UP News: गोरखपुर के सैनिक स्कूल में नए सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. उन्होंने आदेश दिया कि गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए सभी निर्माण कार्य 15 फरवरी तक पूरे कर लिए जाएं. बता दें कि सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों से कार्य प्रगति की जानकारी ली. उन्होंने सैनिक स्कूल के मॉडल को भी देखा. सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में बन रहा है.
गोरखपुर दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में सैनिक स्कूल का संचालन शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तंभ दिखना चाहिए. मुख्यमंत्री ने किसी भी क्षेत्र के लिए सैनिक स्कूल को बड़ी उपलब्धि बताई. उन्होंने सैनिक स्कूल के मॉडल, एकेडमिक और प्रशासनिक ब्लॉक, क्लास रूम, लैब, लाइब्रेरी का अवलोकन किया. बालक-बालिका छात्रावास, मेस, स्टेडियम के बारे में पूछताछ की.
सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य का लिया जायजा
उन्होंने कार्यदायी संस्था को 15 फरवरी तक निर्माण पूरे कर सैनिक स्कूल हैंडओवर करने का आदेश दिया. गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में 50 एकड़ भूमि पर फैला है. डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था. ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय शिक्षा प्रदान की जाएगी. छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं.
'नए शैक्षणिक सत्र से शुरू होनी चाहिए पढ़ाई'
स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति और परंपरा का दर्शन कराता है. हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे. अलग-अलग कैंपस का नामकरण वीर सैनिकों के नाम पर किया जाएगा. खेलकूद की गतिविधियों के लिए कई कोर्ट और मैदान भी विकसित किए जा रहे हैं. गोरखपुर का सैनिक स्कूल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है. लंबे दौर तक गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही है. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहचान बदल गई है.
विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में गोरखपुर उपलब्धियां हासिल कर रहा है. अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है. मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के तौर पर होगा. सैनिक स्कूल राष्ट्र रक्षा के लिए छात्रों को तैयार करेगा. नर्सरी से निकलनेवाले छात्र फौज में अफसर बनकर देश की रक्षा करेंगे. सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है.