Gorakhpur Lady Don: यूपी के गोरखपुर में लेडी डॉन के साम्राज्य के अंत का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. गोरखपुर में कुल 10 लेडी डॉन हैं. किशुन कुमारी उर्फ पंडिताइन से इसकी शुरुआत हो चुकी है. किशुन कुमारी गोरखपुर में 35 सालों से स्मैक के गोरखधंधे में लिप्त रही हैं. पंडिताइन ने करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की है. गोरखपुर पुलिस ने पंडिताइन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी 13.52 करोड़ की अवैध संपत्ति को कुर्क कर लिया है. पंडिताइन के बाद गीता, रिंकू, अहमदुन्निशा, कलमी, उर्मिला जैसे 10 ऐसे नाम हैं, जो अब गोरखपुर पुलिस की रडार पर हैं.
पुलिस की रडार पर गोरखपुर की लेडी डॉन
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने पुलिस लाइन्स सभागार में इस कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि डीएम कृष्णा करुणेश और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के द्वारा अपराधियों के खिलाफ शुरू की गई मुहिम में शाहपुर की गैंगस्टर किशुन कुमारी उर्फ पंडिताइन की 13 करोड़ 52 लाख 50 हजार की संपत्ति कुर्क की गई है. डीएम के आदेश पर पंडिताइन पर ये कार्रवाई की गई. पंडिताइन को पिछले 35 साल से इस इलाके में आतंक था, वो खुलेआम स्मैक का धंधा चलाती थी.
लेडी डॉन पंडिताइन की 13 करोड़ की संपत्ति जब्त
एसपी सिटी के मुताबिक पंडिताइन ने स्मैक के धंधे से करोड़ों की संपत्ति खड़ी की थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने मीर कालोनी में स्थित उसका तीन मंजिला आवास, मेडिकल कॉलेज रोड पर नीलकंठ स्वीट्स के नाम से तीन मंजिला व्यवसायिक प्रतिष्ठान, हरिसेवकपुर में परिवार के सदस्यों को दिलाई गई जमीन को कुर्क कर लिया गया है. इस कुल संपत्ति की अनुमामित वैल्यू 13 करोड़, 52 लाख 50 हजार रुपये बताई जा रही है.
एसपी सिटी ने कहा कि जो भी जरायम की दुनिया से अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करेगा, उसके लिए ये सबक है. सरकार एनडीपीएस एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत संपत्ति को सीज करने की कार्रवाई करेगी. पंडिताइन के खिलाफ साल 2002 से अब तक 15 मुकदमें दर्ज रहे हैं. इनमें से दो गैंगस्टर शाहपुर और राजघाट में दर्ज हैं. आज की कार्रवाई शाहपुर थाने की ओर से साल 2017 में दर्ज किए गए गैंगस्टर के मुकदमें में दर्ज की गई है. गोरखपुर के शाहपुर थानाक्षेत्र के बशारतपुर खरैया पोखरा की रहने वाली हरिनाथ पाण्डेय की पत्नी किशुन कुमारी उर्फ पंडिताइन के खिलाफ साल 2017 में शाहपुर थाने में गिरोह बंद एवं सामाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 3 (1) के तहत केस दर्ज रहा है. उसके खिलाफ गुरुवार को धारा 14 (1) के तहत जप्तीकरण की कार्रवाई हुई है.
पंडिताइन पर दर्ज है कई मुकदमें
गोरखपुर में राजघाट के चकरा अव्वल निवासी किशुन कुमारी उर्फ पंडिताइन अब शाहपुर में रहती है. इसने यहीं से स्मैक के धंधे की शुरुआत की. राजघाट थाने से गैंगस्टर की कार्रवाई भी इसके ऊपर हो चुकी है. पंडिताइन पर कई केस दर्ज है. 2015 में पंडिताइन 26 लाख के स्मैक के साथ पकड़ी गई थी. 31 अगस्त 2022 को दोबारा उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी गई.
