Gorakhpur News: माफिया डॉन और पूर्व बाहुबली विधायक राजन तिवारी को गोरखपुर गैंगस्‍टर कोर्ट ने 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. राजन तिवारी को बिहार के रक्‍सौल से गोरखपुर की कैण्‍ट पुलिस और एसओजी ने हरैया पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया है. वो नेपाल भागने की फिराक में था. राजन तिवारी को कैंट पुलिस और एसओजी ने गोरखपुर के सिविल कोर्ट में एडीजे कोर्ट नंबर तीन कमरा नंबर 302 की गैंगस्‍टर कोर्ट में पेश किया. जहां पर राजन तिवारी ने कोर्ट से बीमार होने पर राहत देने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने उसे स्‍वीकार नहीं किया.


बिहार के रक्‍सौल से किया गिरफ्तार
गोरखपुर की कैण्‍ट पुलिस और एसओजी टीम बाहुबली विधायक और 25 हजार के इनामी राजन तिवारी को बिहार के रक्‍सौल से गिरफ्तार किया है. पुलिस को उसकी कई दिनों से तलाश रही है. वो गोरखपुर के कैण्‍ट थाने में गैंगस्‍टर में वांछित रहा है. उसके खिलाफ 60 से अधिक गैर जमानती वारंट जारी हो चुके है. उसके ख‍िलाफ 28 मुकदमें दर्ज हैं. वो यूपी के टॉप 25 माफिया की सूची में रहा है.


आतंक का पर्याय रहे माफिया डान श्रीप्रकाश शुक्‍ला का साथी रहा राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए कैण्‍ट पुलिस और एसओजी टीम मंगलवार रात से ही बिहार के रक्‍सौल में डेरा डाले हुए थी. टीम में शामिल कैण्‍ट थाने के विश्‍वविद्यालय चौकी इंचार्ज अमित चौधरी और एसओजी प्रभारी मनीष यादव ने बिहार पुलिस के मदद से राजन तिवारी को गुरुवार की सुबह अरेस्‍ट किया.


इसके बाद कैण्‍ट पुलिस और एसओजी उसे लेकर गोरखपुर पहुंची और सिविल कोर्ट के राजन तिवारी को कैंट पुलिस और एसओजी ने गोरखपुर के सिविल कोर्ट में एडीजे कोर्ट नंबर तीन कमरा नंबर 302 की गैंगस्‍टर कोर्ट में पेश किया. जहां पर राजन तिवारी ने कोर्ट से बीमार होने पर राहत देने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने उसे स्‍वीकार नहीं किया. उसे कोर्ट से राहत नहीं मिली. इसके बाद उसे कोर्ट ने 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अब पुलिस उसे 1 सितंबर को कोर्ट में पेश करेगी. राजन तिवारी नेपाल भागने की फिराक में था. पुलिस को सूचना मिली कि नेपाल भागने के फिराक में जो इस वक्त मोतिहारी में छिपा हुआ. सूचना पर बिहार और यूपी की पुलिस रक्सौल के हरैया क्षेत्र से गिरफ्तार किया.


पुलिस को लंबे समय से थी तलाश
राजन तिवारी मोतिहारी के गोविन्‍दगंज से विधायक रहा है. उनके खिलाफ बिहार और यूपी में कई आपराधिक मामले भी दर्ज है. पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही थी. राजन तिवारी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित है. पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार साल 1998 में गोरखपुर में पुलिस पर कारबाईन से हमला कर राजन तिवारी फरार हुआ था. राजन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. तभी से राजन तिवारी फरार चल रहा था. इस मामले में गोरखपुर कोर्ट से 12 जुलाई 2022 को गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ था.


यूपी में राजन तिवारी पर यूपी और बिहार में 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजन तिवारी ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ली थी. जिस पर काफी विवाद हुआ था. इसके बाद पार्टी ने उससे किनारा कर लिया था. काफी प्रयास के बाद बिहार और यूपी पुलिस ने माफिया डॉन राजन तिवारी को गिरफ्तार कर लिया. एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने बताया कि राजन तिवारी के खिलाफ कैण्‍ट थाने में गैंगस्‍टर कोर्ट में मामला दर्ज हुआ था. उसी मामले में उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.


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