Gorakhpur News: यूपी में बारिश के कहर के बाद नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है. पूर्वी यूपी में नदियों के उफान पर आने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. घाघरा (Ghaghra) के बाद जहां रोहिन खतरे के निशान को पार कर गई है. तो वहीं राप्ती भी तेजी से उफान पर है. निचले ग्रामीण इलाकों में बाढ़ चौकियों को जिला प्रशासन ने अलर्ट किया है. इसके साथ ही एसडीआरएफ को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. गोरखपुर में राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरे के निशान 74.98 आरएल मीटर से महज 0.87 आरएल मीटर नीचे 74.110 पर बह रही है. 


घाघरा नदी ने खतरे के निशान को किया पार 
रोहिन त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान 82.44 से 0.01 आरएल मीटर ऊपर 82.450 पर पहुंच गई है. घाघरा पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुकी है. घाघरा अयोध्‍या घाट पर खतरे के निशान 92.73 से 0.38 आरएल मीटर ऊपर 93.110 पर बह रही है. तुर्तीपार में खतरे के निशान 64.01 से 0.33 आरएल मीटर ऊपर 64.340 पर बह रही है. कुआनो नदी मुखलिसपुर में खतरे के निशान 78.65 से 2.38 आरएल मीटर नीचे 76.270 पर बह रही है. गुर्रा नदी पिण्‍डरा में खतरे के निशान 70.50 से 0.95 आरएल मीटर नीचे 69.500 आरएल मीटर नीचे बह रही है.


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बाढ़ चौकियों को किया गया अलर्ट
गोरखपुर के आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि ऊपरी इलाकों में बारिश की वजह से घाघरा और रोहिन खतरे के निशान को पार कर कई है. ऐसे में राप्ती नदी भी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में 24 से 48 घंटे में खतरे के निशान को पार करने का अंदेशा जताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. जिस तरह से पानी बढ़ रहा है, वहां पर अलर्ट किया गया है. इसके साथ ही गोला और खजनी में सबसे अधिक प्रेशर है. वहां पर सुरक्षित आवागमन के लिए नाव को भी लगाया गया है. सभी टीमें हालात को मॉनिटर कर रही हैं. जहां भी अतिवृष्टि की वजह से तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिल रही है, उसे मरम्मत कराया जा रहा है. जनपद में अभी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है.


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