Gorakhpur Fertilizer Factory News: प्रदेश के विकास में गोरखपुर का खाद कारखाना (Gorakhpur Fertilizer Factory) नई इबारत लिखने लगा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के प्रयास से करीब तीन दशक बाद दोबारा शुरू हुए कारखाने ने 31 मई को एक दिन में 3125 मीट्रिक टन यूरिया (3125 Metric Ton Urea) का उत्पादन कर नई उलब्धि दर्ज की है. जल्द ही यूरिया उत्पादन प्रतिदिन की अधिकतम क्षमता पर पहुंच सकता है. एक दिन में 4040 मीट्रिक टन यूरिया डिस्पैच का रिकार्ड भी बना है. कारखाने से अब तक एक लाख मीट्रिक टन से अधिक यूरिया की डिस्पैचिंग हो चुकी है.
किसानों की यूरिया की दिक्कत कम करने में मील का पत्थर
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (Hindustan Urvarak and Rasayan Limited) का खाद कारखाना किसानों की यूरिया की दिक्कत कम करने में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है. गोरखपुर में एचयूआरएल के खाद कारखाना की स्थापना का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है. खाद कारखाना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. पूर्व में स्थापित खाद कारखाना 1990 में एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया था. सांसद बनने के बाद 1998 से ही योगी आदित्यनाथ ने कारखाना को दोबारा चलाने के लिए संघर्ष किया. इसकी साक्षी समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता है. योगी की पहल पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने खाद कारखाना परिसर में ही नये कारखाने का शिलान्यास किया. 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद नये कारखाने के निर्माण का रास्ता साफ हो गया. सात दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर आकर खाद कारखाने को राष्ट्र को समर्पित कर दिया.
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खाद कारखाने ने मार्च के आखिरी सप्ताह से विधिवत उत्पादन प्रारंभ कर दिया. करीब 600 एकड़ में 8603 करोड़ रुपये की लागत से बने और प्राकृतिक गैस आधारित खाद कारखाने की अधिकतम यूरिया उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन है. कारखाने से करीब 80 फीसद क्षमता के साथ उत्पादन होने लगा है. 31 मई को एक दिन में 3125 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हुआ. इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में भारी कमी आनी भी तय है. साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और यूपी से सटे अन्य राज्यों में नीम कोटेड यूरिया की बड़े पैमाने पर आपूर्ति सुनिश्चित हो रही. यही नहीं गोरखपुर में बनी यूरिया से पड़ोसी देश नेपाल की फसलें भी लहलहाएंगी.
एचयूआरएल के कारखाने में बन रही बेस्ट क्वालिटी की यूरिया
गोरखपुर के खाद कारखाने की स्थापना और संचालन करने वाली हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन का संयुक्त उपक्रम है. कारखाने में फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं. गोरखपुर के खाद कारखाने में बेस्ट क्वालिटी की नीम कोटेड यूरिया बन रही है. कारण, इस कारखाने की प्रीलिंग टावर की रिकार्ड ऊंचाई. यहां बने प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई 149.2 मीटर है. तुलनात्मक विश्लेषण करें तो यह कुतुब मीनार से भी दोगुना ऊंचा है. कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है. प्रीलिंग टावर की ऊंचाई जितनी अधिक होती है, यूरिया के दाने उतने छोटे व गुणवत्तायुक्त बनते हैं.