Gorakhpur News: गोरखपुर में एक के बाद एक माफिया- गैंगस्टर की शामत आ गई है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चला रहा है. भारी पुलिस बल के साथ कोर्ट में सरेंडर कर चुके माफिया राकेश यादव का दो मंजिला मकान जमींदोज कर दिया गया. अवैध संपत्ति की कीमत 4.5 करोड़ रुपए बताई गई. गोरखपुर के टॉप-10 माफिया राकेश यादव पर कुल 52 मुकदमे दर्ज हैं. जीडीए के प्रभारी और अधिशासी अभियंता किशन सिंह ने बताया कि माफिया राकेश यादव ने बगैर नक्‍शा पास कराए दो मंजिला मकान बना लिया था. 29 मई 2021 को ध्वस्तीकरण के पारित आदेश को अमलीजामा पहनाया गया. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले 4 हजार स्‍क्‍वायर फीट में दो मंजिला मकान बनाया गया था.


अवैध संपत्तियों को ध्वस्त करने के अभियान पर निकला बुलडोजर


जीडीए ने जेल में बंद माफिया अजीत शाही के अवैध कब्‍जे को भी कुछ दिन पहले बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था. उसके बाद फरार विनोद उपाध्‍याय का अवैध मकान बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया. विनोद उपाध्याय यूपी के टॉप माफिया की लिस्‍ट में शुमार और 50 हजार का इनामी है. अंडरग्राउंड होकर जमीन का धंधा करने वाला राकेश यादव गोरखपुर जिले के टॉप-10 और प्रदेश के टॉप-61 माफिया की सूची में शामिल है.


एक के बाद एक हो रही कार्रवाई से माफियाओं की आ गई शामत


पुलिस की लगातार दबिश और खौफ की वजह से 3 जून को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. राकेश यादव की जड़ें जमीन के धंधे में गहराई तक थीं. विवादित भूमि पर कब्जा करने से लेकर बिक्री तक में हस्तक्षेप करनेवाला कोई नहीं था. कई दिनों से पुलिस तलाश में लगी हुई थी. राकेश यादव का नाम 90 के दशक में मानीराम विधायक ओम प्रकाश पासवान की हत्‍या से चर्चा में आया था.


अलग-अलग थानों में हत्‍या, हत्‍या के प्रयास, गैंगस्‍टर समेत कई गंभीर धाराओं में 52 मुकदमें दर्ज हैं. 25 मार्च 1996 को मानीराम के तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश पासवान की माल्हनपार रोड पर चुनावी जनसभा में बम मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड का मुख्य आरोपी राकेश यादव को बनाया गया. माफिया राकेश यादव ने जेल से छूटने के बाद लंबे समय तक नेपाल में शरण ली. पुलिस कोर्ट में छह मामलों की अब पैरवी कर रही है. 


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