Bakrid 2024 Gorakhpur: अल्लाह की राह में क़ुर्बानी देने का त्योहार ईद-उल-अजहा सोमवार को मनाया जाएगा. कुर्बानी का सिलसिला 17, 18 व 19 जून तक चलेगा. शहर की ईदगाहों व मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की जाएगी. इसे देखते हुए ईदगाह व मस्जिद कमेटियों ने खास तैयारी की है. भारी भीड़ व गर्मी को देखते हुए साफ सफाई, पानी, चटाई, शामियाना व दरी का इंतजाम किया गया है.
इससे पहले ईद-उल-अज़हा त्योहार को लेकर बाजारों में काफी रौनक रही. लोगों ने बाजार से जमकर खरीदारी की. वहीं रातभर बकरा व भैंस मंडी में खरीदारों की भारी भीड़ जुटी रही. महंगाई का असर क़ुर्बानी के जानवरों पर साफ नजर आया. इस बार भी जानवरों में एक हजार से पंद्रह सौ रुपये तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.
रातभर रही बाजारों में रौनक
गोरखनाथ मछली दफ्तर, रसूलपुर, इलाहीबाग, खुनीपुर, जामा मस्जिद उर्दू बाजार, शाहमारूफ, रेती चौक देसी व अन्य नस्ल के बकरों से गुलजार रहा. शहर के उर्दू बाजार, शाह मारूफ, रेती, नखास, खोवा मंडी, इलाहीबाग, जाफरा बाजार, रसूलपुर व गोरखनाथ इलाके में सेंवई, खोवा व मेवों की खूब बिक्री हुई. जामा मस्जिद उर्दू बाजार में सेंवई की दुकान लगाने वाले मोहम्मद कैस व आरिफ ने बताया कि रमजान, ईद व ईद-उल-अजहा के मौके पर सेंवई की मांग ज्यादा रहती है.
ईद के त्योहार पर तीन दिन जमकर मेहमान नवाजी की जाती है. इन दिनों मे अमीर गरीब सब बराबर हो जाते हैं. आपसी भाईचारा देखने को मिलता है. लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और लजीज पकवानों का लुत्फ उठाते हैं. वहीं ईद की तैयारियों में कई दिनों पहले से लोग नए कपड़े और पोशाकें खरीदते हैं. गीता प्रेस, घंटाघर, शाहमारूफ, रेती, गोलघर आदि क्षेत्रों में काफी लोग पहुंचे.
लोगों ने जमकर की खरीददारी
ईद-उल-अजहा में लजीज पकवानों का मजा लेने के लिए बाकरखानी, शीरमाल, बटर नान मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में स्थित मुस्लिम होटल तैयार कर रहे हैं. त्योहार के दिन विभिन्न प्रकार की रोटियों की खूब डिमांड रहती है. लिहाजा होटल वालों ने रविवार से ही तैयारियां शुरु कर दीं. उर्दू बाजार जामा मस्जिद के निकट, तुर्कमानपुर व नखास स्थित होटलों में रविवार की रात से ही रोटियां बनना शुरु हो गईं.
चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के इमाम मौलाना महमूद रजा कादरी ने इस त्योहार को शांति व अमन के साथ मनाने की अपील की और कहा कि किसी भी तरह के वीडियो को सोशल मीडिया पर न डाला जाए. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए बेहतर है कि नमाज से पहले कुछ न खाएं और फिर नियमों के मुताबिक़ क़ुर्बानी दें और आगे की रस्म निभाई जाएं.
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