Gorakhpur News: सड़क पर होने वाले अपराध की अपेक्षा घर के अंदर होने वाले क्राइम पुलिस और आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाते है. घर में होने के दौरान तो जान जाने तक का खतरा होता है. नहीं होने पर सामान चोर खंगाल जाते है. ऐसे में अब   की तीन छात्राओं ने प्रभु श्रीराम की ऐसी इलेक्‍ट्रॉनिक तस्‍वीर बनाई है, जो घर-प्रतिष्‍ठान के साथ ही परिवार की रक्षा भी करेगी. आईटीएम गीडा की तीन छात्राओं आस्‍था, साधना और प्री‍ति ने इसे तैयार किया है. इस डिवाइस का पैनिक बटन दबाते ही मोहल्‍ले और पुलिसवालों को भी घर में किसी तरह के खतरे की सूचना मिल जाएगी.


गोरखपुर के गीडा स्थित इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी एंड मैनेजमेंट की बीटेक कम्प्यूटर साइं‍स की छात्रा आस्‍था श्रीवास्तव, साधना साहनी और प्रीति रावत ने इस इलेक्‍ट्रॉनिक तस्‍वीर को बनाया है. इस तस्‍वीर में एक डिवाइस लगाई गई है. इसमें सिम के साथ ही घर के अंदर कम एनर्जी में डिवाइस को स्‍वतः ही चार्ज करने की क्षमता है. इनोवेशन सेल के समन्‍वयक विनीत राय के निर्देश में आस्‍था, साधना और प्रीति ने चार से पांच दिन में इस डिवाइस को तैयार किया है. इन तीनों ने भगवान श्रीराम की एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक तस्वीर बनाई है, जो दिन-रात घर व प्रतिष्ठान के साथ परिवार की रक्षा करेगा. 


 तीन छात्राओं ने मिलकर बनाई डिवाइस
बीटेक सीएस की छात्रा आस्था श्रीवास्तव, प्रीति रावत और साधना ने बताया कि दिन-रात घर के अंदर  अपराधी लूट, मर्डर, चोरी जैसी बड़ी घटना को आसानी से अंजाम देकर निकल जाते हैं.  ऐसी आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिये घर के अंदर लोंगो के परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन लोगो ने भगवान राम की तस्वीर बनाई है. जो मुसीबत में सभी की सुरक्षा कर सके. काफ़ी रिसर्च करने के बाद इस डिवाइस को तैयार किया है. जिससे घर में लोगों की सुरक्षा को और मजबूत कर सकतें है. 


 मुसीबत के वक्त काम आएगा डिवाइस
भगवान श्रीराम की तस्वीर में एक पैनिक जीएसएम चिप लगाया है. इस डिवाइस में एक सिम कार्ड लगाया जाता है. उसके बाद तस्वीर सें हम कई वायरलेस पैनिक बटन अटैच कर सकतें है. ये बटन छोटे होने के साथ कई प्रकार के हो सकते हैं. इन्हे जरूरत के अनुसार घर के अंदर घर के लॉकर और टीवी के रिमोट में भी लगाया जा सकता है. घर के अंदर किसी भी तरह की हिंसक घटना होने पर घर के अन्दर लगे पैनिक बटन तक पहुंच कर बस बटन को दबाना है. जैसे आप इस बटन को प्रेस करेंगे, नजदीकी पुलिस चौकी और मोहल्‍ले के लोगों जिनका नंबर उस डिवाइस में सेव रहेगा. उनके मुसीबत में होने की जानकारी पुलिस जाएगी. 


डिवाइस बनाने में 2 से 3 हजार खर्च
इसके साथ घर के छत पर मदद के लिये अलार्म के साथ एक हेल्प लाइट भी जलने लगेगी, इसकी मदद सें आसपास के लोग को जानकारी हो जाती है, जिससे समय रहते मुसीबत में फंसे किसी परिवार को बचाया जा सकता है. छात्राओं ने बताया इस उपकरण को बनाने में दो से तीन हजार रूपए का खर्च आया है.इसे तैयार करने में चार दिन का समय लगा है. इसमें हुटर अलार्म, 12 वोल्ट, रेड लाइट, कार्डबोर्ड से बनी भगवान श्रीराम की तस्वीर, जीएसएम कॉलिंग मॉड्यूल, रिले 5 वोल्ट, रेडियो फ्रिकवेंसी स्विच का प्रयोग किया गया हैं.


 क्या बोलें  डॉ. एन के सिंह 
संस्थान के निदेशक डॉ. एन के सिंह ने  बताया कि उनके कॉलेज के इनोवेशन सेल में छात्र  देश एवं समाज के लिए उपयोगी उपकरणों के बारे मे अपने इडिया पर रिसर्च कर प्रोजेक्ट को तैयार करते है. इनमें जो प्रोजेक्ट  स्टार्टअप के तहत आते है, ऐसे प्रोजेक्ट को वे मार्केट में लाने की तैयारी भी कर रहे है. जिससे छात्रों के आईडिया सें लोंगो को रोजगार मिल सके. इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम विहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दिया.


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