International Tiger Day: बाघ संरक्षण को लेकर यूपी सरकार संवेदनशील, CM योगी बोले- जल्द शुरू होगा रानीपुर टाइगर रिजर्व
UP के गोरखपुर में इंटरनेशनल टाइगर डे के कार्यशाला में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार बाघ के संरक्षण के लिए संवेदनशील है.
CM Yogi Adityanath on International Tiger Day: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) पर अंतर सीमावर्ती सहयोग कार्यशाला का पहली बार गोरखपुर में आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) वर्चुअल माध्यम से जुड़े. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बाघों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ी है. गोरखपुर वासियों को भी सफेद बाघ के संरक्षण का अवसर मिला है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण को लेकर संवेदनशील है. बाघ संरक्षण के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए चित्रकूट के रानीपुर में प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बनाने का निर्णय लिया जा चुका है. यह टाइगर रिजर्व बहुत जल्द अस्तित्व में आने जा रहा है.
बाघों के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार संवेदनशील
दरअसल, सीएम योगी शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेश सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित अंतर सीमावर्ती सहयोग कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. बाघ संरक्षण के लिए आयोजित इस कार्यशाला में वर्चुअल माध्यम से लखनऊ से जुड़े मुख्यमंत्री ने कहा कि वेदों और प्राचीन ग्रंथों की चर्चाओं में भी बाघ का वर्णन मिलता है.
अपने देश मे 1973 में इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करते हुए सेव टाइगर प्रोजेक्ट शुरु किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने समय से पूर्व 2018 में ही सेव टाइगर के लक्ष्य को पा लिया. सीएम ने बताया कि राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश में बाघों की संख्या 2006 में 106 थी, जो 2018 में बढ़कर 173 हो गई. बाघों की नई गणना के जब परिणाम आएंगे तो यह संख्या करीब 200 होने का अनुमान है.
बाघ के बिना वन का अस्तित्व संभव नहीं
चित्रकूट के रानीपुर में टाइगर रिजर्व की चर्चा के साथ गोरखपुर चिड़ियाघर का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर के प्राणी उद्यान में सफेद बाघ आया है. इससे गोरखपुर वासियों को इसके संरक्षण का मौका मिलेगा. वन और बाघ एक दूसरे के नैसर्गिक संरक्षक हैं. महाभारत के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बाघों के बिना वन का अस्तित्व संभव नहीं है. न ही बिना वन के बाघ रह सकते हैं. वन की रक्षा बाघ करते हैं और बदले में वन उनकी रक्षा करते हैं.
सीएम योगी ने कहा पीलीभीत, दुधवा और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाद रानीपुर में टाइगर रिजर्व के अस्तित्व में आने से प्रदेश में कुल टाइगर रिजर्व क्षेत्र 3500 वर्ग किमी से अधिक हो जाएगा. जो प्रदेश के सम्पूर्ण वन क्षेत्रफल का 21 प्रतिशत होगा. शुक्रवार सुबह एक ट्वीट के जरिये अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर पशु प्रेमियों और प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए सीएम योगी ने कहा कि साहस और सामर्थ्य के अप्रतिम प्रतीक राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के प्रति अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का हम सभी को संकल्प लेना चाहिए.
गोरखपुर चिड़ियाघर में पर्यटक जल्द देख सकेंगे सफेद बा
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के वन, पर्यावरण जन्तु उद्यान और जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि जल्द ही गोरखपुर चिड़ियाघर को एक और सफेद बाघ की सौगात मिलेगी. एक सफेद बाघ (मादा बाघ गीता) को लखनऊ चिड़ियाघर से यहां पहले ही लाया जा चुका है. दूसरा सफेद बाघ चेन्नई चिड़ियाघर से लाया जाएगा. इस अवसर पर विभाग के राज्य मंत्री केपी मलिक ने कहा कि नागपंचमी के दिन गोरखपुर चिड़ियाघर में नाग देवता (कोबरा) का दर्शन करने के लिए टिकट शुल्क में 50 फीसद की रियायत दी जाएगी. कार्यशाला को वर्चुअल मोड में फिल्म अभिनेता रणदीप हुडा, सांसद रवि किशन शुक्ला ने भी संबोधित किया.
कार्यक्रम में लगाए गए वन से बने उत्पादों के स्टॉल
इस अवसर पर बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के हॉल में वन में होने वाले उत्पादों से बनी सामग्रियों के स्टॉल भी लगाए गए. यहां पर लखीमपुर खीरी और बहराइच वन रेंज के आसपास के गांव से आई विभिन्न प्रकार के उत्पादों को तैयार करने वाली महिलाओं ने अपने प्रोडक्ट के बारे में बताया. लखीमपुर के दुधवा नेशनल पार्क चंदनचौकी के गांव गोरालाबाद से आई सुनीता राणा ने बताया कि मूज के रोटी के डिब्बे, जूट की टोपी और अन्य सामान के साथ आई थी. उन्होंने बताया कि ये ट्रेडिशनल होने के साथ सस्ते भी हैं.
बहराइच से आईं रूबी बताती हैं कि मूज और जूट के बने प्रोडक्ट को लेकर ये आई हैं. गोरखपुर के सिकंदर विश्वकर्मा ने बताया कि बांस के बनी शो पीस में रखने वाली नाव और अन्य सामान के साथ इस बार एक लाख राखियां उनके समूह की ओर से तैयार की गई है. जो देखने में काफी खूबसूरत हैं. इसके अलावा यहां पर कार्यशाला में भाग लेने के लिए अयोध्यादास राजकीय कन्या इंटर कालेज की छात्राओं पुष्पांजलि शर्मा और शाइना खान ने बताया कि यहां पर उन्हें बाघों के संरक्षण के बारे में जानकारी मिली है. बाघ लुप्त होने की कगार पर हैं. ऐसे में इनका संरक्षण जरूरी है.
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