गोरखपुर: यूएई (यूनाइटेड अरब अमीरात) में कार्यरत रहे गोरखपुर के इंजीनियर को फरवरी 2020 में ईशनिंदा के आरोप में 15 साल की सजा और एक करोड़ रुपए जुर्माने की सजा हुई. यूएई की लोअर कोर्ट की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. एक माह पहले इंडिया लौटी इंजीनियर की पत्‍नी ने थक-हारकर प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और मुख्‍यमंत्री से मदद की गुहार लगाते हुए इंजीनियर को दया याचिका के आधार पर भारत वापस बुलवाने की अपील की है. परिवार का आरोप है कि यूएई की सीमेंट फैक्‍ट्री में मैनेजर के पद पर कार्यरत इंजीनियर को मातहत चार कर्मचारियों ने द्वेषवश झूठे ईशनिंदा के आरोप में फंसा दिया. जुर्माना नहीं अदा करने पर ताउम्र जेल की सजा काटनी होगी.


मजदूरों ने दर्ज कराई शिकायत
गोरखपुर के शाहपुर के बशारतपुर निवासी अखिलेश पांडेय की पत्‍नी अंकिता एक माह पहले इंडिया वापस लौटी हैं. वो बताती हैं कि दस साल से यूएई में अलग-अलग कंपनियों में कार्यरत रहे हैं. चार साल से वे यूनियन सीमेंट कम्पनी रास अल खेमा (यूएई) में सीनियर सेफ्टी इंजीनियर के पद पर कार्यरत रहे हैं. पांच साल पहले उनकी शादी हुई थी. उनकी ढाई साल की बेटी अविका को तो ये भी नहीं पता है कि उसके पिता कहां हैं. अंकिता ने बताया कि अखिलेश के अधीनस्थ काम करने वाले एक सूडानी और एक पाकिस्तानी के साथ ही दो भारतीय मजदूरों ने उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.


ये है कानून
इस मामले में उन्हें अक्टूबर 2019 में वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस की तफ्तीश में वीडियो, ऑडियो रिकार्डिंग, क्लिप सहित कोई भी साक्ष्य नहीं मिला. लेकिन यूएई के कानून के हिसाब से अगर तीन या तीन से अधिक लोग कुरान की कसम खाकर गवाही देते हैं, तो आरोप सिद्ध माना जा सकता है. इसी आधार पर अबूधाबी की कोर्ट ने अखिलेश को 22 फरवरी 2020 को सजा सुनाई है. अखिलेश की पत्नी यूएई में कोर्ट से पति को सजा होने के बाद अंदर से पूरी तरह टूट गई हैं.


पत्नी ने लगाई मदद की गुहार
एक माह पहले अपने पिता के पास मध्‍य प्रदेश पहुंची अंकिता ने अखिलेश को बेगुनाह बताते हुए यूपी के मुख्यमंत्री, विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र भेजने के साथ ही गोरखपुर सदर सांसद रवि किशन, बांसगांव सांसद कमलेश पासवान और देवरिया सांसद रमापति राम त्रिपाठी के साथ राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल के जरिए भी विदेश मंत्रालय को पत्र लिखवा चुकी हैं. अंकिता ने अखिलेश की सजा में माफी दिलाने की अपील की है. सांसद सहित अन्य पत्रों के आधार पर केंद्र सरकार ने यूएई सरकार से दया याचिका भेजकर अखिलेश को देश वापस भेजने की मांग की है. विदेश मंत्रालय में खाड़ी देशों के संयुक्त सचिव डॉ टीवी नागेन्द्र प्रसाद ने सांसदों के साथ ही परिवार को इसकी जानकारी दी.


परिणाम भुगतने की दी धमकी
अंकिता ने बताया कि सूडानी नागरिक अब्दुल मनीम एल-जैक, पाकिस्तानी नागरिक राणा मजीद और एक अन्य कर्मचारी ने चिकित्सा अवकाश के लिए झूठे प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे. सत्यापन के बाद अखिलेश ने गलत पाया और भविष्य में उन्हें दोबारा ऐसा न करने की चेतावनी दी. इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने कम्पनी के उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया था. सूडानी नागरिक अब्दुल मनीम सहित अन्य ने इस मामले को अपमान के तौर पर लिया और परिणाम भुगतने की धमकी दी.


राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का मामला बनता है
अगले दिन सूडानी नागरिक अब्दुल मनीम, पाकिस्तानी नागरिक राणा मजीद के साथ ही दो भारतीय मुस्लिम मोहम्मद हुसैन खान मोहा राजस्थान और मोहम्मदुल्लाह शेख निवासी हैदराबाद के साथ पहुंचा. इसके बाद वो अखिलेश की केबिन में घुसकर उनसे विवाद करने के साथ ही अखिलेश को पकड़ कर बाहर ले आए और चीख-चीख कर कहने लगे कि अखिलेश ने मुस्लिम समुदाय और यूएई के सुल्तान पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. उनकी शिकायत पर पुलिस अखिलेश को थाने ले गई और गिरफ्तार कर लिया. सिर्फ गवाहों के आधार पर पुलिस ने जो चार्जशीट तैयार की उसमें कहा कि अखिलेश ने यूएई के मुस्लिम नागरिकों को भद्दी गालियां दी हैं. यूएई के सुल्तान को गाली देते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाया है, जो एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का मामला बनता है.



दया याचिका के आधार पर भारत भेजने की अपील
अखिलेश के पिता अरुण कुमार पाण्डेय शिक्षक हैं. वो गुलरिहा इलाके के एक स्कूल में प्रधानाध्‍यापक हैं. अरुण के तीन बेटों में अखिलेश सबसे बड़े हैं. वे बताते हैं कि वो दस साल से यूएई में नौकरी कर रहे थे. नौकरी के कुछ साल बाद पत्नी अंकिता को भी साथ ले गए. अखिलेश की ढाई साल की एक बेटी अविका है. अखिलेश की गिरफ्तारी के समय पत्नी और बेटी यूएई में ही थीं. घरवालों ने किसी तरह से उन्हें भारत बुलाया. परिवार के लोगों ने दया याचिका के आधार पर उन्‍हें भारत भेजने की अपील की है.


परिवार परेशान
अखिलेश को यूएई में 15 साल की सजा और एक करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा के बाद से ही उनकी मां उर्मिला पाण्‍डेय की आंखें पथरा गई हैं. बात करते ही वे फफक पड़ती हैं. ढाई साल की बेटी अविका और पत्‍नी अंकिता का भी रो-रोकर बुरा हाल है. वे हाथ जोड़कर भारत सरकार, विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से पहल कर उनके बेटे को वापस बुलवाने की गुहार लगा रही हैं.


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