Gorakhpur News: गोरखपुर में सरकारी स्कूल की जमीन पर कब्जे का प्रयास, गांव वालों ने ग्राम प्रधान पर लगाये ये आरोप
Villagers Angry: ग्रामीण कुंदन के मुताबिक गांव के प्रधान ने बताया था कि वे कायाकल्प योजना के तहत कार्य करवा रहे थे. बीएसए का एप्रूवल भी था. लेकिन, सच यह है कि बीएसए का एप्रूवल नहीं था.
Gorakhpur Encroachment: यूपी के गोरखपुर में सरकारी स्कूल की जमीन पर कब्जा का मामला सामने आया है. फोरलेन चौड़ीकरण के दौरान बाउंड्री गिरने के बाद सरकारी प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश होने लगी है. बताया जा रहा है कि स्कूल के आगे की जमीन को लेकर ग्राम प्रधान की नीयत खराब हो गई. उस जमीन पर जबरन ठेला-खोमचा और अतिक्रमण के साथ कब्जे को लेकर स्कूल के प्रधानाचार्य (Principal) ने शिकायती पत्र भी लिखा है. प्रधानाचार्य ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है. बीएसए ने भी एसडीएम (SDM) को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है. हालांकि, मामले का निस्तारण अब तक नहीं हो पाया है.
फोरलेन सड़क से सटी है स्कूल की चहारदीवारी
गोरखपुर के गगहा ब्लॉक के करवल मझगांवा प्राथमिक विद्यालय की चहारदीवारी गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन से सटी है. निर्माण कार्य के दौरान चहारदीवारी टूट गयी, जिसे फिर से बनाया नहीं जा सका. आरोप है कि ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल की नीयत करवल प्राथमिक विद्यालय के सामने की जमीन को लेकर खराब हो गई. आरोप है कि उसकी शह पर कुछ लोगों ने उस जमीन पर कब्जा करने की नीयत से गुमटी-ठेला रख दिए. इसके साथ ही ग्राम प्रधान द्वारा निर्माण भी कराया जाने लगा.
प्रधान ने ग्रामीणों पर ही करा दी एफआईआर
करवल मझगांवा गांव के रहने वाले कुंदन सिंह ने बताया कि वे कई महीने से विद्यालय की जमीन को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव के प्रधान द्वारा जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके गांव के प्रधान संदीप मोदनवाल 27 अक्टूबर 2022 की शाम पांच बजे चहारदीवारी के 25 फीट पीछे से गेट बनाने का प्रयास करने लगे. गांव के लोगों ने विरोध किया, तो उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज करा दी. इसके बाद 29 अक्टूबर को एसडीएम मौके पर पहुंचे और उन्होंने काम पर रोक लगा दी.
ग्राम प्रधान पर झूठ बोलने का आरोप
कुंदन के मुताबिक गांव के प्रधान ने बताया था कि वे कायाकल्प योजना के तहत कार्य करवा रहे थे. बीएसए का एप्रूवल भी था. लेकिन, सच यह है कि बीएसए का एप्रूवल नहीं था. प्रधान झूठ बोल रहे थे. बीएसए ने खुद उनके खिलाफ एसडीएम को शिकायत की है. जांच की मांग भी की है. इसके अलावा प्रधानाचार्य संतोष कुमार सिंह ने ग्राम प्रधान के खिलाफ गगहा थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर भी दी है. लेकिन, इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और न ही अवैध कब्जा हटाया जा रहा है.
एसडीएम ने दिया बाउंड्री करने का आदेश
ग्रामीण कुंदन सिंह ने बताया कि प्रधान संदीप मोदनवाल का पट्टा निरस्त होने, एसडीएम की टीम की ओर से खाली करने का नोटिस चस्पा होने व जमीन की पैमाइश और रिपोर्ट लगने के बाद आठ फरवरी को बांसगांव के एसडीएम पवन कुमार गांव पहुंचे. यहां पर उन्होंने ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल को सड़क से 15 फीट जमीन छोड़कर बाउंड्री करने का निर्देश दे दिया. जबकि ये पूरी तरह से अवैध और गलत है. कुंदन सिंह ने बताया कि विद्यालय के समाने विद्यालय की 67 फीट जमीन है. यह एसडीएम की जांच के बाद रिपोर्ट में भी लिखा गया है. इसके बावजूद विद्यालय की जमीन में बाउंड्री करने का आदेश दे दिया है.
बोले एसडीएम, हाईकोर्ट के निर्देश पर होगी कार्रवाई
गोरखपुर के बांसगांव के एसडीएम पवन कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. गोरखपुर के बीएसए ने पत्र के माध्यम से उन्हें मामले से अवगत कराया है. उन्होंने बताया कि करवल मझगांवा में उन्होंने खण्ड शिक्षा अधिकारी और राजस्व टीम के साथ स्कूल का निरीक्षण किया. राजस्व अभिलेख और खतौनी में प्राथमिक विद्यालय के नाम से जो जमीन और रकबा अंकित है, वह 65 डिसमिल है. मौके पर जमीन अधिक है. इसे लेकर अतिक्रमण की आशंका जताई जा रही है. वहां झुग्गी-झोपड़ी में कुछ लोग रहते हैं. उन्होंने बताया कि प्राथमिक विद्यालय की जमीन को संरक्षित करने के लिए वर्तमान प्रधान बाउंड्री कराना चाहते हैं. उन्हें जमीन को संरक्षित करने का निर्देश दिया गया है. निर्देश दिया गया है कि गरीबों का घर नहीं उजाड़ा जाए. उन्होंने बताया कि मामला हाइकोर्ट में भी लंबित है. इस कारण हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश पर ही कार्रवाई की जाएगी. एसडीएम ने कब्जे की बात को निराधार बताया.
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