Gorakhpur News: कर्मचारियों के ऊपर आंख मूंदकर विश्वास करने वाले व्यापारी सावधान हो जाएं. कहीं ऐसा न हो कि वे आपको लाखों का चूना लगा दें. यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पर व्यापारी ने कर्मचारी को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में लाखों का चूना लगाया और भेद खुलने के पहले ही नौकरी से तौबा कर ली. दरअसल, एक ऑटोमोबाइल व्यापारी को उन्हीं का कर्मचारी चूना लगाता रहा. कर्मचारी बिजनेस पे-टीएम अकाउंट का पैसा पहले मालिक को ट्रांसफर कर देता था, लेकिन बाद में उन पैसों को दोबारा अपने अकाउंट में रिफंड करा लेता रहा है. इस तरह उसने मालिक के धीरे-धीरे 8 लाख 81 हजार रूपए अकाउंट में रिफंड कर लिए. चोरी की इस रकम से कर्मचारी ने डीजे खरीद कर अपना खुद का बिजनेस भी शुरू कर लिया.
जब दुकान मालिक को इसकी भनक लगी तो वह हैरान रह गया. मालिक ने इसकी शिकायत पुलिस से की. गोलघर के ऑटोमोबाइल व्यापारी वशिष्ठ नारायण पाण्डेय की शिकायत पर कैंट पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी कर्मचारी अंकुश पासवान निवासी कुलई अमटौरा थाना गीडा को अरेस्ट कर लिया. पुलिस ने गबन के पैसे से खरीदे गए डीजे को भी बरामद कर लिया है.
क्या है पूरा मामला?
गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र गोलघर में वशिष्ठ नारायण पांडे की ऑटोमोबाइल टायर की दुकान पर काम करने वाला अंकुश पासवान थाना गीडा के रहने वाला है. वह बीते डेढ़ साल से टायर की दुकान पर काम कर रहा था. ग्राहक दुकान के अकाउंट के पेटीएम में पैसा पेमेंट कर देते थे. लेकिन कई महीनों से अंकुश अपने अकाउंट में ग्राहकों से पैसा मंगाता रहा. जब मालिक के अकाउंट में पेमेंट नहीं आया. तो मालिक ने जांच कराई तब तक कर्मचारी अंकुश के अकाउंट में 10 लाख रुपए आ चुके थे और वह दुकान से काम छोड़ चुका था. अंकुश उस पैसे से 6 लाख रुपए का डीजे खरीदकर डीजे की दुकान चला रहा है. पुलिस ने जब जांच पड़ताल की, तो मामले में दुकान के कर्मचारी अंकुश का सारा खेल सामने आ गया. वहीं पुलिस ने डीजे चालक अंकुश पासवान को लाखों रुपए के साथ गिरफ्तार कर खुलासा किया है.
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के ऐप से बिजनेस एकाउंट से किसी के खाते में भेजे गए रुपए को वापस अपने खाते में रिटर्न किया जा सकता है. व्यापारी वरिष्ठ नारायण पाण्डेय के साथ भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की कम जानकारी का कर्मचारी ने फायदा उठाया. उसने अप्रैल 2022 से नेटवर्क का इश्यू बताकर मालिक के खाते की बजाए ग्राहकों के भुगतान को अपने पे-टीएम वॉलेट में मंगा लिया. उसके बाद मालिक के खाते में उसे ट्रांसफर कर दिया, लेकिन बिजनेस अकाउंट होने की वजह से उसने ट्रांजेक्शन मालिक के खाते में भेजे गए रुपए को अपने खाते में वापस कर लिया.
इस तरह से उसने अकाउंटेंट को भी ये कहकर झांसे में रखा कि 24 घंटे के अंदर रुपए वापस हो जाएंगे. इस तरह उसने मालिक के 8 लाख 81 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर मालिक के साथ फ्रॉड किया. जब इसकी जानकारी व्यापारी वशिष्ठ नारायण पाण्डेय को लगी, तो उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि 8 लाख 81 हजार रुपए का उसने मालिक को चूना लगाया है. इन रुपए से उसने 6 लाख रुपए का डीजे खरीदकर बिजनेस कर रहा था. पुलिस ने डीजे को बरामद कर लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है.
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