रवि किशन ने सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का किया खंडन, बोले- गीता प्रेस में नहीं है वित्तीय संकट
रवि किशन ने कहा कि गीता प्रेस कभी भी किसी तरह का दान स्वीकार नहीं करता है, इसलिए धोखाधड़ी से सावधान रहें. उन्होंने कहा कि, प्रेस पूरी तरह से आत्मनिर्भर है और कर्मचारियों के वेतन के रूप में लगभग 80 लाख रुपये प्रति माह देता है.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लोकसभा सदस्य रवि किशन ने गीता प्रेस के आर्थिक संकट से गुजरने और बंद होने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का बुधवार को खंडन किया. रवि किशन ने कहा, "मैं सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों से हैरान था कि गीता प्रेस किसी तरह के वित्तीय संकट का सामना कर रही है और बंद होने की कगार पर है. इस शानदार प्रेस का दौरा करने के बाद, मेरे सभी संदेह दूर हो गए हैं. मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि गीता प्रेस जो पिछले कई दशकों से सनातन धर्म को बढ़ावा दे रहा है और इसकी रक्षा कर रहा है, वह अच्छी तरह से चल रहा है."
हर महीने 15 भाषाओं में लाखों किताबें छपती हैं
सांसद रवि किशन ने बताया कि ''प्रेस दो लाख वर्ग फीट क्षेत्र में स्थित है और मैंने एक जर्मन प्रिंटिंग मशीन और कई अन्य उच्च तकनीक मशीनें यहां देखीं. प्रेस में वित्त की कोई कमी नहीं है, और मैं सभी को बताना चाहता हूं कि प्रेस कभी भी किसी तरह का दान स्वीकार नहीं करता है, इसलिए कृपया धोखाधड़ी से सावधान रहें.'' उन्होंने कहा कि, "प्रेस पूरी तरह से आत्मनिर्भर है और यह कर्मचारियों के वेतन के रूप में लगभग 80 लाख रुपये प्रति माह देता है. यहां हर महीने 15 भाषाओं में लाखों किताबें छपती हैं.''
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