Gorakhpur News: यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री मत्स्य डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) को गुरुवार को अजीबो-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ा. वे गोरखपुर के एनेक्सी भवन में मौजूद रहे हैं. इसी दौरान एनेक्सी भवन के बाहर मछली पालक धरने पर बैठ गए और मंत्री डॉ. संजय निषाद पर पोखरे की पंचायत में एकतरफा फैसले का आरोप लगाने लगे. हालांकि संजय निषाद ने इस मामले में न्यायोचित फैसला करने का आश्वासन दिया.
गोरखपुर के रामगढ़ताल के समक्ष स्थित एनेक्सी भवन के अंदर डॉ. संजय निषाद मीडियाकर्मियों से वार्ता कर रहे थे. इसी दौरान बाघागाड़ा के रहने वाले मछली पालक एनेक्सी भवन के बाहर धरना देने लगे. आरोप लगाया कि पोखरे को लेकर दो पक्षों के विवाद के बाद उन्होंने पंचायत में एकतरफा फैसला दे दिया. जिसका वे लोग विरोध कर रहे हैं. कहा कि मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद एकतरफा फैसला कर रहे हैं. इसके विरोध में वे लोग सर्किट हाउस में उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है.
'मंत्री को किया जा रहा गुमराह'
मछली पालक सौरभ ने बताया कि वे बाघागाड़ा के रहने वाले हैं और समिति के सदस्य है. समिति में 55 सदस्य है. उन्होंने बताया कि जिले में 43 समितियां हैं. तीन वर्षों से रामलाल पुत्र चुन्नी लाल द्वारा एक भी पैसा नहीं दिया गया. उन्होंने रामलाल द्वारा मंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया. सौरभ ने बताया कि रामलाल ने वर्ष 2021 में 9 लाख रुपये में पोखरे का पट्टा लिया था. जबकि कोई भी पट्टा गांव के समिति के नाम पर दिया जाता है. तीन साल में उन लोगों ने एक भी रुपया नहीं दिया है. समिति के कुछ लोगों को अपने साथ मिलाकर गुमराह किया जा रहा है. मंत्री जी को ये बताकर गुमराह किया जा रहा है कि उसने चार ताल का 32 लाख रुपए दिया है. जबकि उसके द्वारा महज 9 लाख रुपए दिया गया है. वर्तमान में रामलाल पोखरे से मछलियों को बेचकर पैसा कमा रहा है. मछली पालन करने वाले पीड़ित सौरभ के पिता समिति के अध्यक्ष हैं.
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