गोरखपुर: कोरोना काल में भी पूर्वोत्तर रेलवे ने माल ढोने में पिछले साल का तोड़ा रिकॉर्ड
कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद पूर्वोत्तर रेलवे पर माल यातायात की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हुई है. 12 मार्च 2021 तक पूर्वोत्तर रेलवे पर 2.4313 मिलियन टन माल का लदान हुआ. जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.5 फीसदी अधिक है.
गोरखपुरः कोविड-19 की चुनौतियों के बीच भी पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष में पूर्वोत्तर रेलवे माल लदान में आगे रहा है. उसने पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 12 मार्च 2021 तक गतवर्ष की अपेक्षा 2.4313 मिलियन टन यानी 5.5 फीसदी अधिक लदान का रिकॉर्ड बनाया है. भारतीय रेलवे भी पिछले वित्तीय वर्ष के माल लदान के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 1145.68 मिलियन टन माल का लदान किया. जो पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के लदान 1145.61 से अधिक है.
पूर्वोत्त्र रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद पूर्वोत्तर रेलवे पर माल यातायात की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी और विभिन्न स्तरों पर गठित 'बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट' के प्रयासों के फलस्वरूप माल लदान में अपेक्षित वृद्धि हो रही है. 12 मार्च 2021 तक पूर्वोत्तर रेलवे पर 2.4313 मिलियन टन माल का लदान हुआ. जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.5 फीसदी अधिक है. इसी प्रकार माह मार्च 2021 में 12 मार्च तक पूर्वोत्तर रेलवे पर गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 107.10 फीसदी माल लदान अधिक हुआ.
माल लदान में वृद्धि क्रम भारतीय रेल पर जारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि भारतीय रेल पर भी माल लदान वित्त वर्ष 2020-21 खत्म होने के पहले ही 11 मार्च 2021 तक 1145.68 मिलियन टन माल का लदान हुआ. जो पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में माल लदान 1145.61 से अधिक है. मार्च 2021 माह में माल लदान में वृद्धि का यह क्रम पूरे भारतीय रेल पर जारी है. मार्च, 2021 माह में 11 मार्च, 2021 तक 43.43 मिलियन टन का लदान हुआ. जो गतवर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है. दिन-प्रतिदिन के आधार पर 11 मार्च 2021 को भारतीय रेल पर 4.07 मिलियन टन का लदान हुआ है, जो गत वर्ष के इसी दिन की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.
वित्त वर्ष 2020-21 के आरम्भ से ही देशवासियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने हेतु देशव्यापी लॉकडाउन लागू हुआ. इसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा. भारतीय रेल ने इस परिस्थिति को एक अवसर के रूप में लिया. इसके लिए भारतीय रेल ने विशेष योजना बनाकर कार्य किया. देश के विभिन्न भागों से माल लदान कर उसे गन्तव्य पर पहुंचाया. मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि की. माल लदान में अपेक्षित वृद्धि हेतु व्यापारिक संस्थाओं को रियायत दी गई. ये देश की अर्थव्यवस्था में सुधार का बड़ा संकेत है.
क्या है माल लदान में वृद्धि का कारण पूर्वोत्तर रेलवे पर माल लदान में बढ़ोत्तरी हेतु मंडल और मुख्यालय स्तर पर गठित 'बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिट' के विपणन प्रयासों और मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि, मालगोदामों में अपेक्षित सुधार और विकास के कार्यों के फलस्वरूप माल लदान में वृद्धि हो रही है. पुराने आईसीएफ कोचों को एनएमजी वैगनों में परिवर्तित किए जाने के फलस्वरूप आटोमोबाइल लदान में वृद्धि हुई है.
पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल पर हल्दी रोड स्टेशन से बांग्लादेश हेतु आटोमोबाइल की बुकिंग की जा रही है, जो पूर्व में सड़क मार्ग से होता था. इसी प्रकार नौतनवां स्टेशन आटोमोबाइल टर्मिनल के रूप में विकसित हुआ. जिससे रेल मार्ग से यहां आकर नेपाल को जाने वाला माल यहीं अनलोड कर भेजा जा रहा है.
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