Gorakhpur Mahotsav 2023: तीन दिन तक चलने वाले गोरखपुर महोत्सव का बुधवार को आगाज हो गया. बुधवार की सुबह यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. वहीं शाम को बॉलीवुड के पार्श्व गायक कैलाश खेर ने सुरों की महफिल सजाकर गोरखपुर के लोगों का दिल जीत लिया. पद्मश्री कैलाश खेर देर रात 9.45 बजे मंच पर आए. शाम 6 बजे से ही लोग उनके गीतों को सुनने के लिए कुर्सियों पर जमे रहें. लंबे इंतजार के बाद जब वे मंच पर आए, तो उन्होंने सुरों की महफिल सजाकर लोगों के दिलों में गर्मजोशी से ठंड में गर्मी का अहसास करा दिया.
कैलाश खेर ने अपने गीतों के सरगम से लूटी महफिल
गोरखपुर के रामगढ़ताल स्थित चंपादेवी पार्क में बुधवार को तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव का शुभारम्भ हुआ. महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के साथ बॉलीवुड नाइट का भी आयोजन किया गया है. पहले दिन बॉलीवुड के पार्श्व गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने अपने गीतों की सरगम के बीच गोरखपुर के लोगों के दिल के साथ महफिल भी लूट ली. बॉलीवुड के सिंगर कैलाश खेर ने एक के बाद एक सुरों की महफिल सजा दी. उन्होंने एक के बाद एक गीतों की प्रस्तुति कर लोगों का दिल जीत लिया. मंच पर आते ही उन्होंने कहा गुरु गोरक्षनाथ की धरती है, गोरखपुर के लोग महादेव के भक्त हैं, इसलिए आज भजन से शुरू कर रहा हूं। उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ और मछिंद्रनाथ के बीच के संवाद का जिक्र करते हुए कहा, 'कहे गोरख जी, सुना मछिंदर...', गोरखपुर तो कई बार आया। लेकिन, कभी गोरखपुर आकर या गोरखपुर महोत्सव जैसे आयोजन में गाने का मौका नहीं मिला.
भजन से लेकर बॉलीवुड गानों पर झूमे लोग
आज गुरु गोरक्षनाथ की इच्छा से ही गोरखपुर आने का सौभाग्य मिला है. ऐसे में उन्होंने भजन, कागा सब तन खाइयो मेरा चुन...चुन..खाइयो मांस से की शुरुआत करते हुए जाना जोगी दे नाल...जोगी... मेरा, मैं तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया...,आओ जी, आओ जी,...तौबा, तौबा वे...तेरी सूरत...तेरी दीवानी, जय, जयकारा पर झूमा. 'गोरखपुर महोत्सव- 2023' के बॉलीवुड नाइट में कैलाश खेर का कैलाश लाइव कॉन्सर्ट का आयोजन किया गया था. कैलाश कभी मंच पर टहलते हुए, तो कभी नाचते हुए गाते रहे. गाने के हर शब्द उनके चेहरे के एक्सप्रेशन से भी बयां हो रहे थे. इस दौरान उन्होंने जय, जयकारा सांग से शुरूआत करते हुए बगड़...बम..बम..बम लहरी....बाहुबली फिल्म का सॉन्ग कौन है वो कौन है...समेत तमाम फेमस सॉन्ग सुनाया। इसी क्रम में कैलाश ने तेरी दीवानी...,सैया सैया... जैसे गीत सुनाकर माहौल को रूमानी बनाया.