UP Election: Gorakhpur में आखिरी दिन नामांकन करने पहुंचे नेताओं के दिखे अजब-गजब रंग, MLA का फुलफॉर्म बताने में छूटे पसीने
Gorakhpur News: यूपी में विधानसभा चुनावों के लिए छठें चरण की नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई है. बता दें कि नामांकन करने पहुंचे कई नेता सामान्य से सवालों के जवाब नहीं दे सके.
Candidates In Gorakhpur Filed Nomination: यूपी विधानसभा चुनाव में गोरखपुर में छठें चरण के लिए 3 मार्च को मतदान होना है. इसके लिए 4 फरवरी को शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया 11 फरवरी को पूरी हो गई है. नामांकन के अंतिम दिन तक नामांकन दाखिल करने आने वाले उम्मीदवारों के अजब-गजब रंग देखने को मिल रहे हैं. यहां आने वाले उम्मीदवारों में कई दिग्गजों के अलावा कुछ हेलीकॉप्टर और कुछ हवाई जहाज जैसे चुनाव चिह्न के बूते चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं. इनमें से कुछ तो काफी हाजिर जवाब हैं, लेकिन अधिकतर ऐसे हैं जिन्हें अपनी विधानसभा क्षेत्र में न वोटरों की संख्या पता है, न ही एमएलए का अर्थ ही पता है. सवाल करने पर नेताजी बस बगले ही झांकने लगते हैं.
गोरखपुर में छठें चरण के चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के लिए डा. चेतना पाण्डेय कलेक्ट्रेट पहुंचीं. चेतना छात्र राजनीति में सक्रिय रही हैं. वे कवयित्री भी हैं. इसके साथ ही वे सामाजिक सरोकारों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. लड़की हैं और गोरखपुर के तमाम दिग्गजों से कैसे लड़ेंगी, इस सवाल पर वे कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद देते हुए कहती हैं कि चुनाव वो पूरे दमखम के साथ लड़ेंगी. उन्होंने कविता और शेर के माध्यम से विपक्षियों पर प्रहार भी किया.
सभी नेताओं के अपने-अपने हैं दावे
गोरखपुर के चौरीचौरा से कांग्रेस का टिकट पाने वाले जितेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि उनका चुनावी मुद्दा चौरीचौरा का संपूर्ण विकास है. वे कई वर्षों से जनता के बीच में हैं. वहां पर क्षेत्रीय बनाम बाहरी की लड़ाई है. वे क्षेत्रीय होने के साथ राष्ट्रीय पार्टी से चुनाव मैदान में हैं. आने वाले समय में वे कांग्रेस का परचम वहां पर लहराएंगे. विपक्षी पार्टी के प्रत्याशी का वहां पर रोज पुतला फूंका जा रहा है. उन्हें जनता ने नकार दिया है. जनता भाजपा के झूठ और जुमलेबाजी को जान चुकी है. 10 मार्च का इंतजार कीजिए देखिए क्या होने वाला है. जनता उन्हें आशा भरी निगाह से देख रही है. उनके पास कार्यकर्ता की कदमी नहीं है. जनता भाजपा के जुमलेबाजी में आ गई है.
डा. हरिराम निषाद राष्ट्रीय वीर एकलव्य सेना भारत के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव हैं. वे गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने विपक्षी प्रत्याशियों को चैलेंज देते हुए कहा कि वे बस 5 हजार वोटों के अंतर से जीत रहे है. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा की आबादी और वोटर पूछने पर वे कहते हैं कि ये तो सिर के बाल गिनने के लिए आपने कह दिया. ये कैसे बता सकता हूं. प्रधानी और सदस्य का चुनाव नहीं है कि वे घर-घर जा पाएंगे. वे कहते हैं कि सभी बड़ी पार्टियों को खलास करने के लिए संगठन बना लिए हैं. जब पूर्वांचल राज्य बनेगा, तो वे मुख्यमंत्री बनेंगे.
कई नेता नहीं बता सके सामान्य से सवालों के जवाब
गोरखपुर के खजनी सुरक्षित सीट से बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार अमिता भारती चुनाव मैदान में हैं. वे कहती हैं कि पूरी दमदारी से लड़ रही हैं. विकास, महिलाओं का सशक्तिकरण, सरकारी विभाग के निजीकरण के खिलाफ वे चुनाव लड़ रही हैं. सरकारी संस्थाओं को पुर्नजीवित करेंगी. तिरंगा टोपी पहनी अमिता से जब राष्ट्रगान सुनाने को कहा गया, तो उन्होंने शुरुआत तो सही की, लेकिन आगे अटक गईं.
मुरलीधर राष्ट्रवादी पार्टी आफ इंडिया के तले बांसगांव विधानसभा चुनाव मैदान में हैं. उनका चुनाव चिह्न हेलीकॉप्टर है. वे कहते हैं कि जनता उनके काम को देखकर वोट देगी. ये समय आने पर पता चलेगा कि वे क्या मुद्दे हैं. बांसगांव में कितने वोटर हैं, ये उन्हें पता नहीं है. एमएलए का फुल फार्म उन्हें नहीं पता है. वे भूल गए हैं. एमपी और एमएलसी का भी नहीं पता है. वे कहते हैं कि सड़क, स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करना है.
पूछा गया कौन थे पहले रेलमंत्री तो दिया गलत जवाब
सम्यक पार्टी से सहजनवां विधानसभा से उम्मीदवार राजेन्द्र प्रसाद रेलवे से सेवानिवृत्त हैं. वे कहते हैं कि जनता के सामने वे विकास का मुद्दे को लेकर जा रहे हैं. जनता का विकास पहली प्राथमिकता है. वे अस्पताल और शिक्षा उनकी प्राथमिकता है. वे पहली बार चुनाव मैदान में हैं. वे जनता की सेवा का संकल्प लेकर गांव-गांव में जा रहे हैं. सवाल हुआ कि उनकी विधानसभा में कितने वोटर हैं, तो वे बलगहियां करने लगे. जब ये पूछा गया कि आप तो रेलवे में लंबे समय तक सेवा दिए हैं. देश के पहले रेल मंत्री का नाम बता दीजिए, तो उन्होंने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जगजीवन राम पहले रेलमंत्री रहे हैं. फिलहाल इस टेस्ट में तो नेताजी फेल ही हो गए.
जनहित किसान पार्टी से चुनाव लड़ रहे शिवदत्त, पिपराइच से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे छोटे किसान हैं. उनका विचार है विधानसभा में जाने का है. उन्हें लग रहा है कि वे चुनाव जीत जाएंगे. वे किसान हैं, लेकिन सभी सवाल का जवाब हिन्दी में सही-सही दिए. वे वोटरों से कहते हैं कि वे उन्हें वोट दें और विकास के नाम पर वे उन्हें वोट दें. जटाशंकर ने जनअधिकार पार्टी से नामांकन दाखिल किए हैं. वे विकास और अधूरे काम को पूरा कराने का वायदा करते हैं.
गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा से भारतीय अपना समाज पार्टी के उम्मीदवार चिंतामणि पाण्डेय ने बताया कि वे महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास नहीं होता है, तो आप समझ सकते हैं कि उनकी स्थिति क्या होगी. वे सारे गांव को एक-एक चिकित्सालय और सड़क देंगी. स्वास्थ्य और पेयजल की व्यवस्था करेंगे. वे जनता पर फैसला छोड़ते हैं. पानी का जहाज उनका काम करेगा.
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