Gorakhpur News: गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जानिए क्या हैं तैयारियां?
Gorakhpur News: गोरखपुर के दो दिवसीय प्रवास पर आ रहे राष्ट्रपति के दौरे को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक घंटे गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में उपस्थित रहेंगे.
Ram Nath Kovind In Gorakhpur: गोरखपुर (Gorakhpur) के दो दिवसीय प्रवास पर आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) के दौरे को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. गोरखपुर के गीता प्रेस(Geeta Press) के शताब्दी वर्ष समारोह के शुभारंभ के अवसर पर आ रहे राष्ट्रपति चित्रमयी ‘श्रीरामचरितमानस’ (Shri Ramcharit Manas) और गीता प्रेस के संस्थापक जय दयाल गोयनका (Jai Dayal Goenka) के द्वारा लिखी गई गीता पर टीका ‘तत्व विवेचनी’ के परिवर्धित संस्करण का लोकार्पण करेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक घंटे गीता प्रेस में गुजारेंगे. राष्ट्रपति के उद्बोधन के लिए पंडाल में 350 लोगों के बैठने की व्यवस्था भी की गई है.
4 जून को गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का होगा शुभारंभ
गोरखपुर के रेती रोड स्थित गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने बताया कि गीता प्रेस की स्थापना 29 अप्रैल 1923 को जय दयाल गोयनका ने की थी. उनका उद्देश्य था कि कम लागत मूल्य पर गीता को घर-घर उसके उपदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए पहुंचाया जाए. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का औपचारिक शुभारम्भ 14 मई को हिन्दी तारीख के हिसाब से हो चुका है. शताब्दी वर्ष समारोह के मुख्य रूप से शुभारम्भ के लिए 4 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गोरखपुर आ रहे हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक घंटे गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में उपस्थित रहेंगे.
राष्ट्रपति आर्ट पेपर पर 300 चित्रों करेंगे लोकार्पण
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार आर्ट पेपर पर 300 चित्रों के साथ प्रकाशित चित्रमयी ‘श्रीरामचरितमानस’ और गीता प्रेस के संस्थापक जय दयाल गोयनका के द्वारा लिखी गई गीता पर टीका ‘तत्व विवेचनी’ के परिवर्धित संस्करण का लोकार्पण करेंगे. तत्व विवेचनी की 5 हजार प्रतियां प्रकाशित की जा रही हैं. ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने बताया कि पंडाल के डिजाइन, मंच की हाइट, मंच की लंबाई-चौड़ाई के साथ पंडाल की क्षमता के लिए नाप-जोख चल रहा है. उनके आगमन की तैयारियां तेज कर दी गई हैं.
राजेन्द्र प्रसाद के बाद रामनाथ कोविंद होंगे दूसरे राष्ट्रपति
देवी दयाल अग्रवाल ने बताया कि परिसर में ही पंडाल और सिटिंग अरेंजमेंट देखने के लिए कर्मचारी लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि पंडाल में 350 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री रामनाथ कोविंद भी उपस्थित रहेंगे. उन्होंने बताया कि गोरखपुर के गीता प्रेस परिवार उस घड़ी का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहा है. वे देश के दूसरे राष्ट्रपति हैं, जो गीता प्रेस में आ रहे हैं. इसके पहले देश के पहले राष्ट्रपति रहे 29 अप्रैल 1967 को स्व. राजेन्द्र प्रसाद यहां पर 67 साल पहले आए थे. अब दूसरे राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां पर आएंगे. गीता प्रेस के लीला चित्र मंदिर में उसका निरीक्षण करेंगे. वहीं पर उनका राष्ट्रपति का सम्मान समारोह भी किया जाएगा. वहां से वे मंच पर आकर लोगों को संबोधित करेंगे. उस दौरान ग्रंथों का विवेचन होगा. हिन्दुस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों से आ रहे ट्रस्टियों द्वारा सम्मान किया जाएगा. सौंवा वर्ष शुरू हो चुका है. आध्यात्मिक रूप में लोगों ने गीता को जिस रूप में रखा है. गीता प्रेस की 20 ब्रांच है. 1800 से अधिक प्रकार की धार्मिक पुस्तकें 15 भाषाओं में यहां से प्रकाशित होती है. जिससे लोगों को अलग-अलग भाषाओं में पुस्तकें प्रदान की जा सके.
जानिए 100 साल में कितनी छप चुकी हैं किताबें
गीता प्रेस की स्थापना 29 अप्रैल 1923 और हिन्दी तिथि के अनुसार 14 मई 1923 को हुई थी. 100 वर्षों में अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें गीता प्रेस में छप चुकी हैं. 96 वर्ष से निरंतर चल रही कल्याण पत्रिका की भी 15 करोड़ से अधिक प्रतियां अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं. विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें और 15 से अधिक कल्याण पत्रिका के अंक प्रकाशित कर चुका है. गीता प्रेस 18 भाषाओं में 1800 तरह की पुस्तकों का प्रकाशन करता है.
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