Gorakhpur News: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर नगर निगम में आउटसोर्सिंग भर्ती पर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. अब अखिलेश यादव के ट्वीट पर गोरखपुर नगर निगम ने सफाई दी है. अधिकारियों ने बताया है कि नगर निगम और उत्‍तर प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में कार्य की अधिकता की वजह से तहसीलदार, नायब तहसीलदार और लेखपाल की प्रतिनियुक्ति पर नियुक्ति की जाती है. ये व्यवस्था पहले से लागू है. इस पर आरक्षण लागू नहीं होता है. अखिलेश के ट्वीट ने सियासी गलियारे और सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है.


सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर किए गए एक ट्वीट ने हंगामा खड़ा करके रख दिया है. अखिलेश यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘X’ पर गोरखपुर नगर निगम की एक निविदा को ट्वीट करते हुए तहसीलदार, नायब तहसीलदार और लेखपाल के पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती और आरक्षण खत्म करने पर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल खड़े किए हैं. अखिलेश ने इसे पीडीए के खिलाफ साजिश करार देते हुए लिखा है कि भाजपा पूरी सरकार को ही आउटसोर्सिंग कर दे, तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन सेट हो जाए. ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को खत्म करने का महाकष्‍ट नहीं उठाना पड़ेगा.


क्या बोले नगर आयुक्त निरंकार सिंह
गोरखपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने बताया कि नगर निगम या उत्‍तर प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्य की अधिकता की वजह से सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किए जाते हैं. ये कोई परमानेंट पोस्टिंग नहीं है. ये मानदेय है. इसमें किसी भी प्रकार का आरक्षण लागू नहीं होता है. ये पहली बार नई नियुक्ति नहीं हो रही है.


इसके पहले साल 2012 में नायब तहसीलदार सेवानिवृत्‍त होने के बाद से काम कर रहे हैं. क्योंकि उन्हें कार्य का अनुभव होता है. ये वैकेंसी नगर निगम के संपत्ति विभाग में शहर की जमीन की पैमाइश और सुरक्षा के लिए योजनाओं का लाभ किसी विभाग को देने के लिए नियुक्तियां की जाती हैं. ये सिर्फ सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी हैं. ये व्‍यवस्‍था उन्हीं के लिए है.


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