Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके तहत अगर कोई अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे को गाड़ी चलाने के लिए देता है उसे तीन साल सजा और 25 हजार का जुर्माना भरना होगा. ऐसे में एबीपी न्यूज ने गोरखपुर में रियलिटी चेक किया है. जिसमें इस आदेश की जमकर धज्जियां उड़ती दिखाई दीं.  


गोरखपुर के मोहद्दीपुर चौक पर यूपी सरकार के वाहन चलाने को लेकर आए नए नियम को लेकर छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावक भी लापरवाह दिखाई दिए. यहां कई नाबालिग छात्र-छात्राएं कानून से बेफिक्र होकर गाड़ी चलाते दिखे. एबीपी ने जब एक्टिवा चला रहे 15 साल के वंश गुप्ता से बात की तो उसने बताया कि वो 9वीं का छात्र है और कोचिंग जाने के लिए निकला है और उन्‍हें नए नियम के बारे में जानकारी नहीं है. 


लोगों को नहीं नए नियम की जानकारी


ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्‍पेक्‍टर सत्‍यप्रकाश से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि ज़्यादातर लोगों को नए नियम की जानकारी नहीं हैं. ऐसे में उन्‍हें आईटीएमएस के माध्‍यम से जानकारी दी जा रही है. ऐसे युवाओं के लाइसेंस को चेक किया जा रहा है और चालान भी किया जा रहा है.


ऐसा है हाल गोरखपुर के पैडलेगंज चौक पर दिखाई दिया, जहां, तीन युवा बिना लाइसेंस के दिखाई दिए. उन्‍हें भी इस नए नियम की जानकारी नहीं है. इसके बावजूद वे वाहन चला रहे हैं. सड़क पर चल रहे अधिकतर युवा अपनी उम्र भी छुपाते हुए ज़्यादा बता रहे हैं. 


नाबालिग बच्चों के वाहन चलाने पर रोक


यूपी परिवहन आयुक्त ने इस सिलसिले में सभी आरएम, एआरएम और आरटीओ को निर्देशित किया था, इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखा है. इसके तहत अब 18 वर्ष से कम आयु के छात्र और छात्राएं वाहन नहीं चला सकेंगे. 


आपको बता दें कि परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले ज्यादातर बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के होते है. जिसे देखते हुए किसी भी नाबालिग के सार्वजनिक स्थान पर वाहन चलाने की रोक लगाई गई है. बावजूद इसके अब भी बच्चे धड़ल्ले से गाड़ियां चलाते दिख रहे हैं. 


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