Gorakhpur Flood: पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहले से ही नदियां उफान पर हैं और अब नेपाल से आए पानी ने तबाही मचा दी है. घाघरा-राप्ती नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. दोनों नदियां 12 घंटे में खतरे का निशान पार कर सकती हैं. सरयू (घाघरा) खतरे के निशान से 0.52 सेंटीमीटर नीचे बह रह रही है. तो वहीं राप्ती नदी खतरे के निशान से महज 46 सेंटीमीटर नीचे है. बाढ़ के खतरे को प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. गोरखपुर के डीएम कृष्णा करुणेश ने अधिकारियों के साथ बैठक की और तैयारियों को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. 


गोरखपुर के हाल जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग और मुख्य अभियंता गंडक सिचाई एवं जल संसाधन विभाग गोरखपुर की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक सरयू (घाघरा) अयोध्या पुल पर चेतावनी स्तर 91.73 मीटर के सापेक्ष 91.95 मीटर के स्तर पर बह रही है और चढ़ाव पर है. राप्ती नदी जनपद-गोरखपुर में चेतावनी स्तर 74.98 मीटर के सापेक्ष 74.38 मीटर पर बह रही है. 


गोरखपुर में बढ़ा बाढ़ का खतरा
नदियों का जलस्तर बढ़ने से जनपद में बाढ़ का ख़तरा बढ़ गया है जिसके बाद गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने अधिकारियों के साथ बैठक की और  राजस्व, सिंचाई व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा लगातार तटबंधों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही चिन्हित संवेदनशील व अतिसंवेदनशील स्थल पर विशेष निगरानी बनाए रखने को कहा है. 




डीएम ने ग्राम स्तर पर गठित बाढ़ सुरक्षा समिति को क्रियाशील करते हुए सम्पर्क बनाए रखने को कहा है. बाढ़ कंट्रोल रूम तहसील व विभाग स्तर पर गठित ईओसी व कंट्रोल रूम को तत्काल प्रभाव से 24X7 क्रियाशील रखने और जनपद स्तर पर संचालित ईओसी/कंट्रोल रूम हेल्पलाइन नम्बर 0551-2201776 व 9454416252 से संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए है. 


प्रशासन ने तेज की तैयारियां
बाढ़ चौकी समस्त बाढ़ चौकियों को तत्काल क्रियाशील करने और उपलब्ध कराए गए निर्धारित संसाधन लाउडहेलर, लाइफ जैकेट, सर्च लाइट एवं एप्रेन चौकियों पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. बाढ़ चौकी पर तैनात राजस्व, सिंचाई, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का मोबाईल नम्बर नाम व पदनाम सहित प्रदर्शित करें.


राजस्व विभाग चिन्हित नावों के स्वामी व नाविकों के साथ सम्पर्क बनाए रखें. किसी स्थल पर नाव लगाने की आवश्यकता है, तो अविलम्ब नाव संचालन कराना सुनिश्चित करें, जिससे कि किसी प्रकार की कोई दुघर्टना घटित न होने पाए. इसके अतिरिक्त यदि नाव की आवश्यकता है, तो तत्काल मांग प्रस्तुत करें.


एसडीआरएफ की टीम को किया गया अलर्ट
रैपिड रेस्पांस टीम स्वास्थ्य विभाग एवं पशु पालन विभाग रैपिड रेस्पांस टीम को आकस्मिक परिस्थिति से निपटने हेतु आवश्यक संसाधनों सहित तैयार रहने को कहा है. नदी जलस्तर बढ़ने से साँप के काटने की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि होती है, जिसके दृष्टिगत समस्त पीएचसी व सीएचसी पर एन्टी स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिसका पर्यवेक्षण उपजिलाधिकारी स्वयं करें.


बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर शासनादेश के अनुसार समुचित व्यवस्थाओं सहित राहत शिविर संचालन हेतु आवश्यक है. उन्होंने व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. प्रत्येक दिवस बाढ़रोधी संबंधी किए जा रहे कार्यों से आपदा कार्यालय को लिखित रूप में अवगत कराने और साथ ही यह सुनिश्चित करें कि बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण कहीं कोई क्षति होती है, तो राज्य आपदा मोचक निधि के अनुसार अनुमन्य सहायता प्रभावित परिवार को नियमानुसार उपलब्ध कराई जाए.


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