Gorakhpur News: पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश की वजह से अब उत्तर प्रदेश में कई नदियां उफान पर हैं तो वहीं कई नदियां का जलस्तर खतरे के निशान को भी पार कर गया है. नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान को पार गई है. बर्डघाट पर राप्ती नदी खतरे के निशान से तीन सेमी ऊपर बह रही है. ज्यादा पानी आने की वजह से जलस्तर में और बढ़ोतरी आ सकती है.
गुरुवार सुबह गोरखपुर में राप्ती खतरे के निशान से 3 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 को पार कर 75.010 आरएल मीटर पर पहुंच गई. सुबह 8:00 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती नदी ख़तरे के निशान को पार गई तो वहीं प्रदेश की दूसरी नदियों का भी यही हाल है. घाघरा नदी अयोध्या पुल के पास खतरे के निशान 92.73 से 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
खतरे के निशान के पार पहुंची राप्ती नदी
इसके अलावा घाघरा नदी तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 से 13 सेंटीमीटर बह रही है को वहीं रोहिन त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान 82.44 से 1 मीटर नीचे बह रही है. इसी तरह कुआनो मुखलिसपुर में खतरा बिंदु 78.65 से 1.3 मीटर नीचे और गुर्रा पिंडरा में खतरा बिंदु 70.50 से 45 सेमी नीचे बह रही है.
नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की टीमें पहले से ही अलर्ट मोड़ पर है. नदी का पानी कई निचले इलाक़ों में भरने लगा है. जिसके बाद आसपास के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. राप्ती नदी में पानी भरने की वजह से बुधवार को राजघाट के गुरु गोरखनाथ घाट की सीढ़ियां भी पानी में डूब गईं.
बाढ़ की परिस्थिति निपटने के लिए प्रशासन की ओर से निचले इलाक़ों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के इंतज़ाम भी किए गए हैं. बारिश और बढ़ते जलस्तर की वजह से प्रदेश के 12 जिलों के 633 गांव बाढ़ प्रभावित हैं. सरकार की ओर से बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं.