हमें कोरोना महामारी के कारण सावधान रहने और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है. सीएम ने मास्क पहने और एक दूसरे से मेल जोल में सुरक्षित दूरी अपनाने पर जोर दिया.
त्याग, धैर्य, संयम, शक्ति एवं सत्य की विजय के प्रतीक पर्व 'विजयादशमी' के पावन अवसर पर आज श्री @GorakhnathMndr में परंपरानुसार 'श्री नाथ' जी का पूजन-अर्चन एवं विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ। सभी का कल्याण हो। सभी का उत्थान हो। श्रीनाथ जी का आशीर्वाद सभी को प्राप्त हो। pic.twitter.com/L7eCgWM1UV
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 25, 2020
सीएम ने स्थापित किया था कलश इसके पहले शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री ने महानिशा और महागौरी पूजा की थी. नवरात्र के पहले दिन गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में उन्होंने कलश स्थापित किया था.
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