डेटा बेचकर करते थे साइबर ठगी, सरकारी वेबसाइट से फिंगर प्रिंट क्लोन बनाकर यूं खातों से उड़ा देते हैं रुपए
गोरखपुर में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. यहां 11 शातिर साइबर अपराधी पकड़े गये हैं. ये डाटा बेचकर लोगों से ठगी करते थे.
Cyber criminals arrested in Gorakhpur: नेपाल से लेकर दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्यों में डेटा बेचकर साइबर ठग मासूम और अनजान लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. गोरखुपर पुलिस ने बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फ्रिंगर प्रिंट का क्लोन और आधार कार्ड नंबर से लोगों के खातों से रुपए उड़ाने वाले इन आरोपियों के पास से पुलिस ने 9 लाख 10 हजार रुपए पुलिस ने बरामद किया है. फिंगर प्रिंट और आधार कार्ड का नंबर चुराने के लिए साइबर ठगों ने सरकारी वेबसाइट का भी इस्तेमाल किया है. ये डेटा को एक-दूसरे को अलग-अलग राज्यों के अपने करियर को बेचकर साइबर ठगी करते रहे हैं. साइबर ठगी करने वाले इस गिरोह का नेटवर्क नेपाल से लेकर दिल्ली और हरियाणा के साथ कई राज्यों में फैला हुआ है. ग्राहक सेवा केन्द्र की आड़ में अनजान और मासूम लोगों को शिकार बनाने वाले इन आरोपियों के पास से भारी मात्रा में मोबाइल, सिम और अन्य सामान बरामद हुए हैं.
सर्विलांस की मदद से पकड़े गये 11 शातिर ठग
गोरखपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि ये आरोपी पहले ग्राहक सेवा केन्द्र के नाम पर आईडी पंजीकरण कराने के बाद साइबर ठगी करते रहे हैं. ये साइबर ठग इतने शातिर हैं कि फोटो कॉपी की दुकान से रजिस्ट्री पेपर से फ्रिंगर प्रिंट से क्लोन तैयार कर आधार कार्ड नंबर माध्यम से अपने बैंकों में फर्जी नाम से खाते खोलकर उसमें रुपए ट्रांसफर कर लेते रहे हैं. उन्होंने बताया कि 11 साइबर ठगों को क्राइम ब्रांच और स्वाट टीम और सर्विलांस सेल के सहयोग से गिरफ्तार किया है. ये साइबर अपराधी हैं. उन्होंने बताया कि इनके पास से तमाम सिम, सेल फोन, पासबुक, फ्रिंगर प्रिंट के क्लोन्स, आधार कार्ड नंबर और एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. ग्राहक सेवा केन्द्र के नाम पर आईडी पंजीकरण कराने के बाद ये लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाते रहे हैं. उन्होंने बताया कि फोटो कॉपी की दुकान से रजिस्ट्री पेपर की फोटो कॉपी से फिंगर प्रिंट और आधार कार्ड नंबर चोरी करके उसे क्लोन करके उसे मोल्ड बनाकर उससे खाते से डेटा चोरी करके फर्जी खातों में रुपया ट्रांसफर किया गया है.
पीड़ित लोगों का पैसा लौटाया जाएगा
ये गिरोह काफी दिनों से अपराध कर रहा है. साइबर अपराधियों के खिलाफ अभियान के तहत इन 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि इनके फर्जी खातों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है. जिन लोगों के खातों से रुपए निकालकर उन्हें शिकार बनाया गया है, जिनके आधार कार्ड और फ्रिंगर प्रिंट के क्लोन मिले हैं और इनके फर्जी खातों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि जिनके खाते से रुपए चोरी किए गए हैं, उनका पता लगाकर उनके रुपए लौटाए जाएंगे. एसएसपी ने बताया कि इन 11 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि पुलिस इन्हें रिमांड पर लेकर और भी तमाम बरामदगी करने की उम्मीद है.
फर्जी खातों में किया जाता था ट्रांसफर
साइबर क्राइम के माध्यम से अर्जित रुपए को ट्रांसफर करने के लिए फर्जी खातों की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि जो नेपाली नागरिक और लेबर वर्क के लोगों के धोखे में रखकर खातों का साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. उनके आधार और पैन बनाकर साइबर क्राइम किया जाता है. इनके एजेंट दिल्ली और हरियाणा में काम करते हैं. जो आधार और पैन की डीटेल देते रहे हैं. जिसके माध्यम से रुपयों को ट्रांसफर कर निकाला जाता था.
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि नेपाल से लेकर दिल्ली और हरियाणा के खातों का इसमें इस्तेमाल किया गया है. इस गैंग में अन्य राज्यों के भी कुछ चेक मिले हैं. ऐसे में ये हो सकता है कि यूपी के अलावा कुछ अन्य राज्यों के भी लोग डेटा चोरी के कार्य में लिप्त हों. गोरखपुर के अलावा बगल के राज्य में भी इनके कुछ नेटवर्क ऑपरेट कर रहे होंगे. कुछ सरकारी वेबसाइट्स से अनजान लोगों के रजिस्ट्री के कागज से फ्रिंगर प्रिंट निकालकर उसका क्लोन तैयार कर साइबर अपराध को अंजाम देते हैं. इन आरोपियों में एक फोटो कॉपी की दुकान है. वो रजिस्ट्री के लिए आने वाले कागजों की फोटो कॉपी से डेटा चोरी कर उसे उपलब्ध कराता रहा है.
