Gorakhpur News: छात्रसंघ चुनाव को लेकर डीडीयू में फिर आंदोलन तेज, कुलपति पर लगा गुमराह करने का आरोप
Uttar Pradesh News: यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन पर जुटे छात्रों ने शनिवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान छात्रों का आरोप है कि 15 दिन पहले ही शासन से पत्र आ चुका है.
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Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है. यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन पर छात्रों ने धरना-प्रदर्शन कर एक बार फिर यूनिवर्सिटी के कुलपति और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छात्र नेताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर शासन के पत्र को दबाकर छात्रों को गुमराह करने और यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव को नहीं कराने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि जल्द ही छात्रसंघ चुनाव के तारीखों की घोषणा नहीं की गई, तो एक बार फिर वे लोग आंदोलन और भूख हड़ताल को मजबूर होंगे.
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन पर जुटे छात्रों ने शनिवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान छात्रों का आरोप है कि 15 दिन पहले ही शासन से पत्र आ चुका है. उसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी खुद ऑटोनॉमस बॉडी है. वे स्वयं तारीख का निर्धारण कर चुनाव करा सकता है, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पत्र को दबा दिया.
छात्रों ने लगाया आरोप
छात्रों का आरोप है कि धोखे में रखकर चुनाव नहीं कराया जा रहा है. वे लोग अपने अधिकारों के लिए छात्रसंघ चुनाव कराना चाहते हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन जब तक चुनाव नहीं कराता है, वे लोग विरोध-प्रदर्शन करते रहेंगे. अक्टूबर माह में धरना-प्रदर्शन और आमरण अनशन के साथ भूख हड़ताल के बाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने ये आश्वासन दिया था कि शासन के निर्देशों के बाद छात्रसंघ चुनाव कराया जाएगा. इसके बावजूद वे अपने वादे से मुकर गए हैं.
गोरखपुर यूनिवर्सिटी के छात्र नेता अंकित पाण्डेय का कहना है कि वे सभी साथी प्रशासनिक भवन पर भविष्य के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. अक्टूबर में कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने आश्वासन दिया था कि शासन को पत्र लिखकर आगे चुनाव कराने का प्रयास करेंगे. उन लोगों ने जब छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा, तो वहां से पता चला कि चुनाव कराने के लिए शासन से पत्र आ चुका है, लेकिन आदेश की कॉपी उन लोगों को नहीं दिया गया. उस आदेश की कॉपी और चुनाव अधिकारी की घोषणा को लेकर वे लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रसंघ को बहाल करने के लिए वे लोग यहां पर जुटे हैं.
गोरखपुर यूनिवर्सिटी के छात्र नेता योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले अक्टूबर माह में लगातार 15 दिन तक छात्र नेताओं और छात्रों ने आंदोलन किया था. चार दिन तक आमरण अनशन हुआ था. उन्होंने शासन से अनुमति लेकर चुनाव कराने का आश्वासन देकर आमरण अनशन खत्म कराया था, लेकिन शासन से पत्र आने के बाद भी चुनाव नहीं कराया जा रहा है. यही वजह है कि उन लोगों को यहां प्रशासनिक भवन पर विरोध जताना पड़ रहा है.
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