Chhath Puja 2022: गोरखपुर में सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ छठ महापर्व, घाट पर व्रती महिलाओं की उमड़ी भीड़
Gorakhpur News: गोरखपुर के सूर्यकुण्ड धाम पर व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य दिया. भोर में तीन बजे से ही घाट पर महिलाएं छठ मईया की पूजा को विधि-विधान के साथ पूरा करने के लिए जुट गई.
Gorakhpur News: गोरखपुर (Gorakhpur) में छठ का महापर्व (Chhath Puja 2022) भास्कर यानी सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ ही सम्पन्न हुआ. भोर से ही चार दिन का कठिन व्रत करने वाली महिलाएं परिवार के सदस्यों के साथ घाट और कुंड पर पहुंच गईं. इस अवसर पर महिलाओं ने छठी मईया से पुत्र, पति और परिवार की खुशहाली की कामना की. चार दिन तक चले छठ महापर्व के अंतिम दिन नदी के तटों और कुंड पर व्रती महिलाओं के साथ परिवार और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य के साथ व्रती महिलाओं ने कठिन निराजल छठ व्रत को पूरा किया.
गोरखपुर के सूर्यकुण्ड धाम पर भी हजारों की संख्या में व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य दिया. पूरी रात चले मेले के साथ ही भोर में तीन बजे से ही घाट पर महिलाएं सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ छठ मईया की पूजा को विधि-विधान के साथ पूरा करने के लिए जुट गईं. छठी मईया में विश्वास यहां लोगों में देखने को मिला. सूर्यकुण्ड धाम पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. सभी व्रती महिलाएं पूरे परिवार के साथ इस कठिन व्रत को पूरा करने के लिए सूर्यकुंड धाम सरोवर के किनारे जुटी रहीं.
व्रत को लेकर यह है मान्यता
गोरखपुर के सूर्यकुंड की रहने वाली चंद्रमोहिनी बताती हैं कि उनकी दो बहुएं व्रत हैं. वे बताती हैं कि उन्हें बहुत आस्था दिखाई दे रही है. उनकी बहुंए 11 साल से व्रत कर रही हैं. मान्यता है कि जो कुछ भी छठी मइया से मांगो, वो पूरा करती हैं. यही वजह है कि उनकी आस्था लोगों के अंदर बढ़ती चली जा रही हैं. राजकुमारी देवी दो साल से व्रत कर रही हैं. वे बताती हैं कि छठी मइया से जो भी मांगो वो पूरा करती हैं. उनके परिवार की सभी महिलाएं व्रत हैं. नीलम गुप्ता बताती हैं कि पिछले 11 साल से व्रत कर रही हैं. वे कहती हैं कि छठी मइया से जो मांगो वो मन्नत पूरी होती है. संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने मन्नत मांगी थी, वे पूरी हुई, तभी से वे व्रत कर रही हैं.
भोजपुरी गीत के माध्यम से बताया जाता है महत्तव
अंधियारीबाग की रहने वाली विमलावती राय बताती हैं कि वे 21 साल से व्रत रह रही हैं. उनकी तीन लड़कियां रही हैं. उन्होंने मन्नत मांगी की उनके लड़का होगा, तो वे व्रत उठाएंगी. इसके बाद उनकी मनोकामना पूरी हो गई. तभी से वे व्रत करती चली आ रही हैं. वे बताती हैं कि यहां सूर्यकुंड धाम पर हर साल हजारों लोगों की भीड़ होती है. पूजा बस्ती से आईं हैं. वे छठी मइया की पूजा करने के लिए गोरखपुर आईं हैं. वे अपनी बहन के घर आई हैं. उनके मन में छठी मइया की बहुत आस्था है. गोरखपुर के सूर्यकुंड की रहने वाली रेखा बताती हैं कि उनकी जेठानी व्रत हैं. वे कहती हैं कि छठी मइया सबकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. छठ मइया का ये बहुत कठिन व्रत हैं. पुष्पांजलि राय बताती हैं कि वे पांच साल तक छठ का व्रत कर चुकी हैं. उनकी मां व्रत करती हैं. उनकी मां 20 साल से व्रत कर रही हैं. यहां काफी भीड़ है. लोगों की मनोकामना छठी मइया पूरी करती हैं.
देश-विदेश में प्रस्तुति दे चुके भोजपुरी के स्टार लोक गायक मनोज मिश्र ‘मिहिर’ अपने अंदाज में छठी मइया का गीत सुनाकर अपनी आस्था प्रकट करते हैं. वे गीत के माध्यम से छठी मइया के व्रत को करने वाली महिलाओं के इस कठिन व्रत के बारे में बताते हैं. वे अपने भोजपुरी गीत के माध्यम से छठी मइया के महत्व को भी बताते हैं. सूर्यकुंड धाम पर महिलाएं सूर्य देवता को अर्घ्य दे रही हैं. इन महिलाओं की आस्था का सैलाब सूर्यकुंड धाम पर उमड़ पड़ा है.
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