ISI के हनीट्रेप में फंसा था गोरखपुर का शख्स, कई अहम इलाकों की कर रहा था रेकी
यूपी में आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देना चाहते हैं. हाल ही में बलरामपुर का रहने वाला यूसुफ जो दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहता था, वहीं दूसरी ओर गोरखपुर का एक शख्स सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर आया है.
लखनऊ. बलरामपुर से आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी के बाद अब गोरखपुर में भी आईएसआई का एक हैंडलर खुफिया एजेंसियों के रडार पर आया है. हनी ट्रैप के जाल में फंसा कर आईएसआई इस शख्स से गोरखपुर के तमाम महत्वपूर्ण स्थानों की ना सिर्फ रेकी करवा रही थी बल्कि तस्वीरें और वीडियो भी मंगवा रही थी. सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में आईएसआई की यह पैठ कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी आईएसआई वाराणसी लखनऊ, कानपुर से भी ऐसे ही जासूसी के नेटवर्क को ध्वस्त कर चुकी है. बलरामपुर के युवक के जरिए राजधानी दिल्ली को दहलाने की कोशिश, तो अब गोरखपुर के एक शख्स से जासूसी का यह मामला उत्तर प्रदेश पर बढ़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है.
यूपी को दहलाने की साजिश
बीते साल वाराणसी के कैंट इलाके से पकड़ा गया आईएसआई का जासूस दानिश गिरफ्तार हुआ. मार्च 2017 में ही लखनऊ में खुरासान मॉड्यूल का आतंकी सैफुल्लाह मारा गया. शनिवार को बलरामपुर का रहने वाला आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का अबू युसूफ गिरफ्तार हुआ और अब गोरखपुर में आईएसआई के लिए जासूसी करने वाला खुफिया एजेंसियों के रडार पर है.
यह तमाम घटनाएं बता रही हैं कि आईएसआई से लेकर तमाम आतंकी संगठनों के निशाने पर योगी का उत्तर प्रदेश. उत्तर प्रदेश को दहलाने की आतंकी संगठनों ने हमेशा ही कोशिश की. बीते एक दशक से उत्तर प्रदेश में आतंकियों की हर कोशिश नाकाम की जा रही है, लेकिन गाहे-बगाहे सामने आ रहे यह नेटवर्क आतंकियों के गहरीपैठ और उनके खतरनाक मंसूबों को भी बता रहे हैं.इस तरह फंसा हनी ट्रेप में
गोरखपुर से आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे शख्स को हनी ट्रैप के जाल में फंसा कर इस्तेमाल किया जा रहा था. दरअसल गोरखपुर में रहकर चाय की दुकान चला रहे हैं 55 वर्षीय इस व्यक्ति के सगी बहन व रिश्तेदार पाकिस्तान के कराची में रहते हैं. 2014, 2016, 2017 और दिसंबर 2018 में यह शख्स पाकिस्तान अपने रिश्तेदारों से मिलने जा चुका है. दिसंबर 2018 में जोधपुर के रास्ते अपनी बहन से मिलने पहुंचे इस शख्स की मुलाकात आईएसआई के दो एजेंट फहद और राणा अकील से हुई. दोनों ने 55 वर्षीय इस व्यक्ति से दोस्ती की फिर जिंदगी की मौज करने के नाम पर इसको रेड लाइट एरिया में लड़कियां परोस दी गईं. 55 साल की उम्र में आईएसआई के हनी ट्रैप में आसानी से फंसे इस व्यक्ति का वीडियो तक बनाया गया और यही वीडियो फिर ब्लैकमेलिंग का बड़ा हथियार बन गया. फहद ने पर्ची पर एक मोबाइल नंबर लिखकर दिया और कहा कि जब भी इस नंबर से कॉल आए बात करना.
फरवरी 2019.. गोरखपुर लौटने के बाद पाकिस्तान के नंबर से बात होने लगी. आईएसआई हैंडलर फहद का नाम भी इसने 'भाई' के नाम से सेव कर लिया. आईएसआई ने गोरखपुर की आईडी पर एक सिम खरीदवाया और सिम का नंबर खुद लेकर व्हाट्सएप एक्टिवेट कर दिया.
मिलिट्री इंटेलिजेंस के खड़े हुये कान
गोरखपुर के नंबर पर पाकिस्तान से व्हाट्सएप चलने लगा तो मिलिट्री इंटेलिजेंस के कान खड़े हो गए. जम्मू कश्मीर के मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट को खबर मिली. इनपुट यूपी भेजा गया और निगरानी शुरू कर दी गई. बीते सप्ताह यूपी एटीएस की टीम ने गोरखपुर जाकर पूछताछ शुरू की गई. पूछताछ में पता चला कि आईएसआई ने व्हाट्सअप से गोरखपुर रेलवे स्टेशन, कुनराघाट मिलिट्री स्टेशन, जफरा बाजार की तस्वीर और वीडियो मंगवाए थे जिसके लिए इसको पांच हजार रुपये भी भेजे गए. लेकिन जब आईएसआई ने इस व्यक्ति से गोरखपुर एयरफोर्स स्टेशन की वीडियो और जानकारी मांगी तो इसने देने से मना कर दिया और मोबाइल बंद कर दिया.
आईएसआई को जैसे ही भनक लगी कि उनका जासूस भड़क गया तो उस व्हाट्सएप की चैट डिलीट कर दी, खुफिया एजेंसियों और यूपी एटीएस की पूछताछ में इसने सच्चाई तो कुबूली लेकिन कोई सुबूत नहीं मिला. लिहाजा आईएसआई के इस हनी ट्रैप पर कोई गिरफ्तारी तो नहीं हुई और न ही पुलिस के आला अधिकारी भी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं.
फिलहाल दो दिन की पूछताछ के बाद इस शख्स को छोड़ दिया गया लेकिन खुफिया एजेंसी चौकन्नी हो गई हैं. गोरखपुर, वाराणसी, अलीगढ़, लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, समेत तमाम शहरों के संदिग्धों पर निगरानी बढ़ा दी गई है.
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