Gorakhpur News: कुछ दिन पहले गोरखपुर के रामगढ़ ताल में उतारे गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट फ्लोटिंग रेस्टोरेंट पर ग्रहण लगता हुआ दिखाई दे रहा है. फ्लोटिंग रेस्टोरेंट को रामगढ़ ताल में उतारने के बाद उसके इंटीरियर का काम पूरा किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसका शुभारंभ होना है. इसके पहले ही इसके प्रोपराइटर/प्रमोटर के पिता ने न्यूजीलैंड से मुख्यमंत्री, कमिश्नर और अन्य अधिकारियों को ईमेल भेजकर मानकों की अनदेखी और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.
गोरखपुर के बेतियाहाता के रहने वाले होटल व्यवसाय से जुड़े रक्ष ढींगरा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के मुख्य प्रमोटर हैं. उन्होंने इसे तैयार करने में 11 से 12 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. कुछ ही दिन पहले इसे इंटीयर का काम पूरा होने के पहले रामगढ़ ताल में उतारा गया है. हालांकि फ्लोटिंग रेस्टोरेंट एक ही जगह पर पानी में स्थिर रहेगा. लेकिन इसके बावजूद इसमें मानकों की अनदेखी के गंभीर आरोप रक्ष ढींगरा के पिता राजीव ढींगरा ने लगाए हैं. राजीव ढींगरा न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में जून 2023 से बिजनेस करते हैं. वे 2017 में न्यूजीलैंड आए. इसके पहले वे गोरखपुर में रॉयल रेजीडेंसी होटल और दर्पण कलर लैंब का सफल संचालन कर चुके हैं.
प्रोजेक्ट नियम के साथ चालू हो
राजीव ढींगरा ने न्यूजीलैंड से वीडियो संदेश भेजकर अधिकारियों को आगाह करने का प्रयास भी किया है. उनका कहना है कि उनके पुत्र रक्ष ढींगरा एक बड़ा प्रोजेक्ट फ्लोटिंग रेस्टोरेंट को लेकर अपने मित्र के साथ लेकर आ रहे हैं. पूरे प्रोजेक्ट के नियम की धज्जियां उड़ाई गई है. गोरखपुर के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर उन्होंने मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है. वे चाहते हैं कि उनकी हरकतों की जांच की जाए और इस प्रोजेक्ट को रोककर लोगों की जान पर मंडरा रहे खतरे को खत्म किया जाए. वे कहते हैं कि ये प्रोजेक्ट नियमों के साथ चालू हो. उन्होंने सभी विभागों को सबूतों के साथ डीटेल मेल के जरिए भेज चुके हैं.
कंस्ट्रक्शन के काम में कानून का उल्लंघन
इसका कंस्ट्रक्शन नेवल आर्किटेक्ट के माध्यम से बनाना चाहिए था. नेवल आर्किटेक्ट को उन्होंने अप्वाइंट किया. आर्किटेक्ट ने जो डिजाइन दी, उसमें बेसमेंट में सेफ्टी के लिए लोहे के 22 कंपार्टमेंट थे. ताकि इसमें कभी भी कोई एक्सीडेंट हो, पानी वगैरह आए, तो वो पानी को ये कंपार्टमेंट होल्ड कर ले. उन्होंने 100 लोगों की परमिशन को 300 लोगों की कैपेसिटी का बना दिया. इसमें से 16 कंपार्टमेंट हटा दिए. इसमें किचन जिस जगह पर था, वहां से हटाकर बेसमेंट में बना दिया. जो मानक के विपरीत है. ऐसे में इसमें पानी भरता है, तो ये सिंक हो जाएगी. फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का कांट्रैक्ट लीक्वर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से है.कानून का उल्लंघन किया गया है.
किसी भी विभाग से एनओसी नहीं ली गई
किसी भी कमर्शियल किचन का बेसमेंट में होना अलाउड नहीं है. उन्होंने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पैसे के बल पर काम कराने की मंशा पर ऐसा किया है. बेसमेंट में एक्सीडेंट होने पर आग लगने की दशा में लोगों की जान को खतरा हो सकता है. क्योंकि इसमें एक ही एंट्री और एक ही एग्जिट है. उनकी मुख्यमंत्री और सभी विभागों से गुजारिश है कि इस प्रोजेक्ट की अच्छी तरह से जांच कराई जाए. इसे ठीक ढंग से बनाया जा रहा है, तो प्रोजेक्ट को करें. नहीं तो इसे तुरंत बंद किया जाए. इसे दोबारा जांच के बाद ही लांच किया जाए. किसी भी विभाग की एनओसी नहीं ली गई है. ये प्रोजेक्ट इंडियन वॉटर वेस के अंडर में आता है. इसका कंस्ट्रक्शन जीडीए को समय-समय पर समीक्षा भेजनी थी. ऐसा नहीं हुआ.
फायर नॉर्म्स का पालन नहीं किया गया
फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के कंस्ट्रक्शन के वक्त कोई भी फायर नॉर्म्स का पालन नहीं किया गया है. 17 विभागों से उन्हें एनओसी लेनी थी, लेकिन एनओसी नहीं लिया गया है. नेवल आर्किटेक्ट ने हाथ से ड्राइंग बनाकर दी है. जो नियम के विपरीत है. उसने ई-मेल कर कोई भी हादसा होने की दशा में उनकी जिम्मेदारी नहीं होने की बात कही है. इसमें मटेरियल भी मानक के विपरीत यूज किए गए हैं.
जीडीए की ओर से भेजा गया नोटिस
फ्लोटिंग रेस्टोरेंट सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. बीते साल दिसंबर माह में वे लेक क्वीन क्रूज का शुभारंभ कर चुके हैं. फ्लोटिंग रेस्टोरेंट भी उनके बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट में से एक है. इस संबंध में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के वीसी (उपाध्यक्ष) आनंद वर्धन ने बताया कि उन्हें इसमें एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है. इसमें कुछ फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के प्रोजेक्ट को लेकर कुछ कमियां इंगित की गई हैं. उसे देखते हुए सारे प्वाइंट्स पर इसके प्रोपराइटर को जीडीए की ओर से नोटिस भेजा गया है. सभी जवाब संतोषजनक होने के बाद ही उसका संचालन उसके बाद ही शुरू हो पाएगा.
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