Gorakhpur News: यूपी सरकार लगातार नकल माफियाओं पर शिकंजा कस रही है. पुलिस भर्ती परीक्षा में पूरे यूपी से मुन्ना भाईयों की गिरफ्तारी के बाद अब गोरखपुर पुलिसि ने एक गैंग के चार ऐसे सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो यूपी, बिहार और झारखंड में अपना नेटवर्क और जाल फैलाकर एडमिट कार्ड को मोबाइल पर मंगाने के बाद उसका क्लोन तैयार कर फर्जी एडमिट कार्ड पर साल्वर का फोटो लगाने के बाद रेटिना मैच कराकर परीक्षा केन्द्र के अंदर भेजा करते रहे हैं. इसमें सफल नहीं होने पर केन्द्र को मैनेज करने और फर्जी प्रश्नपत्र देकर रातभर तैयारी करवाकर भोले-भाले अभ्यर्थियों को झांसे में लेकर परीक्षा पास कराने और नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठते रहे हैं. यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में भी ऐसे अभ्यर्थियों से 9 लाख रुपए गैंग ने वसूले थे.
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने सोमवार को पुलिस लाइन्स सभागार में एएसपी/सीओ कैंट अंशिका वर्मा की मौजूदगी में चारों आरोपियों को पेश किया. उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को गोरखपुर में सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया गया है. इसमें कुछ लोगों द्वारा सेंध लगाने का प्रयास किया गया है. जिसे असफल कर दिया गया. इसमें एक ऐसा गैंग हत्थे चढ़ा है जिसने अभ्यर्थियों के अंगूठे का क्लाने बनाने का प्रयास किया. इसके बाद उसे मैच कराने, एडमिट कार्ड पर फोटो बदलकर साल्वर को बैठाने और इसके साथ ही सेंटर को मैनेज करने तक का प्रयास किया.
जब वहां पर भी बात नहीं, तो उन्होंने पेपर आउट कराने की स्कीम बताकर 24 लोगों के एडमिट कार्ड लिए और उनमें से तीन लोगों को रातभर पुराना पेपर पढ़ाया गया. इसके बाद जब तीनों अभ्यर्थियों ने सुबह पेपर दिया, तो उन्हें पता चला कि पेपर दूसरा आया है. उनके साथ धोखा हुआ है. जिन तीन लोगों के साथ ठगी हुई है, उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. उनकी निशानदेही पर तीन आरोपियों को अरेस्ट कर 24 एडमिट कार्ड, एक चार पहिया वाहन, एक बाइक बरामद किया गया है. वादी द्वारा फर्जी विभिन्न प्रकार का फर्जीवाड़ा करके यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड परीक्षा में एंट्री करने का प्रयास किया गया, इसलिए वो लोग भी जेल जाएंगे.
व्हाट्सएप चैट से हुए अहम खुलासे
आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 17 फरवरी और 18 फरवरी को यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती-2023 में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए उनसे सम्पर्क कर उनसे रुपए लेकर उनके एडमिट कार्ड को मोबाइल पर मंगवाकर उसका क्लोन बनवाया गया. इसके बाद एडमिट कार्ड पर लगे फोटो को मिटाकर उस फोटो के स्थान पर अपने साल्वर का फोटो लगाकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अवैध तरीके से अभ्यर्थीयों को पास करवाने की जिम्मेदारी ली गई. परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों पर थंब इंप्रेशन के अलावा रेटिना मैच कराने के बाद परीक्षा में इंट्री हो रही थी. इस वजह से प्रश्न पत्र को लीक कराकर उत्तर कुंजी हस्तलिखित तैयार कर अभ्यर्थीयों को रटने के दिया गया था.
पकड़े गए आरोपियों के व्हाट्सएप चैट के अवलोकन से यह पाया गया कि यह गिरोह उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार राज्यों में हो रहे प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर समय से पूर्व साल्व कर अभ्यर्थियो को बेच देते थे. अवैध अभ्यार्थियो को तैयार कर साल्वर के रूप में परीक्षाओं में बैठाया जाता है. इस गैंग के व्हाट्सएप चैट में अभ्यर्थी का प्रवेश पत्र संशोधन, अंगूठे का क्लोनिंग, फोटो मिक्स और हस्ताक्षर करने के प्रमाण का उल्लेख पाया गया. आरोपियों ने यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती-2023 में पास कराने के लिए प्रश्नपत्र देने के एवज में 9 लाख रुपया लिया गया था.
आरोपियों को कोर्ट में पेश कर भेजा जेल
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई के मार्गदर्शन में अपर पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी कैण्ट अंशिका वर्मा के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक कैण्ट रणजीत मिश्रा, एसओजी प्रभारी गोरखपुर के नेतृत्व में स्वाट प्रभारी गोरखपुर पुलिस टीम ने आरोपी गोरखपुर के खोराबार थानाक्षेत्र के कोनी गांव के रहने वाले जय पाण्डेय, खोराबार के लालपुर टीकर बीस बिगहा के बिगहा के रामा यादव उर्फ रंजीत यादव, अजय कुमार यादव और गोरखपुर के मूलरूप से देवरिया जिले के बनकटा थानाक्षेत्र के कटहरा गांव और अस्थायी पता खोराबार थानाक्षेत्र के सूबाबाजार के रहने वाले लाल साहब प्रसाद को अरेस्ट किया है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
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