UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के शहर गोरखपुर (Gorakhpur) में गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ड्राई रन किया गया. इसकी मॉनिटरिंग गोरखपुर के एसपी ट्रैफिक (Traffic SP) ने आईटीएमएस (ITMS) कंट्रोल रूम से की. ड्राई रन के तहत ये सुनिश्चित किया गया कि एंबुलेंस (Ambulance) को रास्ता देने में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होने पाए. आमतौर पर ट्रैफिक में फंसने वाली एंबुलेस को देर से अस्पताल पहुंचने से मरीजों की मौत को रोका जा सके और समय से उन्हें अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई जा सके.
ड्राई रन में एंबुलेंस ने 13 मिनट में 9 किलोमीटर का रास्ता तय किया. एंबुलेंस को रास्ता देने की जिम्मेदारी अब ट्रैफिक पुलिस ने संभाल ली है. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
ट्रैफिक को करने का प्रयास दुरुस्त
गोरखपुर की ट्रैफिक को दुरुस्त करने के प्रयास के क्रम में एक और पहल की गई है. गोरखपुर के एसपी ट्रैफिक डा. एमपी सिंह ने बुधवार को एंबुलेंस को समय से घटनास्थल और जिला चिकित्सालय से बीआरडी मेडिकल कालेज तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मरीज को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए ड्राई रन किया. इसकी कमान उन्होंने खुद टाउनहाल के नगर निगम के नवनिर्मित भवन में बने आईटीएमएस कंट्रोल रूम से संभाली.
ड्राई रन में एंबुलेंस चालक ने कंट्रोल रूम को सूचना दी कि वह गंभीर मरीज को लेकर जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज जा रहा. ऐसे में उसे उसे रास्ता क्लियर करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मदद की. वे लगातार ट्रैफिक के बीच में चौराहों पर एंबुलेंस को रास्ता देने के निर्देश ड्यूटी कर रहे जवानों को भी देते रहे. इसका मकसद है कि लोगों को भी इससे सीख मिल सके कि ट्रैफिक में फंसी एंबुलेंस को किसी भी हाल में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रास्ता दिया जाए.
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9 किमी की दूरी 13 मिनट में होगी तय
एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए लगातार अनाउंसमेंट के जरिए अलर्ट किया जाता रहा कि एंबुलेंस से गंभीर मरीज है. उसे बीआरडी मेडिकल ले जाए जा रहा है. आप सभी लोग रास्ता खाली कर दें. जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की दूरी लगभग 9 किलोमीटर है. जिसे महज 13 मिनट में पूरा किया गया. अमूमन जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज पहुंचने में 25 से 45 मिनट लग जाता है.
अब गंभीर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एसपी ट्रैफिक डॉ. महेंद्र पाल सिंह ने ग्रीन कॉरिडोर के जरिए मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करेगी. जिसके लिए बाकायदा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. एंबुलेंस चालक गंभीर मरीजों को ले जाते समय कंट्रोल रूम को सूचना देगा और कंट्रोल रूम उस एंबुलेंस को रास्ता दिलाने के लिए अनाउंसमेंट के जरिए रूट को क्लियर करेगा.
क्या बोले चालक?
एंबुलेंस के चालक शिव कुमार ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज मरीज को ले जाने के लिए आज ड्राई रन का आयोजन किया गया. जिला चिकित्सालय से बीआरडी मेडिकल कालेज जाने में 9 किलोमीटर दूरी को उन्होंने 13 मिनट में पूरा करके मरीज की जान बचाने में मदद की.
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