Gorakhpur Today News: रेलवे भारत की जीवन रेखा है. लोको पायलट भारतीय रेल की धुरी है. भारतीय रेल में प्रतिदिन संचालित होने वाली हजारों सवारी और मालगाड़ियों के संचालन का पूरा जिम्मा लोको पायलट के कंधो पर होता है. हर मौसम में लोको पायलट निरंतर अपनी जिम्मेदारियों का वहन करते हुए पूरी सतर्कता के साथ रेल संचालन में अपना योगदान देते हैं. रेलवे प्रशासन भी लोको पायलट के महत्व को समझते हुए उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है.
पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर के कुशल मार्गदर्शन में रनिंग स्टाफ हेतु पूर्वोत्तर रेलवे पर कुल 25 लोको लॉबी और 18 रनिंग रूम बनाये गये हैं. पूर्वोत्तर रेलवे पर रेल सेवाओं के संरक्षित संचालन हेतु लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व रनिंग स्टॉफ के 4,155 पद स्वीकृत है. वर्तमान में 3,632 कार्मिक कार्यरत है. शेष 523 पदों पर भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों (रेलवे भर्ती बोर्ड एवं विभागीय परीक्षाओं द्वारा) में चल रही है.
यहां बनाए गए हैं रनिंग रूम
गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, सीतापुर, मैलानी, नानपारा, नौतनवा, गोरखपुर ईस्ट, मऊ, वाराणसी, छपरा, बलिया, भटनी, प्रयागराज रामबाग, सीवान, थावे, काठगोदाम, लालकुआं, काशीपुर, बरेली सिटी, कासगंज, फर्रुखाबाद, पीलीभीत, टनकपुर एवं रामनगर में लोको लॉबी तथा गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, मैलानी, सीतापुर, थावे, प्रयागराज रामबाग, भटनी, सीवान, छपरा, बलिया, वाराणसी, मथुरा जंक्शन, लालकुआं, शाहजहांपुर, कासगंज, काठगोदाम और टनकपुर में रनिंग रूम बनाए गए हैं. जहां स्थानीय मुख्यालय के अतिरिक्त दूसरे मुख्यालय से आने वाले रनिंग स्टाफ को आराम हेतु रनिंग रूम की सुविधा प्रदान की जाती है.
भारतीय रेल पर लोको पायलट के ड्यूटी घंटों को सवारी गाड़ी में अधिकतम 08 घंटे एवं माल गाड़ियों में अधिकतम 10 घंटे निश्चित किया गया है. इसके बाद उन्हें विभिन्न नामित स्थानों पर स्थित रनिंग रूम (विश्राम गृह) में आराम दिया जाता है. रनिंग स्टॉफ को अपने मुख्यालय पर 16 घंटे एवं रनिंग रूम में 08 घंटे विश्राम के बाद अगली गाड़ी में बुकिंग की जाती है. लोको पायलट नियमानुसार आराम के घंटे पूर्ण करने के पश्चात् ही ड्यूटी पर बुलाए जाते हैं. रनिंग स्टाफ का ड्यूटी पर बुलाने के लिए निश्चित समय पूर्व कर्मचारी को रेलवे की तरफ से दिए गए सीयूजी फोन पर मैसेज और कॉल कर सूचना दी जाती है.
ड्यूटी ऑन से पहले करना होता है ये काम
ड्यूटी ऑन होने से पूर्व सभी रनिंग स्टाफ को कम्प्यूटरीकृत लॉबी में साइन ऑन करना होता है, जहां उन्हें ड्यूटी पर जाने वाली गाड़ी संबंधी सभी सूचनाएं एवं रेल खण्ड के गति प्रतिबंधों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है. साइन ऑन से पूर्व सभी रनिंग स्टाफ को अल्कोहल की जांच के लिए ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट भी किया जाता है. पूर्ण स्वस्थ एवं सभी कार्यवाही पूरी करने के बाद लोको पायलट/सहायक लोको पायलट साइनऑन कर गाड़ी के लोकोमोटिव पर पहुंचते हैं. लोकोमोटिव की आवश्यक जांच करने के पश्चात् नियमानुसार रेल संचालन का कार्य करते है.
भारतीय रेल सुरक्षित और संरक्षित रेल संचालन हेतु लोको पायलट के महत्वपूर्ण पद की भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए, उनके कल्याण के लिए विभिन्न कार्य कर रही है. इसमें रनिंग स्टॉफ को आउट ऑफ टर्न आवास और अन्य सुविधा दी जाती है. तनावमुक्त रहकर कार्य करने के लिए उनके परिवार की भी समय-समय पर काउंसलिंग की जाती है. बदलती तकनीक और नये आधुनिक कार्य प्रणाली से अवगत कराने एवं अपडेट होने के लिए रनिंग स्टाफ को रिफ्रेशर कोर्स भी कराए जाते है. भारतीय रेल रनिंग स्टाफ के कल्याण एवं सुख सुविधाओं के लिए कृत संकल्पित है.
रनिंग स्टाफ को दी जाने वाली सुविधाएं
लॉबी में उपलब्ध सुविधाएं
- रनिंग स्टॉफ को लॉबी से जुड़े हुए एक वातानुकूलित रेस्ट रूम की व्यवस्था (जहां आराम चेयर एवं सोफे की व्यवस्था होती है) जहां गाड़ी के विलम्ब के समय रेस्ट किया जा सके.
- लॉबी एवं रेस्ट रूम वातानुकूलित
- आरओ एवं वाटर कूलर युक्त पेयजल की सुविधा
- लॉबी में सीयूजी फोन की सुविधा
रनिंग रूम में उपलब्ध सुविधाएं
- घर से दूर घर जैसी सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए उच्च मानदंडों की साफ-सफाई एवं कीटाणुरहित वातानुकूलित शयनकक्ष
- आर.ओ. एवं वाटर कूलर युक्त पेयजल की सुविधा
- प्रत्येक स्टाफ के बदलते ही लिनन बदलना
- कमरों में पर्याप्त रोशनी/हवा हेतु वेंटिलेशन
- कमरों में गहरे रंगों के पर्दों की व्यवस्था
- मेडिटेशन रूम
- पत्र-पत्रिकाओं की सुविधा
- खाना पकाने के लिए हाइजेनिक रसोई की व्यवस्था
- सब्सिडाइज भोजन की उपलब्धता
- डाइनिंग हॉल/चेयर/टेबल की व्यवस्था
-. रेफ्रिजरेटर/आयरन/वाशिंग मशीन की व्यवस्था
- महिला रनिंग स्टाफ के लिए अलग कमरों एवं टॉयलेट की व्यवस्था
- सभी रनिंग रूम में क्रू मैनेजमेंट प्रणाली की व्यवस्था
- ओपन जिम
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