Gorakhpur News: इंजीनियरिंग में कुछ नया करने की सोच रखने वाले युवाओं के ऊपर बनी आमिर खान की फिल्‍म थ्री इडिएट्स की कहानी गोरखपुर के आईटीएम गीडी की इन तीन इंजीनियरिंग छात्राओं पर सटीक बैठती है. आत्‍मनिर्भर भारत के साथ महिलाओं को आत्‍मनिर्भर और निडर बनाने की सोच की वजह से इन्‍होंने जो इनोवेशन किया है, वो हर किसी को हैरत में डाल रहा है. राष्‍ट्रीय महिला दिवस के पहले बीटेक फर्स्‍ट ईयर डेटा साइंस की इन तीनों छात्राओं ने ‘वूमेन सेफ्टी सैंडल गन’ बनाकर महिलाओं और वर्किंग वूमेन के साथ छात्राओं को भी बड़ा तोहफा दिया है.


गोरखपुर के आईटीएम (इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी एंड मैनेजमेंट) गीडा की बीटेक प्रथम वर्ष डेटा साइंस की तीन छात्राओं अन्‍नपूर्णा सिंह, श्रुति पाण्‍डेय और हनी तिवारी ने ये कमाल का इनोवेशन किया है. इन तीनों छात्राओं ने ‘वूमेन सेफ्टी सैंडल गन’ बनाई है. ये सैंडल आम सैंडल की तरह ही दिखती है. लेकिन ये मुसीबत के समय महिलाओं की हथियार भी बन सकती है. इसे बनाने में इन छात्राओं को 20 दिन लगे हैं. ये वूमेन सैंडल गन आपात स्थिति या खतरे के समय महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा में कारगर है. वूमेन सेफ्टी सैंडल गन पेनिक अटैक, रेप के प्रयास जैसे खतरे और एसिड एटैक से भी रक्षा करेगा.


ऐसे काम करेगी सैंडल गन 
इस सैंडल में बर्स्‍ट फायर के लिए एक पिस्‍टन लगाया गया है. इसके साथ ही इसमें जीपीएस और कॉलिंग की सुविधा है. इसमें दो पेनिक बटन दिए गए हैं. एक बटन से ब्‍लूटूथ को कनेक्‍ट कर कॉल और जीपीएस लोकेशन की सुविधा है. जैसे ही इस बटन को आपात स्थित‍ि में दबाया जाएगा, इससे जिस मोबाइल नंबर को फीड किया जाएगा, उस पर कॉल के साथ लोकेशन भी चली जाएगी. दूसरे पेनिक बटन को दबाने से तेज आवाज के साथ बर्स्‍ट फायर होगा, जिससे खुद की सुरक्षा की जा सकती है. 


आगे बताया गया कि इसके साथ ही सामने खड़ा बदमाश डर जाएगा और लोगों की भीड़ और के साथ ही पुलिस और सुरक्षा के लिए आने वाले परिजनों के लोकेशन तक पहुंचने के पहले खुद की सुरक्षा का समय भी मिल जाएगा. इसमें परिचितों, परिवार के सदस्‍य और पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर को सेट किया जा सकता है. आत्‍मनिर्भर भारत के सपने के साथ महिलाओं को आत्‍मनिर्भर और सुरक्षा प्रदान करने के लिए ये इनोवेशन काफी कारगर है.


प्रो. विनीत कुमार राय के निर्देशन मे किया तैयार 
तीनों छात्राओं की टीम ने इस प्रोजेक्‍ट को आईटीएम गीडा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्‍टेंट प्रोफेसर विनीत कुमार राय के कुशल निर्देशन में तैयार किया है. इस प्रोजेक्‍ट की असिस्‍टेंट प्रोफेसर विनीत कुमार राय कहते हैं कि महिला सुरक्षा को ध्‍यान में रखकर तैयार की गई वूमेन सेफ्टी सैंडल गन महिलाओं के लिए बड़ा तोहफा है. छात्रा अनपूर्णा सिंह, श्रुति पाण्‍डेय और हनी तिवारी ने बताया कि उन्‍होंने सैंडल को विशेष रूप से महिला  सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया हैं. 


उन्होंने आगे बताया कि इस सैडल में दो इमरजेंसी बटन लगा हैं. पहला  ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल से जुडा होता हैं. इसकी सहायता से मुसीबत में महिलाएं अपनों तक कॉल करने के साथ ही  लोकेशन भी भेज सकती हैं और जब तक की परिवार या फ्रैंड्स मदद के लिये वहाँ तक पहुंचेंगे, उस बीच अगर परिस्थिति ज्यादा मुश्किल हो तो महिला सैंडल गन में लगे दूसरे रेड बटन से फायर कर असामाजिक तत्वों से अपनी आत्मरक्षा कर सकती हैं.


सैंडल में लगी है इलेक्ट्रॉनिक गन
इस सैडल में एक इलेक्ट्रॉनिक गन लगा है, जो एक रियल बन्दूक की तरह आवाज करती हैं. इसका मकसद घटनास्थल पर आस-पास के लोगों का ध्यान खींचना हैं. सैंडल मे लगा गन फायर करता हैं. इससे किसी को कोई हानि नहीं होगी. इसे बनाने में सैंडल, हिटिंग प्लेट, ब्लूटूथ मॉडुल, 3.7 वोल्ट बैटरी, मेटल पाईप 20 एमएम, स्विच जैसे उपकरणों का प्रयोग किया गया हैं. 


संस्थान के निदेशक डॉ.  एन. के.सिंह ने छात्राओ द्वारा किए गए इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं कि सुरक्षा के लिए बनाया गया गया ये सैंडल निश्चित रूप से उनको असामाजिक तत्वों से सुरक्षित करेगा. इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने तीनों छात्राओं को बधाई दी है.


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