दूसरे राज्यों को बेच रहे थे डाटा
एसएसपी ने बताया कि वे अपने अन्य स्टेट के साथियों को डेटा बेच रहे हैं. उस स्टेट के लोग यहां के लोगों को डेटा बेच रहे हैं. आगे विस्तार से जांच में इसका विस्तार से पता चल जाएगा. इसमें प्रतिदिन एसपी क्राइम के साथ पांच लोगों की एसआईटी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि अभी पूछताछ जारी है. उन्हें अभी वेरिफाई करना है. अभी उन्हें पकड़ा गया है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सभी लोग अपने आधार कार्ड को सुरक्षित रखिएगा. आधार कार्ड को अनावश्यक किसी को नहीं दें. ग्राहक सेवा केन्द्र में सोच समझ कर चुनें. एमआधार ऐप पर आधार को रजिस्ट्रर्ड करके आधार अनेबल पेमेंट सिस्टम को डिसेबल करके रखें. जब जरूरत हो, तभी यूज करने के लिए उसे खोलें.
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि इनके पास से होण्डा सिटी कार, एक अदद पल्सर मोटरसाइकिल, फिंगर प्रिन्ट क्लोन, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, फिंगर प्रिन्ट क्लोन बनाने वाली मशीन मयउपकरण, मोबाइल फोन 53 अदद, मोबाइल सिम, चेक बुक, पास बुक, डोंगल, एटीएम कार्ड, लैपटाप, पैन ड्राइव और रजिस्टर आधार कार्ड डाटा सहित भारी मात्रा में सामग्री बरामद की गई है.
पुलिस ने कैण्ट थानाक्षेत्र के कलेक्ट्रेट के तरफ से हरिओम नगर तिराहे की तरफ आ रही होण्डा सिटी कार और मोटरसाइकिल पर सवार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने पूछताछ में बताया कि अंगूठे का क्लोन बनाकर फर्जी सीएसपी से बैंक खातो से पैसे निकालने का काम करते हैं. इनके कुछ साथी अंगूठे का क्लोन बनाते है, जो साईं कम्यूनिकेशन जिला पंचायत रोड की दुकान पर मौजूद हैं. जहां पर ये लोग भी जा रहे हैं. गाड़ी में बैठे सभी आरोपी और मोटरसाइकिल सवार को पुलिस टीम साई कम्यूनिकेशन जिला पंचायत रोड लेकर पहुंची और वहां से क्लोन बनाने वाली मशीन, कम्प्यूटरमय उपकरण बरामद हुआ.
शातिर ठगों से मिला सामान
इनकी पहचान गोरखपुर के दाउदपुर के रहने वाले राघवेन्द्र मिश्रा, गोरखपुर के चिलुआताल के मोहरीपुर के सोनू कुमार पासवान, गोरखुपर के सहजनवां अचियापार के रहने वाले मुकेश कुमार, गोरखपुर के सहजनवां के विकास उर्फ विक्की, गोरखपुर के तिवारीपुर थानाक्षेत्र के जाफरा बाजार के सैयद जावेद अली, गोरखपुर के बड़हलगंज के बुढनपुरा के रहने वाले शशांक पाण्डेय, नेपाल के पोखरा के अस्थायी पता महराजगंज नौतनवां दीपेन्द्र थापा, महराजगंज के नौतनवां और अस्थायी पता नई दिल्ली के मार्डन टाउन के सागर जायसवाल, नौतनवां के वार्ड नंबर 13 अस्थायी पता मलिकपुर मार्डन टाउन नई दिल्ली के रहने वाले राहुल राना, गोरखपुर के तिवारीपुर के रहने वाले अमित कन्नौजिया और गोरखपुर के उरुवां बाजार के देवापार गांव के रहने वाले आशीष पाठक को गिरफ्तार किया है.
इनके पास से 9 लाख 10 हजार रुपए, 53 मोबाइल फोन, 34 मोबाईल सिम, डोंगल, 26 एटीमए कार्ड, 53 पासबुक, 48 चेकबुक, 8 अदद चेक, एक अदद, दो करोड़ रुपए 60 लाख रुपए का ड्राफ्ट, एक अदद डिमांड ड्राफ्ट 10 करोड़ रुपए, 213 फिंगर प्रिंट क्लोन, 4 फिंगर स्कैनर, 4 पेन ड्राइव, दो अदद रजिस्टर, दो अदद डायरी, एक लैपटाप, मॉनीटर और पॉलीमर लिक्विड 4 बोतल, फ्रिंगर प्रिंट उठाने वाला दो ग्लास, दो अल्ट्रा वायलेट राड, 6 अदद सीट, सेल्फ इंक मशीन, दिल्ली के नंबर की होंडा सिटी कार, पल्सर बाइक, 5 आधार कार्ड, तीन पैन कार्ड बरामद हुआ है. इनके खिलाफ कैण्ट थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 474, 120बी, 411 और 66, 66C, 66D IT ACT के तहत दर्ज किया गया है.
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