Gorakhpur News: 'हमारे श्रमिक आत्मनिर्भर भारत का सबसे अच्छा उदाहरण'. गोरखपुर विश्वविद्यालय में बोले राजनाथ सिंह
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रथम राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति को गंभीरता के साथ अमल में लाना होगा.
DDU: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रथम राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा हमारा उद्देश्य है. मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए नई शिक्षा नीति को गंभीरता के साथ अमल में लाना होगा. हर दिन दो कॉलेज स्थापित हो रहे हैं. इससे गुणवत्तापरक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है.
वर्चुअल माध्यम से जुड़कर किया उद्घाटन
गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन का रविवार को उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल माध्यम से जुड़कर किया. उन्होंने कहा कि इस पुरातन छात्र सम्मेलन में वे नहीं चाहते हैं कि उनकी ये बात नेता का भाषण लगे. ये गोरखपुर विश्वविद्यालय का पहला पुरातन छात्र सम्मेलन है. इसलिए कुलपति प्रो. राजेश सिंह का धन्यवाद देता हूं. विश्वविद्यालय के प्रति सम्मान होने के नाते वचुर्अल माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ रहा हूं. इस विश्वविद्यालय परिवार के प्रति तहेदिल से धन्यवाद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने दो वर्ष इस विश्वविद्यालय में बिताए हैं.
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गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने बनाया है राजनीति में स्थान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जा रहा है. श्रमिक भाई अपने काम से काम कमाते हैं. प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि नए भारत में कामगारों की अहमियत होगी, न कि नामदारों की. कोई भी देश तभी विकसित होता है, जब वो अपने श्रमिकों का सम्मान करता है. जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो हम श्रमिकों से बहुत प्रेरणा ले सकते हैं. हमारे श्रमिक आत्मनिर्भर भारत का सबसे अच्छा उदाहरण हैं. आत्मनिर्भर बनने की सबसे बड़ी शर्त होती है कि शिक्षा में हम आत्मनिर्भर बनें. किसी भी राष्ट्र के आत्मनिर्भर बनने की पहली शर्त होती है कि वो पहले शिक्षा में आत्मनिर्भर बनें. गोरखपुर में छात्रसंघ के नाम से एक चौराहा है. इससे छात्र शक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां के छात्रों ने देश और प्रदेश की राजनीति में अपना स्थान बनाया है.
कुलपति ने किया संबोधन
इसके पूर्व कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय का शिलान्यास सन 1950 में हुआ. अध्यापन कार्य 1956 से शुरू हुआ. उन्होंने विश्वविद्यालय के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन में 20 हजार से अधिक लोग ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय का अंतरराष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन 5 से 7 दिसंबर माह में मनाया जाएगा. उन्होंने बताया के विश्वविद्यालय नाथपंथ पर शोध पीठ स्थापित कर कार्य कर रहा है. इसके अलावा देश के बाहर पांच अन्य देश के विश्वविद्यालयों में शोध पीठ स्थापित होगी. इस अवसर पर कुलपति वाटिका में पौधारोपण भी किया गया. इसके साथ ही फोटो गैलरी भी लगाई गई.
प्रोफेसर ने कहा है गौरव का क्षण
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के अध्यक्ष और राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. शिवाकांत सिंह ने बताया कि ये पहला राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन हो रहा है. ये उन लोगों के लिए गौरव का क्षण है. कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने जो दीप जलाया है. पुरातन छात्र देश-दुनिया में अपना परचम लहरा रहे हैं. राजनीति, विज्ञान, प्रशासनिक क्षेत्र में भी यहां के छात्रों ने परचम लहराया है. कई सांसद और विधायक के साथ अन्य पुरातन छात्रों का डेटाबेस बहुत मजबूत हुआ है. पौधारोपण का कार्यक्रम हुआ है. वृक्ष और पुत्र को एक समान माना गया है. ये उन सभी लोगों के लिए गौरव का क्षण है. पुरातन छात्रों से मिलकर काफी ऐतिहासिक ये क्षण हो गया है.
संस्कृत विभाग के प्रोफेसर ने कहा हम सभी के लिए है यादगार पल
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग पूर्व विभागाध्यक्ष और संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने कहा कि आज इस विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र देश और दुनिया में अच्छे पदों पर हैं. वे खुद भी 15 वर्ष तक यहां पर अध्यापन कार्य कर चुके हैं. यहां पर पौधरोपण का भी आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि जब भी यहां पर कोई आएगा, तो खुद के लगाए वृक्ष को देखकर उसमें पानी डालेगा. ये बहुत ही यादगार और अद्भुत क्षण है. इसे हम सभी याद रखेंगे.
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