गोरखपुर: गोरखपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने 24 घंटे के अंदर सर्राफा व्यापारियों से 35 लाख रुपए के सोने-चांदी और नकदी की लूट करने वाले तीन वर्दीवालों समेत कुल छह बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. बस्ती में तैनात दारोगा और दो सिपाहियों समेत पुलिस की वर्दी में लूट की घटना को अंजाम दिया और फरार हो गए थे. इसके पहले भी इनके गैंग ने ड्यूटी से गैर हाजिर रहते हुए बस्ती जिले से गोरखपुर आकर लूट की घटना को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस के आलाधिकारी इनके खिलाफ गैंगस्टर और एनएसए की कार्रवाई के साथ बर्खास्तगी के लिए भी डीजीपी कार्यालय को पत्र लिख रहे हैं.
आरोपी गिरफ्तार
गोरखपुर के पुलिस लाइन्स व्हाइट हाउस सभागार में घटना का खुलासा डीआईजी/एसएसपी जोगिन्दर कुमार ने किया. उन्होंने बस्ती जिले के पुरानी बस्ती थाने में तैनात और गोरखपुर के थाना सिकरीगंज के जगरनाथपुर के रहने वाले गैंग सरगना उप निरीक्षक धर्मेन्द्र यादव, पुरानी बस्ती थाने में तैनात मऊ जिले के थाना सराय लखनसी के रैकवार डीह गांव के रहने वाले सिपाही महेन्द्र यादव, गाजीपुर जिले के जंगीपुर थानाक्षेत्र के अलवरपुर के रहने वाले सिपाही संतोष यादव को पेश किया. इनके साथ पुलिस ने बोलेरो चालक बस्ती जिले के पुरानी बस्ती के रहने वाले देवेन्द्र यादव, व्यापारियों की मुखबीरी कर सूचना देने वाले पार्टनर महराजगंज के ठूठीबारी थानाक्षेत्र के इटहिया के रहने वाले शैलेश यादव और दूसरे मुखबिर के साथ साझीदार महराजगंज के निचलौल के मारवाड़ी टोला के रहने वाले दुर्गेश अग्रहरी को गिरफ्तार किया है.
एसएसपी ने बताया पूरा घटनाक्रम
एसएसपी जोगिन्दर कुमार ने बताया कि महराजगंज के निचलौल के रहने वाले सरार्फा व्यापारी दीपक वर्मा और रामू वर्मा 20 जनवरी को रोडवेज की बस से लखनऊ जा रहे थे. वर्दीवाले बदमाश दारोगा धर्मेन्द्र यादव, महेन्द्र यादव, संतोष यादव ने कैण्ट इलाके के रेलवे स्टेशन से लेकर नौसड़ के बीच में इन व्यापारियों को बस से उतार लिया. उन्होंने अवैध रूप से सोना-चांदी और रुपए होने और जांच के नाम पर उन्हें आटो में बैठा लिया और उनका सोना-चांदी और रुपए लूट कर फरार हो गए. दोनों सर्राफा व्यपारियों को उन पर शक हुआ, तो उन्होंने वर्दीधारियों द्वारा 35 लाख रुपए के सोना-चांदी और नकदी (345.5 ग्राम सोना, अनुमानित कीमत 12 लाख, 4.77 किलोग्राम चंदी अनुमानित कीमत 4 लाख रुपए और 19 लाख रुपए नकद) लूट की सूचना आलाधिकारियों को दी.
एसएसपी जोगिन्दर कुमार ने बताया कि लूट की घटना की जानकारी होने के बाद पुलिस ने सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से कैण्ट इलाके के पैडलेगंज से वर्दीधारी तीनों बदमाशों और उनके तीन साथियों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि पुलिस की पूछताछ में 29 दिसंबर को शाहपुर इलाके में स्वर्ण व्यवसाई से लूट की घटना को अंजाम देने की बात भी इस गैंग ने स्वीकार की है. पुलिस ने इनके पास से लूट का सारा माल बरामद कर लिया है. इनके पास से घटना में इस्तेमाल की गई बोलेरो भी बरामद की गई है. इनके खिलाफ शाहपुर और कैण्ट थाने में आईपीसी की धारा 395, 412 और 420 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है.
ड्यूटी से गैरहाजिर पुलिसवालों पर सख्त कार्रवाई
एसएसपी जोगिन्दर कुमार ने बताया कि ड्यूटी पर गैर हाजिर रहते हुए इनके द्वारा लूट की घटना को अंजाम दिया गया है. ये बहुत ही जघन्य अपराध है. इनके खिलाफ गैंगस्टर के साथ एनएसए और बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जाएगी. जिससे ये घटना और 24 घंटे के अंदर घटना का अनावरण अन्य पुलिसवालों के लिए नजीर बन सके. कोई भी पुलिसवाला वर्दी में रहते हुए इस तरह का जघन्य अपराध करता है, तो उसके खिलाफ और सख्त कार्रवाई होगी. इस तरह का संदेश इससे जाएगा. उन्होंने बताया कि इन बदमाशों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया गया है. डीजीपी के यहां से भी इस टीम को पुरस्कृत करने की अनुशंसा की जाएगी. इस अवसर पर सर्राफा व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने पुलिस के आलाधिकारियों को सम्मानित भी किया.
महराजगंज के निचलौल के रहने वाले सर्राफा व्यापारी दीपक वर्मा ने बताया कि 20 जनवरी की सुबह 7.30 बजे से 8 बजे के करीब वर्दीधारी लुटेरों ने उन्हें बस से उतारा और लूट की घटना को अंजाम दिया. उन्होंने बताया कि सुबह वे महराजगंज के निचलौल से निकले और गोरखपुर 7.30 बजे पहुंचे. यहां पर वे बस में बैठे. इसी बीच एक एसआई और दो कांस्टेबल की वर्दी में आए और चेकिंग के नाम पर बस में बैठा लिए. इसके बाद कोतवाली चलने के लिए कहकर आटो बुक किए और नौसड़ ले जाने लगे. इसके बाद उन लोगों ने कहा कि नौसड़ चौकी इंचार्ज के पास चलो और वहीं पर बात होगी.
पीड़ित व्यापारी का बयान
पीडि़त व्यापारी दीपक वर्मा ने बताया कि इसके बाद वे लोग नौसड़ से और आगे चले गए. उनसे बैग की छीना-झपटी करने लगे. उनके पास में रिवाल्वर था और रिवाल्वर सटाकर कहे कि जान से भी जाओगे और माल से भी जाओगे. इसके बाद रुपए निकालकर अपने जैकेट में भर लिए. इसके बाद उनके साथ के दूसरे व्यापारी रामू वर्मा को भी दौड़ाए. वो भागा तो उसे भी दौड़ाकर पकड़ लिए. दोबारा बहस हुआ और कोतवाली चलने को कहा. नौसड़ के पास उन्हें आटो से धक्का दिए और दूसरे व्यापारी को लेकर बनारस हाईवे की ओर चले गए. इसके बाद उन लोगों ने नौसड़ पुलिस चौकी को सूचना दिए. एक एसआई की वर्दी और दो कांस्टेबल की वर्दी में थे.
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