Gorakhpur News: यूपी में माफियाओं की शामत आ गई है. बीते साल गोरखपुर पुलिस (Gorakhpur Police) ने गैंगस्टर के 100 मामले दर्ज कर रिकॉर्ड बनाया. इसमें 400 से अधिक माफियाओं के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई हुई. इनमें से एक सपा नेता से माफिया बने जवाहर यादव की कुल 416 करोड़ की संपत्ति को अब तक कुर्क किया है. यूपी के किसी एक जिले के माफिया की ये अब तक की सबसे बड़ी कुर्की की कार्रवाई है. 


बीते साल के अंत में माफिया के खिलाफ गैंगस्टर लगने के बाद लगातार दस दिनों तक चली कुर्की की कार्रवाई में 126.4 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई. इसके बाद जनवरी माह के पहले हफ्ते में पुलिस ने जिलाधिकारी के आदेश पर कार्रवाई करते हुए 290 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया है. 


अब तक कुल 416 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने पुलिस लाइन्‍स के व्हाइट हाउस में इसका खुलासा किया. उन्‍होंने बताया कि हत्या के एक मामले में उसके ऊपर बीते साल गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद संपत्ति को कुर्क किया गया है. गोरखपुर के खोराबार थाना क्षेत्र के सूबा बाजार के रहने वाले जवाहर यादव की गैंगस्टर अधिनियम में 90 प्लॉट की 289 करोड़ की संपत्ति को गुरुवार को कुर्क किया गया है. इसमें 26 प्‍लाट पूर्व में सीज किए जा चुके हैं. उन्‍होंने बताया कि अब तक कुल 416 करोड़ 5 लाख 1 हजार दो सौ रुपए की संपत्ति जब्‍तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है.


एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर जब्तीकरण की कार्रवाई की गई है. जवाहर और उनके कोई भी साथी अभी जेल में नहीं हैं. साल 2022 के अंतिम माह में जब्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई थी. जवाहर यादव और उनके पुत्र दुर्गेश यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख शैलेश यादव, पुत्रवधू सीमा यादव, अभिषेक यादव की अलग-अलग स्थानों पर चल-अचल संपत्ति को कुर्क किया गया है. गोरखपुर के खोराबार थाना क्षेत्र के सूबा बाजार भदरहवा के रहने वाले जवाहर के खिलाफ जिलाधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत चार दिन पहले ये कार्रवाई शुरू की गई है.


एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने बताया कि तहसीलदार सदर विकास कुमार सिंह के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी कैंट योगेन्द्र सिंह और खोराबार पुलिस ने जब्तीकरण की कार्रवाई की गई. यूपी के किसी जिले के माफिया के खिलाफ ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. बीते साल के अंत में सपा का प्रतिनिधिमंडल भी जांच करने के लिए गोरखपुर आया था.


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