Gorakhpur News: गोरखपुर के राजघाट (Rajghat) स्थित राप्ती नदी (Rapti River) पर मगरमच्छ मिला है, जिसे देखकर वहां हड़ंकप मच गया. ये मगरमच्छ श्रीरामघाट पर जलने वाले शवों को नोंच रहा था. परिजनों का अंतिम संस्कार और अस्थि विसर्जन करने गए लोगों की नजर अचानक इस मगरमच्छ (Crocodile) पर पड़ी, जिससे वो बुरी तरह घबरा गए. ये मगरमच्छ काफी बड़ा था और कई दिनों से नदी के किनारे घूम रहा था. इसकी निगरानी के लिए वन विभाग की टीम लगाई गई थी.
मंगलवार को वहां मौजूद के लोगों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को रेस्क्यू किया. टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित ढंग से पकड़ कर राप्ती नदी में ही सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया. वन विभाग के मुताबिक, मगरमच्छ गहरे पानी से धूप का आनंद लेने बाहर निकला था. हालांकि, मगरमच्छ मिलने के बाद श्रीरामघाट पर स्नान आदि के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में पिछले कुछ दिनों से भय की स्थिति बनी हुई थी.
एक हफ्ते से घूम रहा था मगरमच्छ
वन विभाग के अधिकारी विकास यादव ने बताया, पिछले कई दिनों से उन्हें खबर मिल रही थी कि राप्ती नदी के श्रीरामघाट पर एक मगरमच्छ दिखाई दे रहा है. इसकी वजह से वहां रहने वाले लोगों में भय का माहौल बना हुआ था. सोमवार सोमवार को मुख्यालय पर पोस्ट रेंजर ज्ञानेश्वर शुक्ला और वन दरोगा महेंद्र प्रताप सिंह को इसकी निगरानी के निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद डीएफओ ने उसका रेस्क्यू कर राप्ती नदी में ही छोड़ दिया.
ये मगरमच्छ पिछले काफी दिनों से धूप सेंकने की वजह से पानी से बाहर निकल रहा है. ये सिलसिला पिछले सात दिनों से जारी थी, स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार इसे देखा, जिसके बाद उन्होंने DFO को रिपोर्ट किया. उनके निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंगलवार को नदी से बाहर निकले मगरमच्छ को पकड़ कर राप्ती नदी में सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया है.
मगरमच्छ को नहीं पहुंचा कोई नुकसान
वन विभाग के इस कदम की हेरिटेज फाउंडेशन के सदस्य मनीष चौबे और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अनिल कुमारी तिवारी ने सराहना की है. उन्होंने इस बात पर काफी खुशी जताई कि स्थानीय लोगों ने मगरमच्छ को क्षति नहीं पहुंचाई बल्कि वन विभाग को सूचित किया. उन्होंने कहा कि दूसरों को भी इसी तरह काम करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए.