Gorakhpur: घाघरा और रोहिन खतरे के निशान के पार, राप्ती भी डेंजर लाइन को पार करने को आतुर
राप्ती इसी तेजी के साथ बढ़ती रही तो 24 से 48 घंटे में खतरे को निशान को पार कर जाएगी. सात गांवों में आवागमन बाधित होने की वजह से छह छोटी-बड़ी नाव लगाई गई हैं.
Gorakhpur Flood: वैश्विक महामारी कोरोना के खौफ से निजात की उम्मीद लिए लोगों को खतरे का निशान पार कर रही नदियां दहशत में डाल रही हैं. नदियों के खतरे के निशान पार करने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है. घाघरा (सरयू) जहां खतरे के निशान को पार करने के बावजूद लगातार बढ़त पर है. तो वहीं रोहिन भी खतरे के निशान को पार कर लगातार बढ़ रही है. गोरखपुर में 134 किलोमीटर ट्रैवेल करने वाली राप्ती भी खतरे के निशान को पार करने को आतुर दिख रही है. राप्ती इसी तेजी के साथ बढ़ती रही तो 24 से 48 घंटे में खतरे को निशान को पार कर जाएगी. ऐसे में 30 से 40 गांव प्रभावित हो सकते हैं. फिलहाल सात गांव में आवागमन बाधित होने की वजह से छह छोटी-बड़ी नाव लगाई गई हैं.
गोरखपुर में लगातार नदियां उफान पर है. 15 अगस्त को शाम 4 बजे तक के अपडेट के मुताबिक घाघरा (सरयू) खतरे के निशान को पार कर अयोध्या पुल पर खतरा बिंदु- 92.73 आरएल मीटर से 0.06 आरएल मीटर ऊपर 92.790 पर बह रही है. तो वहीं तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 आरएल मीटर को पार कर 0.13 आरएल मीटर ऊपर 64.140 पर बह रही है. अयोध्या पुल पर घाघरा लगातार बढ़ रही है. तो वहीं तुर्तीपार में स्थिर है. रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरा बिंदु 82.44 आरएल मीटर को पार कर 0.73 मीटर ऊपर 83.170 आरएल मीटर पर बह रही है.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को एलर्ट मोड पर रखा गया है
राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 आरएल मीटर से 0.34 मीटर नीचे 74.640 आरएल मीटर पर बह रही है. कुआनो नदी मुखलिसपुर में खतरा बिंदु 78.65 आरएल मीटर से 1.49 आरएल मीटर नीचे 77.160 पर बह रही है. गोर्रा नदी पिण्डरा खतरा बिंदु 70.50 आरएल मीटर से 0.65 आरएल मीटर नीचे 69.850 पर बह रही है. वर्तमान समय में 7 गांव में बाढ़ की वजह से आवागमन बाधित हो गया है. इसमें सहजनवां क्षेत्र के छह गांव चकचोहरा, विडार, बनौड़ा, भुवाशहीद, गहीरा, सुथनी और सदर का शिवरिया गांव प्रभावित हैं. इसमें चकचोहरा में एक बड़ी नाव, विडार में दो छोटी नाव, गहीरा में एक मझौली नाव, सुथनी में एक नाव और शिवरिया में एक नाव लगाई गई है. शिवरिया रोहिन, विडार राप्ती और अन्य सभी गांव आमी नदी के ऊफान की वजह से प्रभावित हुए हैं. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. आपात स्थिति आने की दशा में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को एलर्ट मोड पर रखा गया है.
जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि घाघरा (सरयू) नदी डेंजर लेवल से ऊपर है. इसके अलावा राप्ती नदी वार्निंग लेवल से ऊपर आ गई है. रोहिन डेंजर लेवल से ऊपर बह रही है. नदियों में इधर भारी बारिश की वजह से सारी नदियां ऊफान पर है. जिलाधिकारी ने सभी विभागों को अलर्ट किया है कि वे लगातार निगरानी बनाए रखें. इसके अलावा एनडीआरएफ की दो और एसडीआरएफ की एक यूनिट को एलर्ट किया गया है. 24 घंटे आपदा विभाग अलर्ट मोड पर है. ऐसी कोई स्थिति होती है, तो टीम पूरी तरह से अलर्ट है. किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तहसीलों को भी अलर्ट किया गया है. अभी स्थिति अंडर कंट्रोल है. कहीं पर कोई ऐसी दिक्कत नहीं है. उन्होंने बताया कि किसी गांव के अंदर पानी नहीं घुसा है.
भारी बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति है
लो-लाइन एरिया में भारी बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति है. खेतों और गांव के रास्ते में पानी आने की वजह से 7 गांव प्रभावित हैं. एहतियात के तौर पर नाव लगा दी गई है. ये आमी-राप्ती रिवर बेल्ट के हैं. एक गांव रोहिन बेल्ट का है. राप्ती भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. उम्मीद है कि कल देर शाम या रात तक डेंजर लाइन तक पहुंच सकती है. यही वजह है कि सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है. क्योंकि राप्ती गोरखपुर के 134 किलोमीटर ट्रैवेल करती है. गोरखपुर की ये सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण नदी है. यही वजह है कि सभी विभागों को अलर्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि ये नहीं बताया जा सकता है कि कितने गांव प्रभावित हो सकते हैं.
ऐसे गांव जो नदी और तटबंध के बीच में बसा हुआ है, वो प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन हमारे सभी तटबंध अभी सुरक्षित हैं. वे बताते हैं कि पानी धीरे निकल रहा है. गंगा नदी उफान पर होने की वजह से घाघरा का पानी गंगा नदी में नहीं जा पा रहा है. ऐसे ही राप्ती का पानी भी घाघरा में नहीं जा पाने की वजह से पानी धीरे निकल रहा है. ये चुनौतीपूर्ण समय है. इसलिए सतत निगरानी रखी जाती है. मानसून में इस तरह की स्थितियां पैदा होती है, लेकिन धीरे-धीरे इसे कंट्रोल कर लिया जाएगा.
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