पंडिताइन के अलावा इनकी भी खुली हिस्ट्री शीट
गोरखपुर में लेडी डॉन की हिस्ट्री शीट खुलने की शुरुआत हुई साल 2021 जनवरी महीने में जब सबसे पहले तिवारीपुर की लेडी डॉन गीता तिवारी की हिस्ट्रीशीट खोली गई. इसके बाद गगहा पुलिस ने पशु तस्करी में जेल जा चुकी रिंकी गोस्वामी की भी हिस्ट्रीशीट खोल दी और फिर पुलिस ने जब 36 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली तो उसमें 8 महिला बदमाशों को भी शामिल कर लिया गया. तभी से पुरुष बदमाशों की तरह ही इन महिला बदमाशों की भी निगरानी की जा रही है. इन्हें भी हर हफ्ते थाने पर आकर हाजिरी लगानी होती है. पुलिस भी इनके घर जाकर दरवाजा खट-खटाकर इनके वर्तमान भूमिका की निगरानी करती है.
लेडी डॉन गीता तिवारी पर पुलिस की नजर
तिवारीपुर इलाके की लेडी डॉन गीता तिवारी का नाम थाने के हिस्ट्रीशीट नंबर 93ए पर दर्ज है. गीता तिवारी पर हत्या के प्रयास, लूट और गैंगस्टर सहित कई मामले दर्ज हैं. गीता शादी से पहले संवासिनी गृह में रहती रही है. जनप्रतिनिधि रहे शिवकुमार तिवारी से उसकी शादी हुई. चार साल पहले शिवकुमार की मौत हो गई. इसके बाद उसके सभी धंधे गीता ने संभाल लिए. करीब दस साल पहले गीता के घर पर छापा पड़ा था तो वहां से पांच अपराधी पकड़े गए थे. इस मामले में पहली बार गीता जेल गई थी. अंतिम बार उसे 2021 में घर में जन्मदिन पार्टी में फायरिंग के आरोप में जेल भेजा गया था. फिलहाल वो जमानत पर रिहा है.
रिंकू गोस्वामी पर भी दर्ज हैं कई मुकदमें
लेडी डॉन की इस श्रंखला में एक नाम गगहा इलाके के कहला गांव की रिंकी गोस्वामी का भी है. रिंकी के खिलाफ हत्या की कोशिश, साजिश रचने और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत छह केस दर्ज हैं. आरोप है कि रिंकी गोस्वामी उर्फ रिंकू पशु तस्करों के साथ मिलकर गिरोह का संचालन करती है. जेल में तैनात एक बंदी रक्षक की कार से चलने वाली रिंकी से उलझने में पुलिसवाले भी बचते रहे हैं. साल 2017 में रिंकी ने कौड़ीराम में तैनात एक दरोगा पर जानलेवा हमला कर दिया था. घटना तब हुई जब रिंकी तस्करी के पशु ले जा रही थी. दरोगा ने रोका तो उसने उनपर ही गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की. इस मामले में केस भी दर्ज किया गया था.
अवैध रूप से कमाई गई मंजू निषाद की संपत्ति पर नजर
राजघाट के चकरा अव्वल निवासी मंजू निषाद भी पुलिस की रडार पर है. मंजू नशे के साथ चोरी के आरोप में भी जेल जा चुकी है. स्व. छेदी निषाद की पत्नी मंजू पर दस मुकदमे दर्ज हैं. मंजू के खिलाफ NDPS एक्ट, गैंगस्टर, चोरी के मुकदमे दर्ज हैं. एसएसपी के आदेश पर 21 सितंबर को इसकी हिस्ट्रीशीट राजघाट पुलिस ने खोल दी और अब इसकी निगरानी भी की जा रही है. पुलिस अपराध से कमाई गई इसकी संपत्ति पर भी नजर रख रही है. जिसका ब्योरा जुटाया जा रहा है. जिससे गैंगस्टर की कार्रवाई कर उसे जब्त किया जा सके.
इनके अलावा गोरखपुर की महिला अपराधियों में अहमदुन निशा पत्नी इकबाल हुसैन, आरती देवी पत्नी देवा, कलमी पत्नी इंद्रजीत, रिंकू पत्नी सुनील, उर्मिला देवी पत्नी सीताराम के नाम भी दर्ज हैं.
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