Gorakhpur News: गोरखपुर में बाढ़ से बचाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग के साथ कई अन्य विभागों ने आपसी समन्वय के साथ मॉक ड्रिल किया. रामघाट राप्ती नदी तट पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ व राहत आयुक्त कार्यालय उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार बाढ़ के दौरान जन समुदाय को सुरक्षित विस्थापित किए जाने व उन्हें आवश्यक राहत सहायता पहुंचाने में विभागों की भूमिका व तैयारी तथा उनके मध्य समन्वय के दृष्टि गत इंटीग्रेटेड फ्लड मॉक ड्रिल कार्यक्रम आयोजित किया गया.


प्रातः 9:00 बजे तहसील सदर द्वारा जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को यह अवगत कराया गया कि बहरामपुर दक्षिणी क्षेत्र में राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और बाढ़ की संभावना बन रही है. सूचना प्राप्त होते ही समस्त एजेंसियों को राहत व बचाव कार्य संपादित किए जाने के लिए रामघाट पर एकत्र होने के लिए वायरलेस के माध्यम से निर्देशित किया गया. इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम अमित कुमार जायसवाल ने मोर्चा संभालते हुए समस्त विभागों को सूचना प्रसारित कराना प्रारंभ कर दिया. 


बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
जनपद में आईआरएस (इंटीग्रेटेड रिस्पांस सिस्टम) को क्रियाशील कर दिया गया और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में प्रदत शक्तियों के आधार पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को बाहर निकाल और रामघाट पहुंचे. रामघाट से बस द्वारा प्रभावितों को संचालित किये जा रहे राहत शिविर में विस्थापित किया गया.


राहत शिविर में महिलाओं और पुरुषों का पंजीकरण केंद्र स्थापित किया गया. महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग रहने के लिए कमरे उपलब्ध कराए गए. बच्चों के ऊपर से बाढ़ का मानसिक दबाव कम हो, इस उद्देश्य से वैकल्पिक शिक्षा केंद्र संचालित किया गया. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने बच्चों को पुष्टाहार और मनोरंजन के अन्य संसाधन उपलब्ध कराएं. राहत शिविर के अंतर्गत सामुदायिक रसोई संचालित की गई, जिसके माध्यम से गर्म पका भोजन वितरित किया गया.


नाव दुर्घटना से बचने के का किया प्रदर्शन
26वीं वाहिनी पीएसी द्वारा नाव दुर्घटना में किस प्रकार लोगों को बचाया जाता है का प्रदर्शन किया. प्रभावित व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार प्रदान किए जाने की विधि तथा मेडिकल विभाग के माध्यम से उनकी जांच और जांचोंपरांत उन्हें एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय रेफर किए जाने संबंधी कार्यों का प्रदर्शन किया गया. एनडीआरएफ एवं 26वीं वाहिनी पीएसी टीम ने सीपीआर दिए जाने की विधि तथा प्राथमिक उपचार प्रदान किए जाने की कार्रवाई प्रस्तुत की. एनडीआरएफ टीम ने लोकल संसाधनों से बनने वाले जीवन रक्षक उपकरणों का संजीव प्रस्तुतीकरण किया.


मॉक ड्रिल कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण आयुक्त महोदय गोरखपुर मंडल, जिला अधिकारी महोदय तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय ने किया और बाढ़ के दौरान विभागों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य की प्रशंसा की और यह अपेक्षा व्यक्त की सभी डिपार्टमेंट इसी प्रकार एक साथ मिलकर बाढ़ जैसी विभीषिका को न्यून करने के लिए कार्य करें. मॉक ड्रिल कार्यक्रम का नेतृत्व अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा) व पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) ने किया. कार्यक्रम का संचालन जिला आपदा विशेषज्ञ ने किया.


कार्यक्रम में राजस्व, स्वास्थ्य, पशुपालन सिंचाई, पुलिस, कृषि, अग्निशमन, नगर निगम, पंचायती राज, बेसिक शिक्षा, नागरिक सुरक्षा, आंगनवाड़ी तथा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, 26 सी वाहिनी पीएसी बाढ़ दल के साथ आपदा मित्र, आपदा सखी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर के मास्टर प्रशिक्षकों ने स्टॉल स्थापित कर अपने संसाधनों तथा किया जा रहे कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया.


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