Gorakhpur Flood News: यूपी के गोरखपुर में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. यहां 55 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इनमें 8 गांव पूरी तरह से मैरुंड हो गए हैं. ऐसे में हम थर्माकोल की जुगाड़ वाली नाव से जान जोखिम में डालकर पहुंचे हैं शेरगढ़ गांव के ऐसे इलाके में जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.


प्रशासनिक दावे यहां फेल होते नजर आ रहे हैं. यहां मूलभूत सुविधाएं और राशन-पानी तो नहीं मिल पा रहा है, लेकिन मुसीबत और दुश्वारियां बहुत हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रशासन राहत सामग्री कागज में तो नहीं बांट रही है. क्योंकि शेरगढ़ के लोग जुगाड़ की नाव पर, जिंदगी दांव पर लगाकर जीवन-यापन करने को मजबूर हैं.  

गोरखपुर के दक्षिण-पश्चिम शहर से सटे शेरगढ़ गांव में हम पहुंचे हैं. जिला प्रशासन लगातार राहत सामग्री और गांव वालों को नाव व अन्‍य सुविधाएं देने का दावा कर रहा है. ऐसे में इन बाढ़ से घिरे गांव वालों को क्या सुविधाएं मिली हैं, इसकी बानगी आप खुद भी देख लीजिए. यहां रहने वाली अनीता वर्मा बताती हैं कि सरकारी और प्रशासनिक मदद यहां कितनी पहुंची है. वे कहती हैं कि कोई भी अधिकारी और राशन-पानी के साथ अन्य सुविधाएं यहां पर नहीं मिली है. वे कहती हैं कि यहां पानी बढ़ने पर जब बांध का सहारा लेना पड़ेगा, तो और दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.
 
थर्माकोल की बनी नाव से लोग जान को मजबूर
शेरगढ़ गांव की रहने वाली अनीता वर्मा की पड़ोसी पुत्‍तलु देवी कहती हैं कि हर साल बाढ़ में उन लोगों का घर पानी में डूब जाता है. उनका घर टापू की तरह बन जाता है. चारों ओर पानी रहता है. ऐसे में घर के ऊपरी हिस्से में ही खाना और पूरी गृहस्‍थी समेटकर रहना मजबूरी बन जाता है. ऐसे में प्रशासनिक मदद और नाव तक नहीं है.


थर्माकोल की नाव से बच्चे और महिलाएं सभी आने जाने को मजबूर हैं. रानी प्रजापति अपने मायके आई हैं. वे थर्माकोल की नाव से अपने घर जा रही हैं.

55 गांव में घुसा बाढ़ का पानी
गोरखपुर के शेरगढ़ गांव तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची है. ऐसा लगता है मानो दावे कागज में पूरे हुए हैं. राशन-पानी और रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के लिए लोग तरस रहे हैं. सबसे अधिक परेशानी पीने के पानी की है. 1200 की आबादी वाले इस गांव में कच्चे-पक्के 400 घर हैं. शेरगढ़ गांव के लोगों को अब बांधों का सहारा लेना पड़ेगा.


संपर्क मार्ग कटने से गांव में ग्रामीणों के साथ मवेशी भी फंसे हुए हैं. यूपी के गोरखपुर में राप्ती और रोहन खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इन नदियों से सटे गांव बाढ़ के पानी से घिरते जा रहे हैं. कई गांव का संपर्क मार्ग भी कट गया है. जिला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक 55 गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है.
 
बाढ़ से 50 हजार लोग हुए प्रभावित
जिला प्रशासन गांव वालों की मदद के लिए 85 नाव लगाने का दावा कर रहा है. बाढ़ से 50 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं. वहीं 1,785.805 हेक्टेयर फसल भी डूब गई है. गोरखपुर में राप्ती नदी तेजी के साथ बढ़ रही है. राप्ती खतरे के निशान 74.98 मीटर से 95 सेंटीमीटर ऊपर 75.93 मीटर पर बह रही है.


वहीं रोहिन खतरे के निशान से नीचे उतर रही है. हालांकि नेपाल के पहाड़ों से अब पानी आया, तो पूर्वी यूपी की ये नदियां मैदानी इलाके में तबाही मचा सकती हैं. हालांकि राहत की बात ये है कि घाघरा (सरयू) नदी अयोध्या घाट पुल और तुर्तीपार में लगातार नीचे घट रही है.  


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